भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद आकर्षण का केन्द्र होगा अयोध्या

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अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद यह निश्चित रूप से तीर्थयात्रियों और यात्रियों के लिए सबसे बड़े आकर्षण में से एक होगा और उत्तर प्रदेश पर्यटन की टोपी में एक पंख जोड़ देगा। उत्तर प्रदेश वास्तव में कई मायनों में खास है। यहीं पर एक बार भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान बुद्ध मनुष्यों के बीच चले, जिससे यह भारतीय पौराणिक कथाओं और सभ्यता का उद्गम स्थल बन गया।

मेरी दृष्टि में दुनिया में भारत जिस धर्म एवं धार्मिक सौहार्द के लिये पहचाना जाता है, आज उसी धर्म एवं सौहार्द को जीवंतता प्रदान करने एवं प्रतिष्ठित करने का अवसर हमारे सामने है। क्योंकि धर्म जीवन है, धर्म स्वभाव है, धर्म सम्बल है, करुणा है, दया है, शांति है, अहिंसा है। पर धर्म को हमने कर्म-काण्ड बना दिया, धर्म को राजनीति बना दिया। धर्म वैयक्तिक है, धर्म को सामूहिक बना दिया। धर्म आंतरिक है, उसको प्रदर्शन बना दिया। धर्म मानवीय है, उसको जाति एवं सम्प्रदाय बना दिया। यह धर्म का कलयुगी रूपान्तरण न केवल घातक बल्कि हिंसक होता रहा है। आत्मार्थी तत्व को भौतिक, राजनैतिक, साम्प्रदायिक लाभ के लिए उपयोग कर रहे हैं। धर्म हिन्दू या मुसलमान नहीं। धर्म कौम नहीं। धर्म सहनशील है, आक्रामक नहीं है। वह तलवार नहीं, ढाल है। वहां सभी कुछ अहिंसा से सह लिया जाता है, लेकिन श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद ने धर्म को विकृत कर दिया, संकीर्ण बना दिया। आज नरेन्द्र मोदी ने मन्दिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करके धर्म की विराटता दिखाने का सार्थक उपक्रम किया है। हमें एक अवसर मिला है कि हम आपस में जुड़ें और सौहार्द का वातावरण निर्मित करें। घृणा और खून की विरासत कभी किसी को कुछ नहीं देती। श्रीराम की भक्ति हो या रहीम की भक्ति, हमें अपनी-अपनी आस्था का निर्विघ्न जीवन जीते हुए राष्ट्रीयता को बल देना होगा। राष्ट्र होगा, तभी हमें अपनी आस्थाओं को जीने का धरातल मिल सकेगा।

उत्तर प्रदेश इतना विशाल राज्य है कि विश्व प्रसिद्ध ताजमहल, पवित्र कुशीनगर, चहल-पहल वाले और जीवंत वाराणसी या तहजीब लखनऊ के शहर को देखने के दौरान कई बार किसी को यह एहसास नहीं हो सकता है कि ये सभी विविध स्थान एक हिस्सा हैं। इस एकल उत्तर भारतीय राज्य की। स्मारकों, स्थापत्य चमत्कारों, तीर्थ केंद्रों, आध्यात्मिक अनुभवों और वन्य जीवन का एक सुंदर बहुरूपदर्शक, यदि आपने उस खजाने की खोज नहीं की है जो उत्तर प्रदेश है, तो यह उचित समय है कि आप इसे करें। इस ब्लॉग में, हम आपके लिए उत्तर प्रदेश के १२ पर्यटन स्थलों को लेकर आए हैं, जिन्हें आप अपनी यात्रा पर जाने से नहीं चूक सकते।उत्तर प्रदेश में एक और बहुत प्रसिद्ध स्थान, अयोध्या कई वर्षों से सुर्खियों में है और हाल ही में यहां बनने वाले राम मंदिर के भव्य भूमि पूजन के लिए। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या उत्तर प्रदेश में सरयू नदी के तट पर स्थित है और हिंदुओं के सात पवित्र शहरों में से एक है। अयोध्या को प्राचीन काल में साकेत कहा जाता था। अयोध्या का उल्लेख महाकाव्य रामायण सहित कई किंवदंतियों और कहानियों में मिलता है।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जनमानस की व्यापक आस्थाओं के कण-कण में विद्यमान हैं। श्रीराम किन्हीं जाति-वर्ग और धर्म विशेष से ही नहीं जुड़े हैं, वे सारी मानवता के प्रेरक हैं। उनका विस्तार दिल से दिल तक है। उनके चरित्र की सुगन्ध विश्व के हर हिस्से को प्रभावित करती है। भारतीय संस्कृति में ऐसा कोई दूसरा चरित्र नहीं है जो श्रीराम के समान मर्यादित, धीर-वीर और प्रशांत हो। इस विराट चरित्र को गढ़ने में भारत की सहस्त्रों प्रतिभाओं ने कई शताब्दियों तक अपनी मेधा का योगदान दिया। आदि कवि वाल्मीकि से लेकर महाकवि भास, कालिदास, भवभूति और तुलसीदास तक न जाने कितनों ने अपनी-अपनी लेखनी और प्रतिभा से इस चरित्र को संवारा। वे मर्यादा पुरुषोत्तम तो हैं ही मानव-चेतना के आदि पुरुष भी हैं। श्रीराम इस देश के पहले महानायक हैं, जिनका अयोध्या में दिव्य और भव्य राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है, इससे देश के आस्थावान करोड़ों हिन्दुओं को संतोष तो मिला ही, साथ ही यह तो उनके लिए आनंदोत्सव जैसा है, जन-जन में जीवन में नयी रौशनी का अवतरण है।

भारत के सबसे बड़े त्योहार, दीवाली, का पता अयोध्या में लगाया जा सकता है, जब रावण का वध करके घर लौटे विजयी राम का स्वागत करने के लिए पूरा शहर मिट्टी के दीयों से जगमगा उठा था।हर साल दीवाली के दौरान अयिध्या को लाखों दीयों से सजाया जाता है, आप नीचे दी गई तस्वीरों में दीवाली के दौरान अयोध्या की सुंदरता देख सकते हैं,अयोध्या जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से चार का जन्मस्थान भी है, इस प्रकार यह जैनियों के लिए भी उत्तर प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। धार्मिक शहर पवित्र सरयू नदी के किनारे कई शांत घाटों से सुशोभित है। विवाद के बावजूद, अयोध्या में अपने पर्यटकों को देखने और अनुभव करने के लिए इतना रंग और आध्यात्मिकता है और यह एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बना हुआ है। 1992 में तोड़ी गई विवादित बाबरी मस्जिद भी यहीं खड़ी थी।