शुरू हुआ अग्निवीरों को पेंशन के लिए अग्निवीर पेंशन आन्दोलन

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तीन चरणों में होगा अग्निवीर पेंशन आन्दोलन। मांग: विधायकों/सांसदों के मल्टिपल पेंशन बंद करके अग्निवीरों को मिले।

अजय सिंह

लखनऊ। अग्निवीरों को पेंशन दिलाने की मांग के लिए सजग नागरिकों की हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि जान हथेली पर रखकर देश की सुरक्षा करने वाले अग्निवीरों को पेंशन मिले जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।इसके लिए अग्निवीर पेंशन आन्दोलन शुरू किया जा रहा है जो तीन चरणों में होगाआन्दोलन का पहला चरण 3 जुलाई से 14 अगस्त 2022 तक चलेगा, जिसके तहत सजग नागरिकों से अपील की गई है कि प्रत्येक रविवार को सुबह 11 बजे  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को प्रसन्न करने के लिए सभी सजग नागरिक अपने अपने घर में मोदी जी की फोटो की पूजा करें और उसकी फोटो या वीडियो बनाकर 12 बजे #AgniveerPension के साथ ट्विट करें जिससे पेंशन की मांग ट्रेंड कर सके।

अग्निवीर पेंशन आन्दोलन के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को प्रसन्न करने के लिए राज्यों की राजधानियों में “प्रार्थना मार्च” निकाली जाएगी, अगर तब भी अग्निवीरों को पेंशन देनें का निर्णय नहीं होगा तो तीसरे चरण की तैयारी की जाएगी जिसके तहत देश की राजधानी दिल्ली में निर्णायक “सत्याग्रह” किया जायेगा।अग्निवीर पेंशन आन्दोलन के संयोजक श्री प्रताप चन्द्रा नें बताया कि अग्निवीर अपनी जान हथेली पर लेकर नागरिकों की रक्षा करेंगे, इसलिए नागरिकों का भी कर्तव्य है कि अग्निविरों के भविष्य को सुरक्षित कराएँ।

अग्निविरों को 20000 प्रतिमाह पेंशन मिलने से कई प्रश्न छूट जायेंगे, जैसे निष्ठां और समर्पण में बढ़ोत्तरी होगा, प्रशिक्षित अग्निवीर रिटायर होकर असामाजिक तत्वों के हाथ जाने और लाला का चौकीदार बन्ने की बाध्यता से मुक्त होंगे, समाज में गौरव के साथ न्यूनतम जरूरतें पूरी करनें के लिए आत्मनिर्भर रहेंगे, हमें हमारी रक्षा करने वाले अग्निविरों को पेंशन दिलवाकर उनका भविष्य सुरक्षित करने का वक़्त है, और हमारा कर्तव्य भी है।

श्री प्रताप चन्द्रा नें कहा कि एक दिन के लिए भी विधायक/सांसद बन्ने पर एक नहीं बल्कि मल्टिपल पेंशन (यानि जितनी बार विधायक/सांसद बनेंगे, उतने पेंशन) मिलती है, मल्टिपल पेंशन देनें की प्रतिवर्ष रकम 1760 करोण रूपया है, जबकि अग्निविरों को पेंशन देने में 700 करोण रूपया लगेगा, यानि विधायक/सांसद का मल्टिपल पेंशन बंद कर अग्निविरों को पेंशन देकर उनका भविष्य सुरक्षित करने में कोई बोझ नहीं आएगा  बल्कि सरकार को 1060 करोण रुपये की प्रतिवर्ष बचत ही होगी।