2022 में 80+बुजुर्ग और दिव्यांग बैलेट से करेंगे मतदान

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उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी मतदाता इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानि ईवीएम से वोट नहीं डालेंगे। 80 साल से अधिक और दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सहूलियत मिलेगी। इसके लिए तैयारियां चल रहीं हैं।


उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करेंगे। कोविड प्रोटोकॉल के तहत अतिरिक्त मतदान केंद्र भी बनाए जा रहे हैं, निर्वाचन मशीनरी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन द्वारा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। चूंकि इस बार चुनाव कोविड के साये में होगा, इसलिए पूरी चुनावी तैयारी कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही पूरी की जा रही है। जिले में करीब दो लाख वृद्ध जबकि 20 हजार दिव्यांग वोटर हैं। मतदाता सूची से इन वोटरों का सत्यापन होगा, जिसे जीओ टैग किया जाएगा। अगर किसी का वाेटर कार्ड नहीं है तो उसे बनाया जाएगा। इन मतदाताओं का अब सर्वे शुरू होगा। इनके घर पर बीएलओ फार्म 12 लेकर जाएंगे और इच्छुक वोटरों को उपलब्ध कराएंगे। कारण कि 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता अपना वोट पोस्टल बैलेट के माध्यम से डाल सकेंगे। पोलिंग पार्टियां उनके घरों पर जाएंगी और पोस्टल बैलेट लेंगी। चुनाव की तैयारी अभी करने से आने वाले दिनों में जिला निर्वाचन कार्यालय को काफी राहत होगी।

एक पोलिंग बूथ पर 1200 वोटर

इस चुनाव में इस बार 1500 के बजाय 1200 मतदाताओं के लिए एक बूथ बनाने के आदेश हुए हैं। एक नवंबर से पुनरीक्षण का काम शुरू करने की तैयारी है. इस बार चुनाव चुनाव आयोग का खास फोकस 18 वर्ष की आयु पूरा कर रहे युवाओं पर होगा। प्रशासन बहुत जल्द बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं का घर-घर सत्यापन कार्य शुरू कराने जा रहा। इसका खाका खींचा जा रहा है. अधिकारियोें को जिम्मेदारी दी जाएगी। नोडल अफसर नियुक्त होंगे।उत्तर प्रदेश के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अवनीश सक्सेना ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारी (डीएम) को पत्र भेजा है। कहा है कि सामान्य व उप चुनाव में 80 वर्ष से अधिक और दिव्यांग वोटरों को पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा मिलेगी। निर्वाचनों के संचालन नियम 1961 में किए गए संशोधन के तहत दिव्यांग व्यक्ति से मतलब यह है कि जो वोटर लिस्ट के डेटाबेस में दिव्यांग व्यक्ति के रूप में दर्ज हो। आदेश में कहा गया है कि अभी तक जो सूबे में दिव्यांगों का डाटा है, उसके तहत 8,84,663 लोग दिव्यांग हैं।

 मत रहेगा सुरक्षित

मतदान के दौरान जब कर्मचारी दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के यहां बैलेट पेपर लेकर पहुंचेगा तो कर्मचारी उनसे पेपर पर मतदान कराएंगे। इसके बाद मतदाता उसे कर्मचारी द्वारा दिए लिफाफे में सुरक्षित तरीके से रखेंगे। इसके बाद उसे पैक भी किया जाएगा। मतदाता ने किसके पक्ष में मतदान किया, इसकी जानकारी कर्मचारी को नहीं हो सकेगी। इस बारे में केवल मतदाता ही जान सकेगा। इसकी जिम्मेदारी सफाई कर्मचारी और पीठासीन अधिकारियों की होगी। मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी के अलावा भी तैनात कर्मचारियों को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि मतदान के एक दिन पहले देर शाम तक यह बूथ पर ही तय हो जाएगा कि इन सभी से कौन कर्मचारी मतदान कराएगा।

उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 का चुनाव नजदीक है। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। राजनीतिक सरगर्मी बढ़ चुकी है। निर्वाचन आयोग की नई पहल से करीब चार लाख दिव्यांग और बुजुर्गों को सहूलियत मिलेगी। मतदान कर्मचारी इनके घर जाकर पोस्टल बैलेट देंगे। मतदान करने के बाद बैलेट को लाकर जमा कर दिया जाएगा। इस प्रयोग से मतदान का औसत बढ़ सकेगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है।