अयोध्या की 317.855 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित

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  • मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इण्टरनेशनल एयरपोर्ट, अयोध्या के प्रथम चरण के विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा क्रय की गयी 317.855 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित की गयी।
  • भारत की प्राचीन नगरी अयोध्या, जिसे भारत के आस्थावान नागरिक एक पवित्र नगरी के रूप में देखते हैं, उसे वायु सेवा से जोड़ा जा रहा है।
  • अयोध्या में वर्ष 2023 में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर के निर्माण के साथ ही इस एयरपोर्ट को क्रियाशील करने की तैयारी।
  • प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन व प्रेरणा से ही विगत 05 वर्ष के अन्दर उ0प्र0 ने वायुसेवा की कनेक्टिविटी में अच्छी प्रगति की।
  • प्रधानमंत्री जी का कहना है कि वायुसेवा केवल एक विशेष तबके तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि हवाई चप्पल पहनने वाला कॉमन मैन भी हवाई जहाज की यात्रा कर सके, ऐसी वायुसेवा उपलब्ध करानी होगी।
  • वर्तमान में प्रदेश में 09 एयरपोर्ट पूरी तरह से क्रियाशील, प्रदेश में निर्मित हो रहे 10 नये एयरपोर्ट जब क्रियाशील होंगे, तब 19 एयरपोर्ट के साथ देश में वायुसेवा के साथ जुड़ने वाला सबसे बड़ा राज्य होगा।
  • वर्ष 2017 तक राज्य वायुसेवा के माध्यम से सिर्फ 25 गंतव्य स्थानों से जुड़ा था, आज 75 से अधिक गंतव्य स्थानों के लिए प्रदेश से हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं।
  • अयोध्या इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के लिए भूमि क्रय से सम्बन्धित पूरी धनराशि जिला प्रशासन को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत।
  • समयबद्ध ढंग से इस एयरपोर्ट के विकास को आगे बढ़ाकर अयोध्या नगरी को दुनिया की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित करने के साथ ही बेहतरीन कनेक्टिविटी को उपलब्ध कराने में सफल होंगे।
  • प्रदेश सरकार की सकारात्मक सोच ने प्रत्येक क्षेत्र में प्रधानमंत्री जी के विजन को जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य किया, उसी का परिणाम है कि प्रदेश अगले वर्ष तक 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट देश को देने की स्थिति में होगा।
  • प्रदेश सरकार बेहतरीन कनेक्टिविटी के माध्यम से नागरिकों के जीवन को सरल करने और विकास की सभी सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में आज यहां उनके सरकारी आवास पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इण्टरनेशनल एयरपोर्ट, अयोध्या के प्रथम चरण के विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा क्रय की गयी 317.855 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित की गयी। इसके लिए प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के मध्य लीज एग्रीमेण्ट का निष्पादन किया गया। मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति में अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष के मध्य लीज एग्रीमेण्ट दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन स्मृतियों को समर्पित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया की आज शुरुआत हुई है। इस शुरुआत के अवसर पर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के मध्य भूमि लीज एग्रीमेंट की कार्यवाही सम्पन्न होना अत्यन्त अभिनन्दनीय पहल है। उन्होंने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को राज्य सरकार के साथ समयबद्ध ढंग से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हृदय से धन्यवाद दिया।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बासन्तिक नवरात्रि की पावन तिथि है। नवरात्रि की पावन तिथि भारत की सनातन परम्परा में ऊर्जा के संचार की तिथि के रूप में मानी जाती है। ऊर्जा एक सकारात्मक विकास का प्रतीक भी है। विकास का यह प्रतीक अयोध्या जैसी पावन नगरी के साथ जुड़ा हो, तो देश व दुनिया को प्रफुल्लित करता है। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण दिन है। जब भारत की एक प्रमुख प्राचीन नगरी अयोध्या, जिसे भारत के आस्थावान नागरिक एक पवित्र नगरी के रूप में देखते हैं, उसे वायु सेवा से जोड़ा जा रहा है।अयोध्या में वर्ष 2023 में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका होगा। रामलला अपने स्वयं के मन्दिर में विराजमान होंगे। रामलला के भव्य मन्दिर निर्माण के साथ ही हमें इस एयरपोर्ट को क्रियाशील करने की तैयारी भी करनी चाहिए। 


