विरासत के भाव को परिलक्षित करता “आजादी का अमृत महोत्सव”

99

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”]

देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले ज्ञात-अज्ञात शहीदों को स्मरण करने के लिए आमजन की सहभागिता के साथ यह उत्सव मनाया जा रहा है।प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के क्रम में ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के साथ-साथ प्रभात फेरी आदि कार्यक्रमों का आयोजन 13 से 15 अगस्त, 2022 तक किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने विधान भवन पर डायनैमिक फसाड लाइटिंग का लोकार्पण किया।‘आजादी का अमृत महोत्सव ’ विरासत के प्रति हम सबके भाव को परिलक्षित करता है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ विरासत के प्रति हम सबके भाव को परिलक्षित करता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के क्रम में ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के साथ-साथ प्रभात फेरी आदि कार्यक्रमों का आयोजन 13 से 15 अगस्त, 2022 तक किया जा रहा है। यह केवल सरकारी आयोजन न होकर, राष्ट्रोत्सव का कार्यक्रम है। देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले ज्ञात-अज्ञात शहीदों को स्मरण करने के लिए आमजन की सहभागिता के साथ यह उत्सव मनाया जा रहा है।


आज यहां विधान भवन पर डायनैमिक फसाड लाइटिंग के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आगामी 25 वर्षों का अमृत काल पूरे देश के लिए तय किया है। जब देश आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, तब तत्कालीन भारत की परिकल्पना हम सभी के सामूहिक प्रयास से फलीभूत होगी। अतीत को विस्मृत करके कोई भविष्य नहीं बना सकता। अतीत के गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा लेकर एवं गलतियों का परिमार्जन करके भविष्य की रूपरेखा तय की जाती है।

प्रधानमंत्री ने आगामी 25 वर्षों का अमृत काल पूरे देश के लिए तय किया, जब देश आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, तब तत्कालीन भारत की परिकल्पना हम सभी के सामूहिक प्रयास से फलीभूत होगी।अतीत को विस्मृत करके कोई भविष्य नहीं बना सकता, अतीत के गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा लेकर एवं गलतियों का परिमार्जन करके भविष्य की रूपरेखा तय की जाती है।विधान भवन उ0प्र0की विधायिका का प्रमुख स्तम्भ, यह उ0प्र0 की 25 करोड़ जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है।11 से 17 अगस्त, 2022 तक सायं 07 बजे से सायं 08 बजे तक 10-10 मिनट के अन्तराल पर ‘वन्देमातरम्’ के गायन के साथ बेहतरीन फसाड लाइटिंग का कार्यक्रम प्रदेश की जनता को देखने को मिलेगा।लोक भवन, सचिवालय के अन्य भवनों के साथ-साथ प्रदेश की ऐतिहासिक इमारतों पर फसाड लाइटिंग लगाने का कार्य किया जाएगा।

विधान भवन उत्तर प्रदेश की विधायिका का प्रमुख स्तम्भ है। यह उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यहां विकास की कार्ययोजनाओं का मंथन किया जाता है। यहां तैयार की गई कार्ययोजनाएं उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के पथ पर अग्रसर कर रही हैं। जहां वर्तमान में विधान सभा संचालित हो रही है, वह पहले विधान परिषद थी। वर्ष 1937 में विधिवत विधान सभा का संचालन किया गया। उत्तर प्रदेश के 01 लाख 10 हजार गांवों एवं 700 से अधिक नगर निकायों में निवास करने वाली 25 करोड़ जनता के भाग्य के लिए कुछ कर गुजरने का अवसर इसी विधान सभा में मिलता है। इस वर्ष विधान सभा को ‘ई-विधान’ के साथ जोड़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।


हमारा सौभाग्य है कि रक्षाबन्धन के पावन पर्व पर अपनी ऐतिहासिक विरासत को चार चांद लगाने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। 11 से 17 अगस्त, 2022 तक सायं 07 बजे से सायं 08 बजे तक 10-10 मिनट के अन्तराल पर ‘वन्देमातरम्’ के गायन के साथ बेहतरीन फसाड लाइटिंग का कार्यक्रम प्रदेश की जनता को देखने को मिलेगा। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए लोक भवन, सचिवालय के अन्य भवनों के साथ-साथ प्रदेश की ऐतिहासिक इमारतों पर फसाड लाइटिंग लगाने का कार्य किया जाएगा।

पूरा देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा-विधान सभा अध्यक्ष


विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि पूरा देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। जिन वीर सपूतों ने देश की आजादी के लिए अपने आपको न्यौछावर कर दिया, उनके सपनों के अनुरूप देश एवं प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में परिवर्तन देखने को मिल रहा है।

[/Responsivevoice]