17 से 25 अक्टूबर तक विशेष अभियान-मुख्य सचिव

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महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिये विशेष अभियान संचालित किये जाने के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी 17 से 25 अक्टूबर तक चलाया जायेगा विशेष अभियान
प्रत्येक जनपद में विशेष अभियान का शुभारम्भ 17 अक्टूबर को प्रभारी मंत्रिगण द्वारा किया जायेगा  विशेष अभियान के शुभारम्भ होने के पश्चात् विभिन्न विभागों द्वारा अन्तर्विभागीय समन्वय द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा एवं स्वावलम्बन के सम्बन्ध में विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे
प्रथम चरण के विशेष अभियान का समापन 25 अक्टूबर, 2020 को होने के उपरान्त, यह विशेष अभियान ‘मिशन शक्ति’ के नाम से अनवरत रहेगा जारी,प्रत्येक जनपद में विशेष अभियान के पर्यवेक्षण व अनुश्रवण हेतु जनपदवार महिला नोडल अधिकारी नामित




लखनऊ:
 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिये एक विशेष अभियान संचालित किये जाने के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं। उक्त जानकारी देते हुये मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिये एक विशेष अभियान शारदीय नवरात्र में दिनांक 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि विशेष अभियान के शुभारम्भ होने के पश्चात् विभिन्न विभागों द्वारा अन्तर्विभागीय समन्वय द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा एवं स्वावलम्बन के सम्बन्ध में विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

प्रत्येक जनपद में विशेष अभियान का शुभारम्भ दिनांक 17 अक्टूबर, 2020 को प्रभारी मंत्रिगण द्वारा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के विशेष अभियान का समापन 25 अक्टूबर, 2020 होने के उपरान्त, यह विशेष अभियान ‘मिशन शक्ति’ के नाम से अनवरत जारी रहेगा, जिसका अन्तिम रूप से समापन माह अप्रैल, 2021 (वासंतिक नवरात्र) में होगा। विशेष अभियान के संचालन के दौरान महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन तथा महिला अपराध व बाल अपराध के सम्बन्ध में जागरूकता पैदा करने हेतु प्रत्येक माह एक सप्ताह के विशिष्ट कार्यक्रम भी आयोजित किये जायें।

विशेष अभियान कुल 180 दिन तक चलाया जायेगा। विशेष अभियान के दौरान प्रदेश के समस्त 75 जनपदों, 821 ब्लाकों, 59,000 पंचायतों, 630 शहरी निकायों व 1535 थानों के माध्यम से महिलाओं एवं बालिकाओं को आत्म निर्भर बनने का प्रशिक्षण, सुरक्षा एवं सम्मान के प्रति जागरूकता प्रदान किये जाने की कार्य योजना है। इसके अतिरिक्त लैंगिक आधारित संवेदीकरण, ध्वनि संदेश, साक्षात्कार, प्रशिक्षण, दुर्गापूजा पण्डालों में कार्यक्रम, थानों पर कार्यक्रम तथा ग्रामीण स्तर पर जागरूकता उत्पन्न किये जाने सम्बन्धी कार्यक्रम सम्पन्न किये जायें। महिलाओं में स्वावलम्बी बनने की प्रक्रिया को बढ़ाया जाये।

विभिन्न विभागों द्वारा विभिन्न स्तरों पर शासन द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के लिये चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं में लाभार्थियों का चयन एवं प्रशिक्षण के कार्यक्रम कराये जायें। पूर्व में प्राप्त हो रहे लाभों का सत्यापन भी कराया जाये। शासन के विभिन्न विभागों की योजनाओं की जानकारी प्रदान किये जाने हेतु महिलाओं एवं बालिकाओं के जागरूकता शिविर आयोजित कर उन्हें इन कार्यक्रमों के लाभों के बारे में अवगत कराया जाये। एक रजिस्टर रखा जाये, जिसमें महिलाओं एवं बालिकाओं से सम्बन्धित कार्यक्रमों का लाभ उठाने के इच्छुक महिलाओं/बच्चों का विवरण दर्ज किया जाये तथा उन्हें विभिन्न योजनाओं में लाभ दिलाने हेतु फार्म इत्यादि भरवाकर सम्बन्धित विभाग को भेजा जाये तथा विवरण कम्प्यूटराइज कराकर अनुश्रवण किया जाये।

