आजादी के उपरान्त देश में सुई तक नहीं बनती थी-आराधना मिश्रा

87

 लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस के 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय प्रांगण में आजादी का महापर्व बड़े हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘‘मोना’’ ने ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। तत्पश्चात सेवादल के मुख्य संगठक डॉ0 प्रमोद पाण्डेय द्वारा राष्ट्रीय गीत ‘‘वन्दे मातरम’’ तदोपरान्त ‘‘ध्वज गीत’’ गाया गया।

उ0प्र0 कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने बताया कि ध्वजारोहण कर उपस्थित कांग्रेसजनों को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘‘मोना’’ ने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अंग्रेजों के लगभग 200 वर्षों के शासन का अंत कर आज ही के दिन 1947 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू ने राष्ट्रध्वज फहराया। कांग्रेस का नेतृत्व महात्मा गांधी की अगुवाई जिसमें स्वतंत्रा संग्राम के महान नायक चन्द्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खान, मंगल पाण्डेय, सुभाषचन्द्र बोस, सरदार बल्लभ भाई पटेल, भगत सिंह, बाबा साहब  डॉ0 भीमराव अम्बेड़कर, खुदीराम बोस, बाल गंगाधर तिलक, लक्ष्मी सहगल, भीकााजीकामा, रानीलक्ष्मी बाई, गुलाब कौर, सरोजनी नायडू, अब्दुल गफ्फार खान, रामप्रसाद बिस्मिल, लाला लाजपत राय, मौलाना आजाद, सहित तमाम क्रान्तिकारियों के संघर्ष, बलिदान का परिणाम आज का दिन है।

मोना मिश्रा ने आगे कहा कि आजादी के उपरान्त जिस देश में सुई तक नहीं बनती थी वहां पर महात्मा गांधी के कुशल नेतृत्व एवं पंडित नेहरू के प्रधानमंत्रिृत्व काल में आईआईटी,  आईआईएम, एम्स, सेल, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, भिलाई स्टील प्लांट, भागड़ा नांगल बांध, ओएनजीसी, डीआरडीओ, इसरो, भेल, जैसी तमाम उपलब्ध्यिां देश को आधुनिक भारत बनाने में सहायक हुई। वहीं पर लाल बहादुर शास्त्री, इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी नरसिंह राव, मनमोहन सिंह जैसे प्रधानमंत्री इस देश को मिले जिन्होंने देश को विश्व स्तर पर स्थान दिलाया तथा जिस देश में खाने भर को अनाज नहीं हुआ करता था हम निर्यातक देश बने। करोड़ो लोगों को गरीबी से मुक्त किया। आज वर्तमान सरकार की गलत नीतियों के कारण खाद्यन का उत्पादन कम हुआ जिसकी वजह निर्यात पर रोक लगानी पड़ी।  

आराधना मिश्रा ने आगे कहा कि इन्दिरा गांधी के कुशल नेतृत्व में बैंकों का राष्ट्रीकरण कर गांव-गांव तक बैंक पहुंचा कर किसानों को गरीबों को नौजवानों को सुविधा उपलब्ध कराने का काम किया वहीं पर पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दुनिया में भारत का मस्तक ऊंचा किया। इन्दिरा गांधी के नेतृत्व की ही देन थी कि 1974 में वैज्ञानिकों ने पोखरण परीक्षण किया। कांग्रेस ने देश को एक नौजवान प्रधानमंत्री राजीव गांधी के रूप मे दिया जिनके नेतृत्व में दूरसंचार क्रान्ति, कम्प्यूटर क्रान्ति, पंचायतों का सशक्तीकरण, नौजवानों को 18 वर्ष की उम्र में मताधिकार, शिक्षा के क्षेत्र में नवोदय विद्यालयों की स्थापना, जैसे क्रान्तिकारी कदम उठाये गये।अंत में मोना ने कहा कि आजादी के समय आरएसएस के लोग अंग्रेजों की मुखबिरी करते हुए पेंशनजीवी रहे, उनका आजादी की लड़ाई में क्यों योगदान नहीं था? और क्या माफी जीवी बनकर देश के लोगों का साथ न देना, अंग्रेजों के नेतृत्व को स्वीकार करना राष्ट्र धर्म था?