अखिलेश यादव ने हर घर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कि अपील

132

राजेंद्र चौधरी

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 9 से 15 अगस्त 2022 तक उत्तर प्रदेश के प्रत्येक घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह एक सप्ताह का पर्व स्वतंत्रता आंदोलन की स्मृति, शहीदों को नमन तथा भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए समर्पित होगा। उन्होंने कहा कि आजादी की सार्थकता के लिए प्रत्येक नागरिक को गौरवान्वित होना चाहिए।श्री यादव ने कहा कि 9 अगस्त वह स्मरणीय ऐतिहासिक तिथि है जब 1942 में गांधी जी ने अंग्रेजों भारत छोड़ों का आव्हान किया था। इस मौके पर उन्होंने देशवासियों को ‘करो या मरो‘ का मंत्र दिया था। कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद समाजवादियों ने ही भारत छोड़ो आंदोलन की बागडोर सम्हाली थी।


समाजवादी नेताओं सर्वश्री जयप्रकाश नारायण, डॉ0 राममनोहर लोहिया, अरुणा आसफ अली, ऊषा मेहता आदि ने तब स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी थी। अगस्त क्रांति का सपना देश में किसान, मजदूर और युवाओं का राज स्थापित करना था ताकि सभी को हक और सम्मान का जीवन हासिल हो सके। इस सपने को साकार करने तथा संवैधानिक मूल्यों एवं राष्ट्रीय आंदोलन के आदर्शों को बचाने तथा उन्हें पुनः स्थापित करने की जिम्मेदारी आज फिर आम नागरिकों एवं समाजवादियों पर आ गई है।अखिलेश यादव ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में जिनकी कोई भूमिका नहीं थी, वे देशभक्ति का ढिंढोरा पीटने का काम कर रहे हैं। शहीद होने वालों के जज्बे को वे क्या सम्मान देंगे जो दूर-दूर तक स्वतंत्रता आंदोेलन से नहीं जुडे़ थे।


सच तो यह है कि सत्तारूढ़ भाजपा और उसका मातृ संगठन आरएसएस में राष्ट्रध्वज के प्रति कभी सम्मानभाव नहीं रहा है। संघ के नागपुर मुख्यालय में राष्ट्रध्वज क्यों नहीं फहराया जाता रहा, फिर भी भाजपा-आरएसएस भ्रम फैलाने में लग गए हैं।देश की विविधता और सामाजिक सौहार्द को नष्ट करने वाली ताकतें आज नफरत फैलाने में लगी हैं। लोकतंत्र और संविधान को बचाने के प्रति समाजवादी पार्टी की प्रतिबद्धता सर्वविदित है। सत्ता लोलुपों से राष्ट्रध्वज का सम्मान करने की कैसे उम्मीद की जा सकती है?अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी 9 अगस्त 1942 को, जब गांधी जी ने अंग्रेजीराज से मुक्ति का उद्घोष किया था, उस दिन की याद में अपने आवासों पर राष्ट्रध्वज को ससम्मान फहराकर लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों को बचाने के लिए संकल्पित है।