विशेष अभियान में स्थानीय स्तर पर सामाजिक संगठन, विभिन्न महिला संगठनों, मीडिया तथा जागरूक समाज सेवियों की एक समिति बनाकर विभिन्न रोल माॅडल का चयन किया जाये। ऐसी महिलाओं एवं बालिकाओं का चयन किया जाये, जो कि विभिन्न क्षेत्रों में समाज के लिये एक प्रेरणा बनी है तथा विशिष्ट क्षेत्रों में प्रयास कर सफलता पायी हैं। उदाहरण स्वरूप ऐसी महिलायें एवं बालिकायें, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों जैसे महिला सशक्तिकरण, भ्रूण-हत्या रोकने सम्बन्धी अभियान, उद्यमिता, शिक्षा, महिला अपराध रोकने इत्यादि इन क्षेत्रों में सफलता पाकर जनपद एवं प्रदेश के लिये रोल माॅडल बनी हैं, उनका चयन रोल माॅडल के लिये किया जाये। प्रत्येक जनपद से 100 रोल माॅडल का चयन किया जाये।

उन्होंने बताया कि विशेष अभियान का उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं एवं बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाना, उनमें सुरक्षित परिवेश की अनुभूति कराना, जन-जागरूकता पैदा करना, आत्म सुरक्षा की कला हेतु प्रशिक्षित करना एवं दुराचारियों की पहचान उजागर करना है। विशेष अभियान में शामिल विभागों के माध्यम से राज्य की समस्त आबादी यथा-24 करोड़ प्रदेश के नागरिकों, जिसमें महिलायें एवं बालिकायें मुख्य रूप से सम्मिलित हैं, को शामिल किया जायेगा। विशेष अभियान में सम्मिलित प्रत्येक विभाग की एक पृथक कार्ययोजना होगी।

विशेष अभियान के सफल संचालन के निमित्त अभियान में सम्मिलित विभागों के मध्य अन्तर्विभागीय समन्वय हेतु प्रत्येक विभाग द्वारा एक नोडल अधिकारी नामित किया जाये। प्रथम चरण में इस अभियन का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये तथा द्वितीय चरण में ‘मिशन शक्ति’ के क्रियान्वयन पर बल दिया जाये। इस विशेष अभियान को सफल बनाने हेतु सभी सम्बन्धित विभाग ‘कन्वर्जेन्स माॅडल’ के माध्यम से अपना सहयोग प्रदान करें। शिक्षा से सम्बन्धित समस्त विभाग यथा-बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, व्यावसायिक एवं चिकित्सा शिक्षा आदि द्वारा विशेष अभियान के दौरान सरकार द्वारा संचालित संस्थाओं के अतिरिक्त अन्य संस्थानों को भी सम्मिलित किया जाये तथा सभी बालक-बालिकाओं की अभियान में सहभागिता अवश्य सुनिश्चित की जाये।

इस कार्य जनपद स्तर पर कार्यरत जनपदीय अधिकारियों यथा-बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक व अन्य अधिकारियों तथा सम्बन्धित संस्था के प्राचार्य की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या आदि कुरीतियों की रोकथाम से सम्बन्धित संदेश हर परिवार तक पहुंचाने तथा व्यापक जन-जागरण हेतु नवरात्र के दौरान बने पूजा स्थलों/पण्डालों में लघु फिल्मों के माध्यम से एवं गांव-गांव नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जाये। एल0ई0डी0 वैन व पब्लिक एड्रेस सिस्टम का वृहद उपयोग कन्या भ्रूण हत्या आदि कुरीतियों को रोकने हेतु किया जाये। विशेष अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये तथा अच्छी सक्सेज स्टोरीज एवं आर्टिकिल्स का प्रकाशन किया जाये।

महिला एवं बाल अपराध की माॅनीटरिंग हेतु जनपद स्तर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में माॅनीटरिंग कमेटी गठित है, जिसकी कोविड-19 के पूर्व प्रतिमाह नियमित बैठकें होती थीं और उक्त अपराधों से सम्बन्धित वादों के निस्तारण में प्रदेश का प्रथम स्थान है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक माॅनीटरिंग कमेटी की बैठक पुनः आयोजित कराकर पाॅक्सों व महिला अपराध से सम्बन्धित वादों के मा0 न्यायालय से निस्तारण की प्राथमिकता दी जाये। इस सम्बन्ध में महानिबन्धक, मा0 उच्च न्यायालय से भी शासन द्वारा पत्र भेजकर अनुरोध किया गया है। प्रत्येक अभियानेजन अधिकारी की जवाबदेही तय की जाये तथा प्रत्येक मामले में समयबद्ध रूप से चार्जशीट दाखिल कराया जाना सुनिश्चित किया जाये।