अयोध्या इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज के कार्य के लिए भूमि की जितनी आवश्यकता थी, अयोध्या के जिला प्रशासन ने इस कार्य को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया है। इससे सम्बन्धित पूरी धनराशि राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत करके पहले ही जिला प्रशासन को उपलब्ध करवायी जा चुकी है। इस अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए जितनी भूमि की आवश्यकता है, उसमें से मात्र 86 एकड़ भूमि ही बाकी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिला प्रशासन तीव्र गति से शेष 86 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का कार्य करेगा। इस एयरपोर्ट के तीनों फेजों के निर्माण के लिए जितनी भूमि की आवश्यकता पड़ेगी, उतनी भूमि प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवायी जाएगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समयबद्ध ढंग से इस एयरपोर्ट के विकास को आगे बढ़ाकर अयोध्या नगरी को दुनिया की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित करने के साथ ही हम बेहतरीन कनेक्टिविटी को उपलब्ध कराने में सफल होंगे। राज्य सरकार इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सकारात्मक सहयोग देने के लिए पूरी तरह तैयार है। वायुसेवा की बेहतरीन कनेक्टिविटी विकास के अनेक द्वार खोलती है। उन्होंने कहा कि जनपद गोरखपुर के वायुसेवा से जुड़ते ही वहां विकास की गतिविधियां तेज हुई हैं। वर्ष 2017 तक गोरखपुर मात्र एक वायुसेवा से जुड़ा था। आज यह 12 से 13 वायुसेवा से जुड़ा हुआ है। जैसे हवाई जहाज की यात्रा एक नई उड़ान होती है, वैसे ही विकास की नई उड़ान के साथ गोरखपुर तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।  प्रदेश के विभिन्न शहरों-वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, बरेली, प्रयागराज, गाजियाबाद (हिण्डन) इत्यादि में हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं। जनप्रतिनिधियों सहित समाज के विभिन्न वर्गाें के नागरिकों की हमेशा मांग रहती है कि उनके क्षेत्र को वायुसेवा से जोड़ा जाए। जहां वायुसेवा के लिए बड़े एयरपोर्ट बनाना कठिन होता है, वहां पर लोग हेलीकॉप्टर सेवा से जुड़ने की मांग करते हैं, जिससे वे भी विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें।

देश में विगत 05 वर्ष के अन्दर उत्तर प्रदेश ने बेहतरीन वायुसेवा की कनेक्टिविटी के लिए अच्छी प्रगति की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व प्रेरणा से ही यह सम्भव हो पाया है। प्रधानमंत्री जी ने वायुसेवा को विकास के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण माना है। प्रधानमंत्री जी का कहना है कि वायुसेवा केवल एक विशेष तबके तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि हवाई चप्पल पहनने वाला कॉमन मैन भी हवाई जहाज की यात्रा कर सके, ऐसी वायुसेवा उपलब्ध करानी होगी।  वर्ष 2017 तक प्रदेश में सिर्फ 02 एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील थे। पहला देश की राजधानी लखनऊ का तथा दूसरा प्राचीनतम नगरी काशी का। गोरखपुर व आगरा में मात्र एक वायुसेवा थी, जो कभी-कभी चल पाती थी। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 09 एयरपोर्ट पूरी तरह से क्रियाशील हैं। वर्ष 2017 तक राज्य वायुसेवा के माध्यम से सिर्फ 25 गंतव्य स्थानों से जुड़ा था, उसमें भी निरन्तरता का अभाव था। आज 75 से अधिक गंतव्य स्थानों के लिए प्रदेश से हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं। प्रदेश में 10 नये एयरपोर्ट के निर्माण की कार्यवाही चल रही है। प्रदेश में वर्तमान में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य राज्य सरकार द्वारा युद्धस्तर पर कराया जा रहा है। अयोध्या में आज से अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की कार्यवाही प्रारम्भ हो रही है। जब यह दोनों अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएंगे तो किसी भी राज्य की तुलना में प्रदेश के पास सर्वाधिक एयरपोर्ट होंगे। तब उत्तर प्रदेश 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य होगा, जो अपनी बेहतरीन वायु कनेक्टिविटी के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को बेहतरीन वायुसेवा की सुविधा उपलब्ध करवाने के बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सफल होगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज हमारे लिए महत्वपूर्ण दिन है, जब अयोध्या को वायुसेवा से जोड़ने के लिए भूमि लीज एग्रीमेंट राज्य सरकार और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के बीच यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री आवास पर संपन्न हुआ है। आज ही नवरात्र का भी पावन दिन है। नवरात्र के आयोजन को ऊर्जा के संचार की तिथि माना जाता है। ऊर्जा सकारात्मक विकास का प्रतीक भी है और जब विकास का यह प्रतीक अयोध्या से जुड़ा हो तो पूरी दुनिया को प्रफुल्तित करता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया की शुरूआत हुई है। इसके लिए राज्य सरकार और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के बीच क्रय की गई 317.855 एकड़ भूमि एग्रीमेंट होना महत्पूर्ण पहल है।  