17 करोड़ के प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाएं होंगी रद्दी

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  • 12 करोड रुपए के प्रश्न पत्र और 5 करोड़ की उत्तर पुस्तिका रद्दी हो जाएंगी।
  • शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि राजस्थान शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं कोरोना काल में भी होंगी।
  • लेकिन अब सीबीएसई की परीक्षाएं रद्द होने और प्रियंका-राहुल की मांग के बाद बोर्ड भी नहीं करवाएगा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं।
एस0 पी0 मित्तल

राजस्थान। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाए नहीं होने से करीब 12 करोड़ रुपए के प्रश्नपत्र और करीब 5 करोड़ रुपए की उत्तर पुस्तिकाएं रद्दी हो गई है। सवाल उठता है कि इतने बड़े नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा? कोरोना काल में भी राजस्थान में 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं होंगी इसकी घोषणा प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने पूरे आत्मविश्वास के साथ की थी।

डोटासरा सत्तारूढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, इसलिए यह माना गया कि प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाएं होंगी। यही वजह रही कि बोर्ड ने 21 लाख 58 हजार परीक्षार्थियों के विभिन्न विषयों के प्रश्न पत्र छपवाने के आदेश प्रिंटिंग प्रेस को दे दिए। इन प्रश्न पत्रों की छपाई पर करीब 12 करोड़ रुपए खर्च किए गए, इसी प्रकार 5 करोड़ रुपए की राशि उत्तर पुस्तिकाओं को भी तैयार करने के लिए दी गई। यहां यह उल्लेखनीय है कि गोपनीयता को बनाए रखने के लिए प्रिंटिंग प्रेस को सामान्य दर से 5 गुना अधिक का भुगतान किया जाता है।

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प्रिंटिंग प्रेस से प्रश्नपत्र सीधे जिला स्तर पर पहुंचते हैं और परीक्षा से 1 दिन पहले परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाए जाते हैं। 1 जून को सीबीएसई की 12वीं की भी परीक्षाएं रद्द होने के बाद अब यह तय हो गया है कि राजस्थान में भी बोर्ड की परीक्षाएं नहीं होंगी। सीबीएसई की परीक्षाएं रद्द करने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और सांसद राहुल गांधी ने भी मांग की थी।

चौतरफा दबाव के बाद ही 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीआई की परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की। सवाल उठता है कि जब प्रधानमंत्री ने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की मांग पर सीबीएसई की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है, तो क्या कांग्रेस शासित राजस्थान में बोर्ड की परीक्षाएं होंगी?

माना जा रहा है कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को भी राज्य बोर्ड की परीक्षाओं को निरस्त करने का निर्णय लेना ही पड़ेगा। हालांकि अभी यह कहा गया है कि मंत्रिपरिषद की बैठक में इस पर विचार होगा, लेकिन यह भी माना जा रहा है कि यह विचार विमर्श सिर्फ खानापूर्ति होगी, क्योंकि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की मांग के बाद ऐसा नहीं हो सकता की राजस्थान में बोर्ड की परीक्षाएं करवाई जाएं।