नारी सुरक्षा से सम्बन्धित समस्त विभागों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाये कि प्राप्त शिकायतों में पीड़िता/शिकायतकर्ता की पूर्ण संतुष्टि के स्तर तक कार्यवाही को गतिमान रखा जाये। पुलिस विभाग के अन्तर्गत 1090 एवं यू0पी0 112 द्वारा एक साथ मिलकर पीड़ित की शिकायतों का प्रभावी ढंग से निस्तारण सुनिश्चित कराया जाये और पीड़ित महिला/बालिका की संतुष्टि तक कार्यवाही जारी रखी जाये। पुलिस विभाग की हेल्पलाइन 181 को भी यू0पी0 112 से जोड़ा जाये तथा महिलाओं से आने वाले काॅल्स को माॅनीटर किया जाये। प्रत्येक थाने में ‘महिला हेल्प डेस्क’ स्थापित किया जाना एक सुन्दर पहल है और इसे राज्य के समस्त 1535 थानों में स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जाये। प्रत्येक थाने में ‘एण्टी रोमियो स्क्वाड’ द्वारा अभियान चलाया जाये।

विशेष अभियान को और अधिक प्रभावी एवं व्यापक बनाये जाने हेतु इच्छित निजी संस्थाओं तथा जनपदों में उपलब्ध संस्थाओं को जोड़ा जाये। साथ ही व्यापारिक प्रतिष्ठान, बैंकिंग संस्थान, चिकित्सालय व अन्य सार्वजनिक संस्थााओं में होने वाली जनसामान्य के एकत्रित होने के दृष्टिगत अभियान की कार्ययोजना/संचालन सुनिश्चित किया जाये। स्थानीय निकायों में विशेष कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से एवं प्रचार के अन्य माध्यमों द्वारा किया जाये तथा इस विशेष अभियान में विकास प्राधिकरणों को भी जोड़ा जाये। जनपद स्तर पर स्थापित विद्यालयों, थानों, नगर निगमों व अन्य स्थानीय निकायों एवं विकास प्राधिकरणों तथा पंचायतों के दिन-प्रतिदिन के कार्यों की समीक्षा हेतु एक पोर्टल/मैकेनिज्म तैयार किया जाये तथा उनकी साप्ताहिक पाक्षिक एवं राज्य स्तर पर मासिक समीक्षा की व्यवस्था बनायी जाये।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य स्तर पर निदेशक सूचना विभाग द्वारा विशेष अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार/प्रसारण सुनिश्चित कराया जाये। जनपदों के जिला सूचना अधिकारियों को इस आशय के निर्देश निर्गत किये जायें कि उनके द्वारा जनपद स्तर पर प्रत्येक विभाग से समन्वय कर तथा जिलाधिकारी से सम्पर्क कर विभागों के अच्छों कार्यों का मीडिया में प्रसारण कराया जाये। प्रत्येक विभाग द्वारा अपने अच्छे कार्य का वीडियो बनाया जाये व स्टोरी के माध्यम से उसका प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाये।

प्रत्येक जनपद में विशेष अभियान के पर्यवेक्षण व अनुश्रवण हेतु जनपदवार महिला नोडल अधिकारी को नामित किया गया है। उन्होंने नोडल अधिकारी अपने प्रभार के जनपद में उपस्थित होकर कार्यक्रम के शुभारम्भ के उपरान्त अगले तीन दिवस जनपद में होने वाले कार्यक्रमों में भाग लंेगे व जनपद स्तर पर अन्तर्विभागीय समीक्षा की बैठक में भी भाग लेकर विशेष अभियान को सफल बनाने का पूरा प्रयास करें। इसके साथ ही नोडल अधिकारी जनपद में विभिन्न स्तर के विद्यालय व थाने विशेष रूप से महिला थाना, कुछ ग्राम पंचायत, औद्योगिक व व्यावसायिक संस्थान आदि का भी निरीक्षण कर इस अभियान को गति दें।

जनपद स्तर पर पाॅक्सों व महिला अपराधों के निस्तारण व ‘आपरेशन शक्ति’ का भी अनुश्रवण करें। शासन द्वारा पूर्व से नामित वरिष्ठ नोडल अधिकारियों द्वारा भी इस अवधि में दो दिन जिले में जाकर इस अभियान के कार्यों का अनुश्रवण किया जाये। उक्त दिशा-निर्देश सम्बन्धित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, समस्त मण्डलायुक्त, पुलिस उपमहानिरीक्षक, समस्त जिलाधिकारी (जनपद बुलन्दशहर, देवरिया, कानपुर नगर, उन्नाव, जौनपुर, अमरोहा, फिरोजाबाद को छोड़कर), जनपदीय पुलिस अधिकारीगण आदि को निर्गत किये गये हैं।