भाजपा राज में समाज का हर वर्ग परेशान-अखिलेश यादव

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राजेन्द्र चौधरी

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि देश में लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की जो शासकीय प्रवृत्तियां दिख रही हैं उससे आपातकाल के दिनों की आशंकाएं गहरा रही हैं। भाजपा सरकार उन्हीं दिनों की तरह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार कर रही है। विरोध के स्वरों को कुचलने के प्रयासों में अब भाजपा सरकार ई.डी.,सी.बी.आई. जैसे हथियारों के प्रयोग करने के साथ फर्जी रिपोर्टो पर जेल भिजवाने का काम भी करने लगी है। विपक्ष के कार्यक्रमों पर बंदिश लगाने के साथ उसके नेताओं की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है।

भाजपा जाते-जाते गन्ना किसानों के बकाये का ब्याज न सही मूल ही चुका दे तो बड़ी बात होगी। ब्याज अदायगी की बात तो अब भाजपा नेता भूलकर भी नहीं करते हैं। किसानों से क्रय केन्द्रों में अपमान जनक व्यवहार किया जाता है। एमएसपी पर खरीद न होने से किसान को अपना अनाज बिचौलियों को औने-पौने दाम पर बेचना पड़ता है।


इन क्षणों में बरबस सबका ध्यान लोकनायक जयप्रकाश नारायण की ओर जाता है जिन्होंने तब सत्ता के जोर जुल्म के खिलाफ युवा शक्ति का नेतृत्व किया था। अन्याय के सतत प्रतिरोध का आह्वान प्रखर समाजवादी डाॅ0 राममनोहर लोहिया का था। समाजवादी पार्टी उन्हीं के रास्ते पर चलने को प्रतिबद्ध है। इसलिए चाहे गोरखपुर हो, उन्नाव या लखीमपुर खीरी जब कहीं अत्याचार होता दिखाई दिया समाजवादी संघर्ष में पीछे नहीं रहे।

बुनकरों की दशा भी दयनीय हो चली है। समाजवादी सरकार में उनको फिक्स बिजली चार्ज देना पड़ता था। भाजपा सरकार ने बिजली मंहगी कर दी है। खुद एक यूनिट बिजली उत्पादन न करने वाली भाजपा सरकार के समय लोग बिजली कटौती झेल रहे हैं। पावरलूम बुनकरों का धंधा ही चौपट हो गया है।


भाजपा राज में आज समाज का हर वर्ग परेशान है। किसानों के साथ न केवल सत्तादल ने धोखा किया है अपितु शांतिप्रिय किसानों पर गाड़ियां चढ़ाकर उन्हें बुरी तरह कुचलने का काम भी किया है। नौजवान जब अपने अंधेरे भविष्य को देखते हुए रोजगार की मांग करते हैं तो उन पर लाठियां बरसती है।महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में उत्तर प्रदेश की खासी बदनामी हुई है। व्यापारियों की लूट और हत्या की शर्मनाक घटनाएं थम नहीं रही हैं। फर्जी केसों में गिरफ्तारी, हिरासत में मौतें तथा फर्जी इन्काउंटर के खिलाफ मानवाधिकार आयोग कितनी ही नोटिसें भाजपा की राज्य सरकार को दे चुका है।

किसानों के मान को गिराना फिर नाम भर के लिए दाम बढ़ा देना, भाजपा का ये चुनावी हथकंडा अब उत्तर प्रदेश में चलने वाला नहीं है। झूठ और नफरत के सहारे भटकाने-बहकाने वाली भाजपा की चालाकी से जनता को सजग कराने के लिए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चाहिए कि घर-घर जाकर सघन अभियान में जुट जाएं। भाजपा का अन्याय अब बर्दाश्त नहीं होगा।


भाजपा का काम केवल झूठ का प्रचार, नफरत का विस्तार तथा जाल फरेब से राजनीति के लिए तिकड़म करना है। आगामी विधानसभा चुनाव लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए बहुत महत्व का साबित होगा। इससे देश की राजनीति में परिवर्तन आएगा। भाजपा की एकाधिकारी मानसिकता का भी इससे सफाया होगा। जनता अब भाजपाई तानाशाही से ऊब चुकी है। वह सन् 2022 में समाजवादी सरकार बनाने के लिए संकल्पित है।

देश के अन्नदाता का सम्मान न करने वाली दम्भी भाजपा सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। किसान आंदोलन भाजपा के अन्दर टूटन का कारण बनने लगा है। छह माह बाद समाजवादी सरकार बनते ही राज्य की पीड़ित जनता के साथ कोई अन्याय नहीं कर सकेगा? सन् 2022 में समाजवादी सरकार किसानों का सच्चा मान बढ़ायेगी और गन्नें की मिठास और दाम भी।