उत्तर प्रदेश में नई राजनीति की शुरुआत

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असमानता और अन्याय के खिलाफ लड़ रही महिलाओं को प्रियंका गांधी ने दिया टिकट।उत्तरप्रदेश में नई राजनीति की शुरुआत।हमारे प्रत्याशी नया विकल्प देने वाले प्रत्याशी। पहली सूची में 40 प्रतिशत महिलाएं और 40 प्रतिशत युवा शामिल।नकरात्मक कैंपेन नहीं करेगी कांग्रेस पार्टी।

लखनऊ। आज भारतीय कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रेसवार्ता कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इस सूची में 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने के वादे को पूरा किया। कांग्रेस पार्टी ने असमानता और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने वाली महिलाओं और युवाओं को अपना उम्मीदवार बनाया है।प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि, जो महिलाएं पहली बार चुनाव लड़ रही हैं, वे संघर्षशील और हिम्मती महिलाएं हैं। अपनी सूची से हम संदेश देना चाहते हैं कि राजनीति का असली मकसद सेवा है। यह काफी हद तक बदल चुका है, लेकिन हम इस मकसद को वापस लाना चाहते हैं। मेरा संदेश है कि अगर आपके साथ अत्याचार हुआ तो आप अपने हक के लिए लड़ें। कांग्रेस ऐसी महिलाओं के साथ है। हमारे प्रत्याशी संघर्ष करने वाले, उत्तरप्रदेश को आगे बढ़ाने की सोच रखने वाले प्रत्याशी और उत्तरप्रदेश की जीत सुनिश्चित करने वाले प्रत्याशी। यह प्रदेश में नई ऊर्जा, युवा ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय की बुलंद आवाज़ के प्रतीक हैं।

उन्नाव की उस लड़की की माँ हमारी प्रत्याशी हैं, जिसने सत्ताधारी दल के बलात्कारी विधायक के ख़िलाफ़ न्याय के लिए संघर्ष किया। शाहजहाँपुर की वो आशा बहन हमारी प्रत्याशी है जो मुख्यमंत्री की सभा में अपना हक़ माँगने पहुँची तो उसको पीट-पीट कर उसका हाथ तोड़ दिया गया, लेकिन उनकी आवाज़ नहीं दबा सके। लखीमपुर की वो जनप्रतिनिधि हमारी प्रत्याशी हैं जिसने भाजपा के ख़िलाफ़ ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की हिम्मत जुटाई तो भाजपा वालों ने उसका चीरहरण किया, लेकिन उसका मनोबल नहीं गिरा पाए। लखनऊ की वो महिला हमारी प्रत्याशी हैं जिनको नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज कराने के चलते प्रताड़ित किया गया, लेकिन वो फिर भी सच्चाई के साथ डटी रहीं। सोनभद्र का वो आदिवासी भाई हमारे प्रत्याशी है जिनके आदिवासी भाई बहनों का दबंगों ने नरसंहार किया। सत्ता ने उनके साथ न्याय नहीं किया लेकिन उन्होंने न्याय व संघर्ष का पथ नहीं छोड़ा। नदियाँ निषादों की जीवनरेखा हैं। नदियों और उनके संसाधन पर निषादों का हक़ होता है। बसवार, प्रयागराज में बड़े खनन मफ़ियाओं के दबाव के चलते निषादों को नदियों से बालू निकालने के लिए भाजपा सरकार की पुलिस ने पीटा। निषादों की नावें जलाई गईं। अल्पना निषाद निषादों के हक़ों के संघर्ष की आवाज़ बनीं

उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुत सी महिलाओं के आवेदन आए, उनमें से कई ऐसी हैं जिन्हें कभी मौका नहीं मिला। कई ऐसी हैं जिन्होंने बहुत संघर्ष किया है और पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। हमारा लक्ष्य ये भी है कि हमारी भूमिका बढ़े, हमारी पार्टी मजबूत बने। हमने तय किया है कि हम नकरात्मक कैंपेन नहीं करेंगे। हम सकारात्मक मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे। महिलाओं, दलितों, युवाओं के मसलों पर चुनाव लड़ेंगे ताकि प्रदेश आगे बढ़े।उन्होंने कहा कि युवाओं पर बात क्यों नहीं होती है? पीड़िताओं की बात क्यों नहीं होती है? बेरोजगारों के साथ हो रहे अन्याय की बात क्यों नहीं हो रही है? क्या वे किसी प्रतिशत में नहीं हैं? हमने महिलाओं की बात शुरू की तो सभी पार्टियां घोषणाएं करने लगीं। भाजपा, सपा, आरएलडी, बसपा सबने घोषणाएं कीं। हमारी यही सफलता है कि अब महिलाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मैंने जो प्रयास शुरू किए हैं वह जारी रखूंगी, मैं चुनाव के बाद भी यूपी में ही रहूंगी। अगर हमारी पार्टी कहती है कि हमारी भूमिका कहीं और भी होनी चाहिए तो मैं वह भी करूंगी। पार्टी को मजबूत करने का हमारा प्रयास जारी रहेगा।प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि 125 उम्मीदवारों की हमारी पहली सूची में 40 प्रतिशत महिलाएं और 40 प्रतिशत युवा हैं। हमें आशा है कि इनके जरिये हम प्रदेश में एक नये तरह की राजनीति की पहल करें। इनमें पत्रकार, अभिनेत्री और ऐसी संघर्षशील महिलाएं हैं जिन्होंने बहुत अत्याचार झेला है।