अनुदेशकों तथा रसोइयों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा

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मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय में 2,000 रु0 तथा रसोइयों के मानदेय में 500 रु0 वृद्धि की घोषणा । रसोइयों को वर्ष में 02 साड़ी तथा एप्रन व हेडकैप का पैसासीधे उनके खाते में देने की व्यवस्था बेसिक शिक्षा परिषद करेगा ।रसोइयों को आयुष्मान भारत योजना या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना केअन्तर्गत 05 लाख रु0 के स्वास्थ्य बीमा कवर से जोड़े जाने की भी घोषणा । मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत रसोइयों तथाअंशकालिक अनुदेशकों के साथ संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित विगत साढ़े चार वर्षाें में बेसिक शिक्षा विभाग व अन्य विभागोंमें हुए परिवर्तन ने प्रदेश के प्रति लोगों की धारणाएं बदली वर्ष 2017 से पहले बेसिक शिक्षा के स्कूल बन्दी की कगारपर थे, वहीं वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्यसरकार ने ‘स्कूल चलो’ का विशेष अभियान प्रारम्भ किया । पिछले साढ़े चार वर्षाें में 54 लाख नये विद्यार्थियों ने नामांकन कराया । ऑपरेशन कायाकल्प उ0प्र0 का एक बेहतरीन प्रयोगरहा है, ऑपरेशन कायाकल्प को जनसहभागिता से जोड़ा गया । मुख्यमंत्री ने अनुदेशकों तथा रसोइयों से संवाद किया । प्रदेश के 1,56,000 विद्यालयों में से 1,30,000 विद्यालयों का कायाकल्प हो गया । कोरोना महामारी के कारण सरकार ने जूता-मोजा, यूनीफॉर्म, स्वेटर व बैग खरीदनेहेतु अभिभावकों के खाते में 1,100 रु0 की धनराशि देने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया । कोरोना काल खण्ड में दुनिया के तमाम देशों व देश के कई राज्यों की सरकारों ने30 प्रतिशत तक भत्तों में कटौती की है, वहीं उ0प्र0 सरकार ने कोई कटौती नहीं की । प्रदेश सरकार ने 1,26,000 शिक्षकों की नियुक्ति की । वर्तमान सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया, जिसका परिणामरहा कि प्रदेश में निःशुल्क टेस्ट, निःशुल्क वैक्सीन, निःशुल्कउपचार, निःशुल्क अन्न योजना का लाभ लोगों को मिल रहा मुख्यमंत्री ने पत्रिका ‘उन्नयन के साढ़े चार वर्ष’ का विमोचन किया ।


लखनऊ।
आज यहां बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत रसोइयों तथा अंशकालिक अनुदेशकों के साथ संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब रसोइयों को मनमाने ढंग से नहीं निकाला जा सकेगा। अब इस सम्बन्ध में एक जांच टीम गठित की जाएगी, जिसके आधार पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रसोइयों के सेवा नवीनीकरण के लिए सम्बन्धित विद्यालय में उसके पाल्य के होने की बाध्यता पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंशकालिक अनुदेशकों की सेवाओं को कैसे और बेहतर बनाया जा सकता है और उसे कैसे अच्छे ढंग से आगे बढ़ाया जा सकता है, जिससे उनके पास जॉब की गारण्टी हो सके। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्षाें में बेसिक शिक्षा विभाग व अन्य विभागों में हुए परिवर्तन ने प्रदेश के प्रति लोगों की धारणाएं बदली हैं। यह एक व्यक्ति का नहीं बल्कि सामूहिक प्रयास का फल है। उन्होंने कहा कि रसोइयों व अनुदेशकों ने सराहनीय कार्य किया है। वर्ष 2017 से पहले बेसिक शिक्षा के स्कूल बन्दी की कगार पर थे, वहीं वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार ने ‘स्कूल चलो’ का विशेष अभियान प्रारम्भ किया था। इसमें बेसिक शिक्षा से जुड़े शिक्षकों व आम जन के सहयोग से विद्यार्थियों के परिवारों से सम्पर्क स्थापित किया गया, जिसका परिणाम रहा कि पिछले साढ़े चार वर्षाें में 54 लाख नये विद्यार्थियों ने नामांकन कराया। उन्होंने कहा कि 54 लाख नये विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने में शिक्षकों, अनुदेशकों व रसोइयों का बड़ा योगदान रहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय में 2,000 रुपये तथा रसोइयों के मानदेय में 500 रुपये वृद्धि की घोषणा की। इसके साथ ही रसोइयों को वर्ष में 02 साड़ी तथा एप्रन व हेडकैप का पैसा सीधे उनके खाते में देने की व्यवस्था बेसिक शिक्षा परिषद करेगा। साथ ही, रसोइयों को आयुष्मान भारत योजना या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 05 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा कवर से जोड़े जाने की भी घोषणा की। इस घोषणा के माध्यम से 27,546 अनुदेशक व 3,78,000 रसोइयां लाभान्वित होंगी।स्कूल लोगों के विश्वास के प्रतीक बने हैं। ऑपरेशन कायाकल्प उत्तर प्रदेश का एक बेहतरीन प्रयोग रहा है। ऑपरेशन कायाकल्प को जनसहभागिता से जोड़ा गया, जिससे प्रत्येक स्कूल को सांसद, विधायक, प्रधान, शिक्षक, पुलिस, अधिकारी गोद लेकर उस स्कूल का समुचित विकास किया गया। इसके तहत आज जनसहभागिता के माध्यम से प्रदेश के 1,56,000 विद्यालयों में से 1,30,000 विद्यालयों का कायाकल्प हो गया है। अब इन विद्यालयों में बेहतर अवस्थापना सुविधाओं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महसूस किया कि 75 फीसदी बालिकाएं व लगभग 40 फीसदी बालक नंगे पैर स्कूल जाते थे। इसलिए वर्तमान सरकार ने निर्णय लिया कि सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क 02 यूनीफॉर्म, बैग, किताब, जूता-मोजा, स्वेटर भी उपलब्ध कराया। वर्तमान में प्रदेश में 01 करोड़ 82 लाख बच्चों को यह सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण सरकार ने जूता-मोजा, यूनीफॉर्म, स्वेटर व बैग खरीदने हेतु अभिभावकों के खाते में 1,100 रुपये की धनराशि देने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है।


कोरोना काल खण्ड में दुनिया के तमाम देशों व देश के कई राज्यों की सरकारों ने 30 प्रतिशत तक भत्तों में कटौती की है, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने कोई कटौती नहीं की। प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा की गारण्टी दी गयी। जीवन और जीविका को बचाने की कार्यवाही की गयी। प्रदेश सरकार द्वारा 1,26,000 शिक्षकों की नियुक्ति की गयी। बेसिक शिक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की गयी। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग ने तकनीक का प्रयोग किया, जिससे शिक्षा में गुणवत्तापरक सुधार हुआ। वर्तमान सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया, जिसका परिणाम रहा कि प्रदेश में निःशुल्क टेस्ट, निःशुल्क वैक्सीन, निःशुल्क उपचार, निःशुल्क अन्न योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 करोड़ से अधिक लोगों को अन्न योजना का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने अनुदेशक सुश्री मीनू गुप्ता, रणवीर सिंह तथा रसोइयां सीमा व रेखा से संवाद किया।इस अवसर पर उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग की पत्रिका ‘उन्नयन के साढ़े चार वर्ष’ का विमोचन किया। बेसिक शिक्षा विभाग पर केन्द्रित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी।बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बेसिक शिक्षा विभाग उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प से स्कूलों में अमूल-चूल परिवर्तन हुआ है।