व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में घरेलू सिलेण्डर का उपयोग होगी कार्यवाही

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व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा घरेलू सिलेण्डर का उपयोग कदापि न किया जाये, नही तो होगी कार्यवाही।

व्यावसायिक प्रतिष्ठान साफ ईंधन एलपीजी/पीएनजी इत्यादि का प्रयोग करें ताकि पर्यावरण प्रदूषण मुक्त रहे।

प्रतापगढ़। जिला पूर्ति अधिकारी रीना कुमारी ने बताया है कि शहर के बहुत सारे टी-स्टाल, होटल, रेस्टोरेन्ट एवं ढाबा इत्यादि जैसी व्यावसायिक संस्थानों में ईधन के लिये व्यावसायिक सिलेण्डरों का या तो बिल्कुल भी प्रयोग नही किया जा रहा है या अपनी आवश्यकता से कम प्रयोग किया जा रहा है। यह सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान, व्यावसायिक प्रयोजन के लिये निर्धारित 19 के0जी0 अथवा 47.5 के0जी0 के सिलेण्डरों के स्थान पर 14.2 के0जी0 के घरेलू एल0पी0जी0 सिलेण्डरों का प्रयोग कर रहे हैं जोकि पूरी तरह गैर काननी है तथा भारत सरकार के राजस्व पर भी भारी क्षति पहुॅचा रहे है। सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से उनकी मासिक उपभोग रिपोर्ट लिये जाने की कार्यवाही प्रक्रिया में है। उन्होने यह भी बताया है कि यदि किसी प्रतिष्ठान में लकड़ी या कोयला का उपयोग ईंधन हेतु किया जा रहा है तो उसके खरीद से सम्बन्धित साक्ष्य/प्रदूषण विभाग द्वारा जारी किया गया लाइसेंस, सम्बन्धित प्रतिष्ठान पर संरक्षित होना चाहियें, जो भी प्रतिष्ठान अनाधिकृत तरीके से इन ईंधनों का प्रयोग कर रहे हों और पर्यावरण को दूषित कर रहे हो उनके विरूद्ध अग्रेतर कार्यवाही प्रक्रिया में है।


जिला पूर्ति अधिकारी ने जनपद के सभी टी स्टाल, होटल, रेस्टोरेन्ट एवं ढाबा इत्यादि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सूचित किया है कि वह नियमानुसार साफ ईंधन (जैसे कि एलपीजी/पीएनजी) इत्यादि का प्रयोग करें ताकि पर्यावरण प्रदूषण मुक्त रहे और राजस्व की क्षति न हो। व्यावसायिक सिलेण्डरों का उपयोग अपने प्रतिष्ठान पर करें तथा यदि प्रतिष्ठान पर लकड़ी या कोयला का उपयोग किया जा रहा है तो उसके प्राप्ति हेतु रसीद/अभिलेख संरक्षित रखें। यदि कहीं भी यह शिकायत पायी गयी कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा घरेलू सिलेण्डर का उपयोग किया जा रहा है तो उनके विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 व अन्य सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी, जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित प्रतिष्ठान का होगा।