भारत सेवाश्रम संघ केवल कर्मकाण्ड पर विश्वास नहीं करता

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  • मुख्यमंत्री जनपद गोरखपुर में भारत सेवाश्रम संघ द्वारा महाअष्टमी के अवसर पर आयोजित माँ दुर्गा पूजा समारोह में सम्मिलित हुए।
  • भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना पूज्य स्वामी प्रणवानन्द जी ने की थी।
  • स्वामी जी ने मात्र 12 वर्ष की उम्र में गोरखपुर में योगीराज बाबा गम्भीरनाथ जी से योग की दीक्षा ली।
  • संन्यासी स्वामी प्रणवानन्द जी के रूप में देश में वैदिक हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना की।
  • पूर्वाेत्तर के राज्यों और बंगाल में भारत सेवाश्रम संघ वैदिक धर्म की स्थापना के लिए अत्यन्त सार्थक रूप से कार्य दिखायी दे रहा।
  • भारत सेवाश्रम संघ केवल कर्मकाण्ड पर विश्वास नहीं करता, बल्कि उसके व्यावहारिक स्वरूप पर भी पूरी मजबूती के साथ उसे स्वीकार करते हुए उसका पालन भी करता है।
  • भारत सेवाश्रम संघ आने वाली पीढ़ियों में पूज्य स्वामी प्रणवानन्द जी की शिक्षाओं का निरन्तर प्रचार-प्रसार करते हुए, इसे आगे बढ़ाने का कार्य करता रहेगा।

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज जनपद गोरखपुर में भारत सेवाश्रम संघ द्वारा महाअष्टमी के अवसर पर आयोजित माँ दुर्गा पूजा समारोह में सम्मिलित हुए। उन्होंने बासंतिक नवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर महाअष्टमी एवं रामनवमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस आयोजन के माध्यम से भारत सेवाश्रम संघ के साथ जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना पूज्य स्वामी प्रणवानन्द जी ने की थी। स्वामी प्रणवानन्द जी का जन्म आज के बांग्लादेश में, जो उस समय पूर्वी बंगाल का हिस्सा था, में हुआ था। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने मात्र 12 वर्ष की उम्र में गोरखपुर में योगीराज बाबा गम्भीरनाथ जी से योग की दीक्षा ली थी। इसके उपरान्त, संन्यासी स्वामी प्रणवानन्द जी के रूप में देश में वैदिक हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना की। पूर्वाेत्तर के राज्यों और बंगाल में भारत सेवाश्रम संघ वैदिक धर्म की स्थापना के लिए अत्यन्त सार्थक रूप से कार्य दिखायी दे रहा है। देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर भारत सेवाश्रम संघ अपनी सेवा और वैदिक धर्म के प्रति अपने समर्पण के लिए जाना जाता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 03 वर्ष बाद उन्हें यहां आने का अवसर प्राप्त हो रहा है। अप्रैल, 2019 में आश्रम की अपनी यात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय भी स्वामी श्रेयसानन्द जी के साथ कार्यक्रमों में जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ था। इससे पूर्व, उन्हें (मुख्यमंत्री जी) और उनके पूज्य गुरुदेव को अनेक बार यहां आने का अवसर मिला। वर्ष 2012 में पूरे देश से भारत सेवाश्रम संघ के सभी संन्यासी गोरखपुर में पधारे थे। गोरखपुर मन्दिर में स्वामी प्रणवानन्द जी की दीक्षा के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत की सनातन धर्म की परम्परा इन्हीं पूज्य सन्तों के आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन में निरन्तरता लिए हुए है। यह सौभाग्य का विषय है कि आज चैत्र नवरात्रि पर जगत जननी माँ भगवती की महाअष्टमी पूजन के साथ पुनः इस आयोजन के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है।मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सेवाश्रम संघ केवल कर्मकाण्ड पर विश्वास नहीं करता, बल्कि उसके व्यावहारिक स्वरूप पर भी पूरी मजबूती के साथ उसे स्वीकार करते हुए उसका पालन भी करता है। यही कारण है कि यह संगठन देश के असंख्य लोगों की श्रद्धा और विश्वास का पात्र बना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सेवाश्रम संघ आने वाली पीढ़ियों में पूज्य स्वामी प्रणवानन्द जी की शिक्षाओं का निरन्तर प्रचार-प्रसार करते हुए, इसे आगे बढ़ाने का कार्य करता रहेगा। भारत सेवाश्रम संघ के इन सभी कार्यों के प्रति उनका सदैव सहयोग रहेगा। उन्होंने भारत सेवाश्रम संघ के सेवा और समर्पण अभियान के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।