विशेष संचारी रोग अभियान में जनजागरूकता के साथ जनसहयोग भी आवश्यक-जिलाधिकारी

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अयोध्या। जनपद में संचारी रोग फैलने न पाये इसके लिए सभी को मिल जुलकर आपसी सहयोग के साथ कार्य करना होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में संचारी रोग के लक्षण मिलते हो तो उसकी तत्काल सूचना ब्लाक लेबल से लेकर जिले के अधिकारियों को तुरंत सूचना दें ताकि उस क्षेत्र में चिकित्सा के समुचित उपाय करने के साथ उसके प्रसार को सीमित किया जा सके ताकि वह अन्य क्षेत्रों में न फैलने पायें। विशेष संचारी रोग अभियान के तहत जनजागरूकता के साथ जनसहयोग भी आवश्यक है।

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संचारी रोग नियंत्रण अभियान हेतु चिन्हित अन्तर्विभागीय गतिविधियां में जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि शिक्षा विभाग सभी विद्यालयों में स्वास्थ्य नोडल अध्यापक चिन्हित कर जनपद स्तर पर डायरेक्टरी तैयार करें। विभाग द्वारा अभिभावक-अध्यापक व्हाट्सअप ग्रुप द्वारा आडियो-वीडियो कम्यूनिकेशन द्वारा मीटिंग तथा संचारी रोगों के रोकथाम, सोशल डिस्टेन्सिंग एवं साफ-सफाई के बारे में जानकारी दी जायेगी तथा अध्यापकों द्वारा छात्रों फीवर ट्रैकिंग, प्रचार प्रसार आदि का कार्य कराया जायेगा।

वे छात्र जो एनसीसी/एनएसएस अथवा स्काउट में प्रतिभाग कर रहे है उनके द्वारा कोविड वालेन्टियर्स का काय भी लिया जा सकता है। उन्होंने नगर निगम/शहरी विकास के नगरीय निकायों के चुने हुये जनप्रतिनिधियों का संचारी रोगों की रोकथाम तथा साफ सफाई के सम्बंध में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से संवेदीकरण करें।

नगरीय क्षेत्र में मोहल्ला निगरानी समितियों के माध्यम से कोविड तथा संचारी रोगों के विषय में निरन्तर जागरूकता स्थापित रखना तथा कोविड रोग के लक्षण युक्त व्यक्तियों को मेडिसिन उपलब्ध कराने में सहयोग करें। नालियों/कचरे की सफाई करवाना-स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करते हुये फागिंग, लार्वीसाइडल स्प्रे तथा साफ सफाई गतिविधियों की समेकित कार्ययोजना बनायें। शहरी क्षेत्रों में फागिंग करायें।

मच्छरजनक स्थितियां पैदा करने वाले व्यक्तियों/संस्थानों के विरूद्व कानूनी कार्यवाही विषयक उपविधि लागू करें। नगरीय क्षेत्रों में वातावरणीय व व्यक्तिगत स्वच्छता के उपायों, खुले में शौच न करने एवं शुद्व पेयजल के प्रयोग तथा मच्छरों की रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान संचालित करना। खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था करना। उथले हैंडपम्पों का प्रयोग रोकने के लिए उन्हें लाल रंग से चिन्हित किया जाना


उन्होंने आगे बताया कि शुद्व पेयजल की उपलब्धता हेतु हैंडपम्प की रीबोरिंग एवं पेयजल की गुणवत्ता के अनुश्रवण के लिए बैक्टीरियोलाॅजिकल/वायरोलाॅजिकल जांच करना। जलभराव तथा वनस्पतियों की वृद्वि को रोकने के लिए आवश्यक गतिविधियां। नगरीय क्षेत्रों में ए0ई0एस0/जे0ई0 एवं अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु माइकिंग के माध्यम से प्रचार प्रसार।

कृषि विभाग आवासीय क्षेत्रों के आसपास छछून्दर, चूहों आदि को नियंत्रित करने हेतु उपाय करना। पशुपालन विभाग आबादी वाले क्षेत्रों से सूकर बाड़ों को दूर रखने हेतु जागरूक करना तथा सूकर पालकों को अन्य व्यवसाय अपनाने हेतु प्रेरित करना। जानवरों के पालन स्थल को स्वच्छ रखने हेतु जागरूक करना। स्वच्छ भारत मिशन उच्च रोगभार वाले ग्रामों को प्राथमिकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्त कराना होगा।