देश में पांच वर्ष में बेहतरीन वायुसेवा की कनेक्टिविटी के लिए किसी राज्य ने अच्छी प्रगति की है तो उसमें उत्तर प्रदेश एक है। मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में 10 नए एयरपोर्ट के लिए कार्रवाई चल रही है। वर्तमान में तीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट जेवर के निर्माण के लिए युद्धस्तर पर कार्य प्रारम्भ हुआ है। साथ ही जब अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएगा तो यूपी पांच अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला पहला राज्य होगा और जब 10 नए एयरपोर्ट को हम क्रियाशील करेंगे तो 19 एयरपोर्ट वाला उत्तर प्रदेश देश पहला राज्य होगा। यह रोजगार सृजन और विकास की संभावनाओं को तेजी से बढ़ाने का माध्यम तो है ही, साथ ही लोगों की यात्रा को सरल, सुलभ और सहज बनाने का कार्य करेगी। मा0 मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 में राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका होगा और रामलला विराजमान हो चुके होंगे। हमें मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या में एयरपोर्ट को क्रियाशील करने की तैयारी करनी चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से मदद करेगी। यह अर्थव्यवस्था को ऊंचाई तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। मा0 मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में पहले चरण के लिए जिनती भूमि की आवश्यकता है, उतनी भूमि उपलब्ध करा दी गई है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए मात्र 86 एकड़ भूमि बाकी है, इसे भी हम दो तीन महीने में प्राप्त कर लेंगे। अयोध्या में एयरपोर्ट निर्माण के लिए धनराशि जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी गई है। एक बार आप सभी को रामनवमी की शुभकामनाएं देता हूं। इस अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव उ0प्र0 दुर्गाशंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव सूचना डा0 नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, भारतीय विमान पतनाम के अध्यक्ष संजीव कुमार, मण्डलायुक्त अयोध्या नवदीप रिणवा, जिलाधिकारी नितीश कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सिंह, उपनिदेशक सूचना एवं मा0 मुख्यमंत्री मीडिया प्रभारी डा0 मुरलीधर सिंह सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी/प्रतिनिधि केन्द्र एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक सकारात्मक एप्रोच है। उस सकारात्मक एप्रोच को तेजी से आगे बढ़ाना चाहिए। प्रदेश सरकार की सकारात्मक सोच ने प्रत्येक क्षेत्र में प्रधानमंत्री जी के विजन को जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य किया है। उसी का परिणाम है कि प्रदेश अगले वर्ष तक 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट देश को देने की स्थिति में होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युद्धस्तर पर निर्मित हो रहे 10 नये एयरपोर्ट जब क्रियाशील होंगे, तब प्रदेश 19 एयरपोर्ट के साथ देश में वायुसेवा के साथ जुड़ने वाला सबसे बड़ा राज्य होगा।  प्रदेश सरकार बेहतरीन कनेक्टिविटी के माध्यम से नागरिकों के जीवन को और भी सरल करने और विकास की सभी सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी, जो अपेक्षाएं आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश वासियों ने की थीं। उन्होंने कहा कि वायुसेवा लोगों के जीवन को आसान बनाने, अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करने और विकास की सभी सम्भावनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने का माध्यम है। नागरिकों की यात्रा को और सहज, सरल, सुलभ बनाने का भी वायु सेवा बेहतर माध्यम है। राज्य सरकार इस दिशा में भरपूर सहयोग करेगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन एस0पी0 गोयल ने स्वागत सम्बोधन किया। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष संजीव कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये।ज्ञातव्य है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, अयोध्या के विकास हेतु 821 एकड़ भूमि चिन्हित की गयी है। प्रथम चरण के विकास हेतु 317.8 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को लीज पर दी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा इसके विकास हेतु 1008.77 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। इस एयरपोर्ट का विकास तीन चरणों में होगा। प्रथम चरण में वायुयानों हेतु 2200 मीटर x 45 मीटर रनवे सहित अन्य सुविधाओं का निर्माण होगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, मेम्बर प्लानिंग भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ए0के0 पाठक, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।