अपर मुख्य सचिव गन्ना की दबंगई…!

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आचार संहिता के दौरान सेवानिवृत अधिकारियो को दिया सेवा विस्तार।
सहकारी चीनी मिल संघ मुख्यालय में रिटायर अफसरों की भरमार।


राकेश यादव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ में चुनाव के दौरान ही अस्थाई नियुक्त सेवानिवृत अधिकारियों के सेवाकाल को बढ़ा दिया गया। यह मामला संघ अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। जिन सेवानिवृत अधिकारियों के कार्यकाल को आगे बढ़ाया गया है उनमें एक तो सेवानिवृत होने के बाद से लगातार एक वर्ष से संघ में महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ मुख्यालय में करीब आधा दर्जन से अधिक सेवानिवृत अधिकारियों को अस्थाई नियुक्ति देकर काम कराया जा रहा है। अस्थाई तौर पर नियुक्त किए गए इन अधिकारियों में कई का कार्यकाल फरवरी व मार्च में समाप्त हो गया था। सूत्रों का कहना है कि संघ के चेयरमैन व अपर मुख्य सचिव संजय भुसरेड्डïी ने इन अस्थाई सेवानिवृत अधिकारियों के कार्यकाल को आचार संहिता के दौरान ही बढ़ा दिया। बताया गया है कि करीब एक साल पूर्व 28 फरवरी को सेवानिवृत हुए हर्षवर्धन कौशिक को चार बार तीन-तीन माह को विस्तार देकर एक साल से लगातार अस्थाई कर्मी के तौर पर काम लिया जा रहा है। बीती फरवरी माह में इनकी समयावधि पूरी हो गई। इसी प्रकार सेवानिवृत श्रम कल्याण अधिकारी पीके श्रीवास्तव और शेर बहादुर के कार्यकाल को भी तीन-तीन माह के लिए बढ़ा दिया गया। बताया गया है कि शेर बहादुर को बीते दिसम्बर माह में तीन माह के लिए अस्थाई नियुक्ति दी गई थी। उनका यह कार्यकाल फरवरी माह में समाप्त हो गया था। इसी प्रकार पीके श्रीवास्तव के अस्थाई नियुक्ति की अवधि फरवरी में खत्म हो गई। सूत्रों का कहना है कि इन सभी की समयावधि को आचार-सहिंता के दौरान ही तीन-तीन माह के लिए बढ़ा दिया गया


इसको लेकर संघ के अधिकारियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। अधिकारियों का कहना है कि संध में पिछले लंबे समय से अधिकारियों को प्रोन्नति तक नहीं दी गई। सेवानिवृत अधिकारियों को अस्थाई नियुक्ति देेकर काम चलाया जा रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों के लगातार सेवानिवृत होने से संघ में जहां कभी 12 सौ से अधिकारी अधिकारी व कर्मचारी हुआ करते थे। अब उनकी संख्या घटकर साढ़े चार सौ के करीब ही रह गई है। उधर इस सम्बंध में जब चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक रमाकांत पांडे से बातचीत की गई तो उन्होंने अधिकारियों की कमी होने की बात को स्वीकार करते हुए बताया कि कई अस्थाई नियुक्त सेवानिवृत अधिकारियों को विस्तार दिया गया है। यह शासन की संस्तुति पर किया गया है।