योगी राज में सर्वजन बेहाल-अखिलेश यादव

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सपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री जी की अक्षमता का परिणाम है कि प्रदेश में रोजी-रोजगार नहीं है, विकास ठप्प है। भाजपा विकास नहीं नफरत और झगड़ा फैलाने में लगी है। किसानों का बुरा हाल है। भाजपा राज में डीजल-पेट्रोल के आसमान छूते भाव और बढ़ती मंहगाई से जनता त्रस्त है। खेती के काम आने वाली खाद, बीज, कीटनाशक सब मंहगे हैं। भाजपा ने सन् 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया उसका दूर-दूर तक कुछ भी अता-पता नहीं है।

उत्तर प्रदेश में योगी राज है, योगी राज में महिलाएं बेहाल है। सरकार द्वारा चलाया जा रहा मिशन शक्ति फ्लाप शो बनकर रह गया है। राष्ट्रीयस्तर पर प्रदेश महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा के मामलों में अव्वल नम्बर पर है। जिसका हाथरस कांड़, गोरखपुर के गोला इलाके में अव्यस्क लड़की के शरीर को सिगरेट से दागकर इंसानियत को दहला देने वाले सामूहिक दुष्कर्म, लखीमपुर खीरी में 13 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करके उसकी जबान तक काट डालने, पंचायत चुनाव में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार,हापुड़ में 6 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ हुए बलात्कार और देश की प्रतिभा अमेरिका के कैलिफोनिर्या में पढ़ने वाली 20 वर्षीय सुदीक्षा की दादरी, ग्रेटर नोएडा में छेड़खानी के कारण सड़क दुधर्टना में मृत्यु की जैसी राष्ट्रीयस्तर पर चर्चित तमाम घटनाएं उदाहरण है। इतनी बुरी हालत में भी महिलाओं को जमीनी स्तर पर लाभ देने वाली 181 वूमेन हेल्पलाइन को बंदकर सामान्य पुलिस लाइन में समाहित कर दिया गया। 32 साल से जमीनीस्तर पर घरेलू हिंसा पर काम कर रही महिला समाख्या को बंद कर दिया गया। हजारों आंगनबाड़ियों को बिना रिटायरमेंट लाभ दिए नौकरी से निकाल दिया गया। आशा, आंगनबाड़ी, मिड डे मील रसोइयों को सम्मानजनक वेतन देने का वायदाकर सत्ता में आई भाजपा सरकार हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी न्यूनतम मजदूरी देने को तैयार नहीं है। प्रदेश में महिलाओं को वास्तविक लाभ देने की जगह महज प्रचार पर करोड़ों रूप्या बहाया जा रहा है।


अखिलेश यादव पार्टी कार्यालय के डाॅ0 लोहिया सभागार लखनऊ में एकत्र विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कोरोना संक्रमण काल में जनता को भाजपा सरकार ने उसके हाल पर छोड़ दिया। दवा, इलाज और आक्सीजन के अभाव में तड़प-तड़प कर तमाम लोगों की जानें चली गईं। इस सबके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है। समाजवादी सरकार बनने पर कोरोना में हुई मौतों के आंकड़े छुपाने वालों पर कार्यवाही होगी। दोषी अफसरों को चिह्नित किया जाएगा और डेथ आडिट भी कराएंगे।

उत्तर प्रदेश को लेकर जैसी सक्रियता खुलकर संघ दिखा रहा है, ऐसा कम होता है।आप सोच रहे होंगे कि यूपी राज्य बड़ा है और केंद्र की सत्ता का रास्ता यहां से होकर निकलता है, इसलिए संघ सक्रिय है। तो आप गलत नहीं हैं, लेकिन यह अधूरा सच है।पूरे सच के पीछे का राज है कि संघ की असली चिंता सरकार से ज्यादा राम मंदिर निर्माण को लेकर है, इसीलिए, प्रदेश में संघ ने भी कमर कस ली है और कोरोना काल में हुए डैमेज को कंट्रोल साधने में भी अग्रणी भूमिका तय कर ली गई है। संघ की चिंता के पीछे राज क्या है और राममंदिर को लेकर उसकी आशंकाओं के मायने क्या हैं, संघ ने बीजेपी को उबारने के लिए जो कदम उठाए हैं या रणनीति तय की है, उसे समझिये। संघ ने तय किया है कि जनता को भाजपा के जोड़ने के लिए, नाराजगी को दूर करने के लिए और 2022 में सराकर बनाने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चला रहा है। लेकिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बड़ी रणनीति के पीछे भी एक बड़ी राज की बात है। राज की बात ये है कि संघ की ये कवायद बीजेपी को सत्ता में पहुंचाने से ज्यादा एक बड़े अभियान में रुकावटों को आने से रोकना है।संघ की भाजपा को सत्ता में वापसी करवाने की कवायद इसलिए है ताकि राम मंदिर निर्माण और अयोध्या के विकास का खाका निर्बाध रूप से आगे बढ़ाया जा सके। यूं तो हर राज्य में संघ बीजेपी का सियासी साथ देता है ताकि चुनावी वैतरणी को पार्टी पार कर सके लेकिन उत्तर प्रदेश में खुल कर वृहद अभियान के तौर पर संघ सक्रिय हो गया है। आरएसएस को इस बात की आशंका है कि अगर सूबे में सत्ता परिवर्तन हो गया, किसी और दल की सरकार आ गई तो राम मंदिर आंदोलन को जीत कर भी हार की नौबत आ सकती है।

पंचायत चुनाव में गुंडागर्दी से भाजपा की जीत-अखिलेश यादव

भाजपा जैसी कोई दूसरी गुण्डा पार्टी नहीं है। भाजपा ने अराजकता के जरिए जबरन जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पदों पर कब्जा किया। मुख्यमंत्री जी के इशारे पर प्रशासन के साथ मिलकर गुण्डागर्दी की सभी हदें पार कर दी गई हैं। उत्तर प्रदेश में इस स्तर की गुंडागर्दी कभी नहीं हुई है।

अखिलेश यादव ने कहा कि जिला पंचायत के चुनावों में जनता ने समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया। बड़ी संख्या में प्रधान और जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत के सदस्य समाजवादी पार्टी के जीते थे। भाजपा सरकार को जनादेश की परवाह नहीं। जानबूझकर रणनीति बनाकर योजनाबद्ध तरीके से परिणाम भाजपा के पक्ष में किया गया है। इसके लिए नामांकन पर्चे छीने गए, महिलाओं से दुर्व्यवहार हुआ। फर्जी केस लगा दिए गए। पत्रकार पिटे, एस.पी.-अधिकारी पिटे। सरकार बेपरवाह होकर तथाकथित जीत का जश्न मना रही है। बड़ी कुर्सी वाले लोकतंत्र की धज्जियां उड़ती देखकर भी बधाई दे रहे हैं योगी सरकार को।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने अपने बनाए 2017 के संकल्प पत्र को कूड़ेदान में फेंक दिया है। किसान की आय दुगनी होने का इसमें वादा है पर उस सम्बंध में कोई ठोस योजना सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता से बड़ी नहीं है। जनता अब बदलाव चाहती है। वह भाजपा को सŸाा से हटाकर ही दम लेगी। जनता ने भाजपा का अत्याचार देखा है। भाजपा ने लोकतंत्र के साथ छल किया है। जनता 2022 में पूरा हिसाब-किताब करेगी।