योगी सरकार के कार्यकाल में 210 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा

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लखनऊ। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार के वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के कार्यकाल में 123 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई। इसके सापेक्ष वर्तमान सरकार के वर्ष 2017 से वर्ष 2020 तक की अवधि में 244 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। इसके सापेक्ष वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 210 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक 14 लाख 87 हजार किसानों से धान क्रय किया गया। इसके सापेक्ष वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017 से वर्ष 2020 तक की अवधि में 31 लाख 88 हजार किसानों से धान खरीद की। इसी प्रकार, पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 19 लाख 02 हजार किसानों के सापेक्ष वर्तमान सरकार ने 45 लाख 75 हजार किसानों से गेहूं की खरीद की। पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य किसानों को गेहूं मूल्य के रूप में 12,800 करोड़ रुपए का भुगतान किया। इसके सापेक्ष वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017 से वर्ष 2020 के मध्य लगभग 03 गुना 36,405 करोड़ रुपए गेहूं मूल्य के रूप में किसानों को उपलब्ध कराया। इसी प्रकार, पूर्ववर्ती सरकार द्वारा उनके कार्यकाल में किसानों को प्रदान किए गए धान मूल्य 17,190 करोड़ रुपए की तुलना में वर्तमान सरकार ने किसानों को धान मूल्य के रूप में 41,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया। पूर्ववर्ती सरकार ने गन्ना किसानों को लगभग 90,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में गन्ना किसानों को 01 लाख 48 हजार करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।


वर्तमान राज्य सरकार ने 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों का 36,000 करोड़ रुपए का फसली ऋण माफ किया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत प्रदेश के 2.54 करोड़ किसानों को 37,521 करोड़ रुपए की सम्मान निधि प्रदान की गई है। पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य विभिन्न सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 01 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचन क्षमता सृजित की। इसके सापेक्ष वर्तमान राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कर 22 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित की है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इसी माह लोकार्पित सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के माध्यम से प्रदेश के 09 जनपद-बहराइच, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, महराजगंज तथा गोरखपुर लाभान्वित हो रहे हैं। इसी प्रकार, अर्जुन सहायक परियोजना से हमीरपुर, बांदा तथा महोबा जनपदों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। बाणसागर परियोजना से जनपद मिर्जापुर तथा प्रयागराज वर्ष 2018 से लाभान्वित हो रहे हैं। वर्तमान राज्य सरकार ने दशकों से लम्बित 17 सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कराया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार गांव-गांव पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कार्यवाही कर रही है। प्रदेश के बुन्देलखण्ड, विन्ध्य क्षेत्र तथा खारे पानी की समस्या से प्रभावित क्षेत्रों के 38,000 गांवों में ‘हर घर नल योजना’ के माध्यम से वर्ष 2024 तक पाइप पेयजल पहुंचाने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से जनस्वास्थ्य में सुधार होगा। पहले की तुलना में वर्तमान सरकार ने पाइप पेयजल से युक्त घरों का आच्छादन बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि केन व बेतवा नदियों को जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। इससे बुन्देलखण्ड क्षेत्र को लाभ मिलेगा। बुन्देलखण्ड के विकास का आधार बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे भी बनेगा। उ0प्र0 डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का लाभ भी बुन्देलखण्ड क्षेत्र को प्राप्त होगा। डिफेंस कॉरिडोर के तहत प्रधानमंत्री जी द्वारा भारत डायनमिक्स लिमिटेड की इकाई का शिलान्यास किया गया है। जनपद चित्रकूट एवं ललितपुर में एयरपोर्ट के विकास की कार्यवाही की जा रही है।