भर/राजभर जाति को मिले एसटी का दर्जा-ओमप्रकाश राजभर

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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री विधायक ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि आजादी के बाद से उपेक्षित भर/राजभर जाति बहुत जल्द ही अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध हो जाएगी उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा 11 मार्च 2022 को इस इस संबंध में दिए गए आदेशों का अनुपालन कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सहमत हो गए हैं इस संबंध में मंगलवार की शाम को उनके आवास पर हुई मुलाकात के दौरान उन्होंने भर राजभर  जाति को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध किए जाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के लिए समाज कल्याण विभाग को निर्देशित कर दिया।भर/राजभर जाति को एसटी का दर्जा दिलाने के लिये मुख्यमंत्री ने केन्द्र को प्रस्ताव भेजने के लिये सहमत।


ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भर/राजभर जाति को  अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध किए जाने के लिए जो आदेश जारी किया है उसके अवलोकन के पश्चात मुख्यमंत्री जी ने इसके प्रति पूरी गंभीरता दिखाई मुख्यमंत्री ने कहा कि भर/राजभर कि विकास के प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनशील है।राजभर ने बताया कि प्रदेश में भर/राजभर जाति को विमुक्ति जाति का प्रमाण पत्र शासनादेश संख्या-22ब्ड /26-3-2ब्13 दिनांक 10/06/2013 से जारी किया जाता है जबकि महाराष्ट,ª छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भर/राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में रखा गया है, उत्तर प्रदेश का भर/राजभर जाति पिछड़ी/विमुक्ति जाति में सूचीवद्ध है महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगण में अनुसूचित जनजाजि में सूचीवद्ध है। विमुक्ति जाति की क्रम संख्या 1से 17 में से क्रम संख्या 17 पर अंकित है। भर जाति को छोड़कर सभी जातियों को या तो अनुसूचित जाति में/अनुसूचित जनजाति में सूचिवद्ध कर दिया गया है।

जबकि आठवीं विधानसभा में। उत्तर प्रदेश विधानसभा को याचिका समिति की बैठक दिनांक 03.01.1981 को समिति ने निर्णय लिया गया था कि भर/राजभर जाति को अनसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव भारत सरकार को कार्यवाही करने लिखने की सिफारिस कर दिया जाय लेकिन वह आज तक विचाराधीन ही रह गया भर/राजभर जाति को अनूसूूचित जाति में सामिल करने को लेकर हाई कोर्ट ने 11 मार्च 2022 को 2 महिने के अन्दर भारत सरकार को भर/राजभर जाति को उत्तर प्रदेश में भी इस जाति को बहुत जल्द अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध कराने का प्रयास जारी है केंद्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध किए जाने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद भर राजभर जाति के युवाओं को शिक्षा पाने के बेहतर अवसर के साथ ही सरकारी सेवाओं में नौकरी पाने के अधिक अवसर मिलने लगेंगे।


भू माफियाओं के उपर कार्यवाही करने की आढ़ में ग्रामिण इलाको मे रंजिसवस कुछ अधिकारियों से मिलकर गरीब, कमजोर, वंचित, पिछड़े, दलित के मकानों को जो लगभग 50 से 60 वर्षो से मकान बनाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं उनके मकानो को भी गिराया जा रहा है इस कार्यवाही को रोकने के सम्बन्ध में माननीय मुख्यमंत्री जी को भी पत्र दिया और मुख्यमंत्री जी ने सम्बन्धीत अधिकारियों को इस तरह की कार्यवाही न करने की सहमती जतायी।