‘आम मेगा क्लस्टर’ लखनऊ में स्वीकृत, अगले 05 वर्ष में 100 करोड़ रु0 खर्च किए जाएंगे-मुख्यमंत्री

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केन्द्र सरकार द्वारा एक ‘आम मेगा क्लस्टर’ लखनऊ में स्वीकृत, अगले 05 वर्ष में 100 करोड़ रु0 खर्च किए जाएंगे।मुख्यमंत्री ने आम की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।मेगा क्लस्टर में लखनऊ के आम को काकोरी ब्राण्ड के नाम से जाना जाएगा, यह ब्राण्ड देश और दुनिया में नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की छवि को प्रदर्शित करेगा।मुख्यमंत्री ने ‘उ0प्र0 आम महोत्सव-2022’ का शुभारम्भ किया।आम की विभिन्न प्रजातियों पर शोध कार्य किए जाएं,राज्य की प्रति हेक्टेयर आम उत्पादकता देश की तुलना में लगभग दो गुना।समय-समय पर विभिन्न बागवानी उत्पादों-आम,आंवला,अमरुद, केला सहित कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी जाएं।ऑर्गेनिक उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए हमें बीज से बाजार तक कार्य करना होगा तथा उनके ऑर्गेनिक गुण को बनाए रखना होगा।केन्द्र व प्रदेश सरकार ने इजराइल के सहयोग से जनपद बस्ती तथा जनपद कन्नौज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए।प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती के उन्नयन के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही।गो आधारित प्राकृतिक खेती से अन्नदाता किसानों की आय बढ़ने के साथ ही, आस्था का सम्मान होगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।प्रदेश सरकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का कार्य कर रही।कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को तकनीक, नवाचार एवं जानकारियां प्राप्त हो रहीं।लखनऊ आम महोत्सव स्मारिका-2022 का विमोचन किया, प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया।

   लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवध शिल्प ग्राम में ‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव-2022’ का शुभारम्भ किया। चार दिवसीय इस महोत्सव में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार द्वारा एक ‘आम का मेगा क्लस्टर’ लखनऊ में स्वीकृत किया गया है, जिसमें अगले 05 वर्ष में 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस मेगा क्लस्टर में लखनऊ के आम को काकोरी ब्राण्ड के नाम से जाना जाएगा। यह काकोरी ब्राण्ड देश और दुनिया में नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की छवि को प्रदर्शित करेगा। आजादी के अमृत महोत्सव के आयोजन की श्रृंखला के क्रम में काकोरी ब्राण्ड हमारे काकोरी के महानायकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।वैश्विक महामारी कोरोना के कारण 02 वर्षों बाद आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। आम महोत्सव के सफल आयोजन के साथ हमें आगामी वर्ष की वृहद कार्य योजना को पहले से तैयार करना होगा। देश में आम की फसल विभिन्न राज्यों में अलग-अलग समय में तैयार होती है। आने वाले समय में 01 जुलाई से 07 जुलाई तक प्रदेश में आम महोत्सव का आयोजन किया जाए। विभिन्न राज्यों को इस महोत्सव से जोड़ा जाए तथा देश के आम उत्पादकों के साथ आपसी ज्ञान को साझा किया जाए और उन्हें सम्मानित किया जाए। आम की विभिन्न प्रजातियों पर शोध कार्य किए जाएं। आम प्रत्येक व्यक्ति के लिए सर्वसुलभ है, इसीलिए उसका नाम आम है। आम एक पूर्ण आहार है, जिसमें अनेक विटामिन पाए जाते हैं। राज्य की प्रति हेक्टेयर आम उत्पादकता देश की तुलना में लगभग दो गुना है। उन्होंने कहा कि चार दिवसीय आम महोत्सव का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि सभी जनसामान्य इस महोत्सव की उपयोगिता से परिचित हो सके।


अवध शिल्प ग्राम में समय-समय पर विभिन्न बागवानी उत्पादों-आम, आंवला, अमरुद, केला सहित कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी जानी चाहिए। ऑर्गेनिक उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए हमें बीज से बाजार तक कार्य करना होगा तथा उनके ऑर्गेनिक गुण को बनाए रखना होगा। राज्य सरकार द्वारा सभी मण्डलों में टेस्टिंग लैब स्थापित कराये जाने की प्रक्रिया गतिमान है। मांग और आपूर्ति के मध्य बेहतर समन्वय के साथ उत्पाद की गुणवत्ता को और बेहतर करना होगा ताकि हमारे उत्पाद परीक्षणों में सफल हो सकें। प्रदेश के विभिन्न उत्पाद विदेशों को निर्यात किए जा रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केन्द्र व प्रदेश सरकार ने इजराइल के सहयोग से जनपद बस्ती तथा जनपद कन्नौज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए हैं। जनपद बस्ती में औद्यानिक फसलों तथा जनपद कन्नौज में सब्जी आदि के लिए ये सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कार्य कर रहे हैं। प्रदेश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में हॉर्टिकल्चर विभाग कार्य कर रहा है। कृषि विज्ञान केंद्रों में हॉर्टिकल्चर के विशेषज्ञ कार्यरत हैं। हमें इन दोनों में समन्वय स्थापित करते हुए ऑर्गेनिक एवं प्राकृतिक खेती के कार्यों को आगे बढ़ाना होगा।अन्नदाता किसानों को फूड प्रोसेसिंग के साथ जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि मार्केट तथा नागरिकों की आवश्यकता के उपरान्त शेष खाद्यान्न को फूड प्रोसेसिंग के साथ जोड़ा जाए, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। हमें परंपरागत फसल को आगे बढ़ाने के साथ साथ फसलों के विविधीकरण की तरफ भी आगे बढ़ना होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती के उन्नयन के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य में गंगा नदी के तटवर्ती 05-05 कि0मी0 क्षेत्र पर प्राकृतिक खेती के कार्यक्रम को क्रियान्वित किया जा रहा है। गो आधारित प्राकृतिक खेती से अन्नदाता किसानों की आय बढ़ने के साथ ही, आस्था का सम्मान होगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। प्रदेश सरकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। बुन्देलखण्ड में प्राकृतिक खेती आज की आवश्यकता है। जनपद झांसी में केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय तथा जनपद बांदा, कानपुर, अयोध्या तथा मेरठ में राज्य कृषि विश्वविद्यालय संचालित हैं। यह विश्वविद्यालय आपस में मिलकर कृषि विकास एवं किसानों के कल्याण के लिए बेहतर कार्य कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को तकनीक, नवाचार एवं जानकारियां प्राप्त हो रही हैं।इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग की पहल पर आयोजित आम की प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा लखनऊ आम महोत्सव स्मारिका-2022 का विमोचन किया और प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया।

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