अखिलेश के खिलाफ भाजपा ने नहीं उतारा प्रत्याशी…!

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अखिलेश यादव ने आवास पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और नसीहत भी दी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि नेताओं की परिक्रमा न करें और चुनाव में तेजी से जुट जाएं।मुलायम सिंह परिवार के गढ़ मैनपुरी की चारों सीटों पर तीसरे चरण में 20 फरवरी को चुनाव होना है। सपा ने चारों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, वहीं भाजपा ने अब तक तीन सीटों पर ही प्रत्याशी उतारे हैं। करहल से भाजपा ने अखिलेश यादव को चुनौती दे सकने वाले प्रत्याशी की तलाश में जुटी है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आज मैनपुरी पहुंचेंगे और वहां से सीधे कलेक्ट्रेट जाकर करहल सीट से अपना नामांकन करेंगे. फिलहाल सपा की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर कार्यकर्ताओं में जोश है.वहीं आज उनके नामांकन को लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. वहीं करहल सीट के लिए बीजेपी ने अभी तक प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है. जबकि बीएसपी और कांग्रेस ने प्रत्याशी उतार दिए हैं. वहीं बीजेपी में चर्चा है वह करहल सीट से अपर्णा यादव को टिकट दे सकती है.

सपा का अभेद्य किला है करहल सीट,मैनपुरी को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का गढ़ माना जाता है. वह यहां से लोकसभा सांसद भी हैं. अखिलेश यादव आजमगढ़ से इस समय लोकसभा सांसद हैं. उन्होंने आज तक कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है. पहली बार वह इस बार करहल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. इस सीट पर उसने 2002 के चुनाव को छोड़कर 1993 से लेकर 2017 तक हर बार जीत हासिल की. करहल विधानसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की संख्या 1.25 लाख के आसपास है. जातीय समीकरणों के लिहाज से भी करहल सीट सपा के लिए मजबूत किला की तरह है. इस सीट से 1993 से लेकर आज तक सिर्फ एक बार 2002 में सपा को हार का मुंह देखना पड़ा था.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे किस के हक में आएंगे यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन मैदान में उतरने से पहले ही सभी सियासी पार्टियां अपने चुनावी समीकरण को सहीं करने में लगीं हुईं हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस बार विधानसभा चुनाव में खुद मैदान में उतर कर एक नया दांव खेला है. विधानसभा चुनाव के पहली बार अपनी किस्मत आजमाने जा रहे अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट के लिए आज नामांकन दालिल करेंगे.