भाजपा किसानों की हत्या पर उतारू-अखिलेश यादव

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देश में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान डेरा डाले बैठे हुए हैं। किसानों का मानना है कि इन तीनों कानूनों से मंडियां बंद हो जाएंगी और उनकी जमीन व्यापारियों के हाथों में चली जाएगी। किसान लगातार एमएसपी पर कानून लाने की भी मांग कर रहे हैं। इस मसले को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने किसानों के साथ कई बार बातचीत की लेकिन कोई हल नहीं निकला। फिलहाल तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संघों के बीच बातचीत ठप हो चुकी है। 

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के आंदोलन के प्रति हिंसक व्यवहार कर रही है। तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ लखीमपुर में तिकोनिया कस्बे के बनवारीपुर गांव में लोकतांत्रिक तरीके से धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों पर भाजपा सरकार के गृहराज्यमंत्री के पुत्र द्वारा गाड़ी से कुचलना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है। इसमें 25 किसान घायल हो गए है जबकि 4 किसानों की मौत हो गई है। इस घटना की जितनी निंदा की जाय कम है। भाजपा सरकार किसानों को लगातार अपमानित कर रही है। अब तो तानाशाही तरीके से भाजपा किसानों की हत्या पर उतारू हो गई है।

भाजपा को घेरते हुए अखिलेश यादव ने कहा भाजपा कोई भी साजिश रच सकती है। यह भी संभव है कि भाजपा सरकार तीन काले कृषि कानूनों को वापस ले ले, चुनाव कराए और उन्हें फिर से किसान पर लागू कर दे।किसानों का विरोध और गुस्सा झेल रही, अखिलेश ने कहा लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- जय जवान, जय किसान। आज जवान दुखी है और किसान भी तनाव में है। जो किसान हमें कपड़े देता है, जो हमें खिलाता है, उसका इस तरह अपमान किसी भी देश में कभी नहीं हुआ। सरकार में बैठे लोग किसानों का अपमान कर रहे हैं। उन्हें आतंकवादी कहा गया है।

पिछले 10 माह से अपनी मांगों में लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की भाजपा सरकार सुनवाई नहीं कर रही है। इससे किसानों का आक्रोशित होना स्वाभाविक है। लखीमपुर खीरी में मंत्री के बेटे द्वारा किसानों को गाड़ी से कुचलना बेहद गंभीर घटना है। मामले में तत्काल हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी हो। अब दम्भी भाजपाइयों का जुल्म उत्तर प्रदेश नहीं सुनेगा यही हाल रहा तो उत्तर प्रदेश में भाजपाई न गाड़ी से चल पाएंगे, न उतर पाएंगे।