केंद्र सरकार द्वारा उ0प्र0 को एक मेडिकल डिवाइस पार्क स्वीकृत-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा उ0प्र0 को एक मेडिकल डिवाइस पार्क स्वीकृत किये जाने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया। यह पार्क प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को तेजी से आगे बढ़ाएगा।मेडिकल डिवाइस पार्क प्रधानमंत्री जी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ केसंकल्प को मूर्त रूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।जनपद गौतमबुद्धनगर में 350 एकड़ भूमि में स्थापित होगा यह पार्क,मेडिकल डिवाइस पार्क में लगभग 15 हजार करोड़ रु0 का निवेशसंभावित, पार्क की स्थापना से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।


लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को एक मेडिकल डिवाइस पार्क स्वीकृत किये जाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह मेडिकल डिवाइस पार्क प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को तेजी से आगे बढ़ाएगा। यह पार्क प्रधानमंत्री जी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को मूर्त रूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जनपद गौतमबुद्धनगर के यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 350 एकड़ भूमि में यह मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित किया जाएगा। इस पार्क में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। इस मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे ।

भारतीय दवा उद्योग का दुनिया में तीसरा नंबर है। इसके बावजूद तमाम दवाओं के कच्चे माल के लिए भारत चीन पर निर्भर है। कुछ दवाओं के कच्चे माल के मामले में 80 से 100 फीसदी तक हम निर्भर ही हैं। कोरोना के बाद इसका संकट और गहरा गया है। इसको देखते हुए नीति आयोग ने आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए फार्मा और उसके उपकरण बनाने के लिए पार्क बनाने की रणनीति तैयार की। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने का निर्णय लिया है।

उत्तर प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को लेकर सरकार ने अपने प्रयास जारी रखे। जिसके तहत नोएडा के सेक्टर-28 में 350 एकड़ भूमि मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने ले लिए चिन्हित की गई। इस भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क दो चरणों में विकसित किया जाएगा। यहां प्लॉट के बजाय तैयार शेड उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। ताकि शीघ्र इकाई लगाकर मेडिकल उपकरणों का उत्पादन किया जा सके।