13700 किमी जन विश्वास यात्रा में भाजपा को मिला स्नेह

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मनीष दीक्षित

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी द्वारा निकाली गई छह जन विश्वास यात्राओं में मिले जनता जनार्दन के जनसमर्थन और आशीर्वाद पर सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। बुधवार को प्रदेश कार्यालय पर हुई प्रेसवार्ता में बोलते हुए उन्होंने बताया कि सभी यात्राएं प्रदेश के 6 अलग-अलग स्थानों से शुरू हुई थी, जो 98 सांगठनिक जिलों एवं प्रदेश की 403 विधानसभाओं से होते हुए गुजरी। इन यात्राओं के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार की लोकमंगलकारी योजनाओं से प्रदेश की जनता को अवगत कराया। प्रत्यक्ष रूप से इन यात्राओं में तीन करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े। 13700 किमी की इन यात्राओं में जनता की तरफ से जन विश्वास यात्रा में मिला स्नेह अभिभूत करने वाला हैं।


भाजपा अध्यक्ष ने यात्रा के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पहली यात्रा पश्चिम क्षेत्र के बिजनौर जिले से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा शुभारंभ की गयी। यह यात्रा कुल 19 जिलों से गुजरी एवं कुल 71 विधान सभाओं में 428 कार्यक्रम हुए। रामपुर में समापन कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बडी़ सभा हुई। जबकि दूसरी यात्रा बृज क्षेत्र के मथुरा जिले से उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ द्वारा शुभारंभ की गयी। इस यात्रा ने कुल 12 जिलों का दौरा किया। कुल 65 विधान सभाओं में 310 कार्यक्रम किये। बरेली में समापन कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह का रोड़ शो आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि तीसरी यात्रा कानपुर क्षेत्र के झाँसी जिले से माननीय केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी द्वारा शुभारंभ की गई। इस यात्रा ने कुल 14 जिलों का दौरा किया। कुल 52 विधान सभाओं में 403 कार्यक्रम किये। कानपुर में समापन कार्यक्रम में माननीय उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी की जनसभा हुई।


जबकि चौथी यात्रा अवध क्षेत्र के अम्बेडकर नगर जिले से माननीय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी द्वारा शुभारंभ की गयी। इस यात्रा ने कुल 13 जिलों का दौरा किया। कुल 82 विधान सभाओं में 217 कार्यक्रम किये। यात्रा का समापन जे.पी. नड्डा जी की विशाल रैली लखनऊ से हुआ। पांचवी यात्रा गोरखपुर क्षेत्र के बलिया जिले से मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा शुभारंभ की गयी। इस यात्रा ने कुल 10 जिलों का दौरा किया। कुल 62 विधान सभाओं में 319 कार्यक्रम किये। इसका समापन माननीय जे.पी. नड्डा जी की विशाल रैली बस्ती में हुआ।  जबकि छठवी जनविश्वास यात्रा काशी क्षेत्र के गाजीपुर दौरा किया। कुल 71 विधान सभाओं में 337 कार्यक्रम किये। यात्रा का समापन अमेठी जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की बडी़ सभा से हुआ।


यह सभी यात्राएं एक साथ 19 दिसम्बर से शुरू हुई, जो 31 दिसम्बर से 3 जनवरी के बीच समाप्त हुई हैं। इन यात्राओं में जनता से मिले असीम प्यार से यह साबित हुआ है कि 2017 के बाद डबल इंजन की सरकार के गरीब और वंचितों के कल्याण की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और सुशासन पर जनता का विश्वास कायम है। जनविश्वास यात्राओं में मिले अपार जनसमर्थन से हमें यह पूर्ण विश्वास है कि इस बार फिर एक बार भाजपा सरकार के लिए हमें जनता जनार्दन का भरपूर आर्शीवाद मिलने वाला है। जनता लाल टोपी वालों के झांसे में नहीं आने वाली है। वह सपा, बसपा और कांग्रेस के जहरीले कॉकटेल से प्रदेश को पूरी तरह से मुक्त रखने का संकल्प कर चुकी है। वह जान गई है कि जो लोग नई हवा चलाने की बात कर रहे हैं, वह केवल जनता को लूटकर किये गए पाप से बने दुर्गन्धित इत्र से ज्यादा कुछ नहीं है।


उन्होंने कहा अखिलेश जी को रोज सपने आते हैं, लेकिन वे दिवास्वप्न होते हैं, जो सच नहीं होने वाले हैं। समाजवादी पार्टी जब सत्ता में होती है तो उनकी सरकार की हर योजना अपने परिवार कल्याण की होती है। नौकरी का विज्ञापन युवाओं को रोजगार देने के लिये घर-परिवार की जेब भरने, वसूली के लिये निकलता था। सपा राज में कानून व्यवस्था का मतलब दंगाई, गुंडा और माफिया को संरक्षण,आतंकियों की मुकदमा वापसी थी।इसके उलट 2017 के बाद कुशासन के इन सभी प्रतीकों पर लगाम लगाने का काम योगी जी की सरकार ने किया है। हमारे मुख्यमंत्री के टैबलेट को खोलते ही दो आइकॉन बहुत प्रमुखता से दिखाई पड़ते हैं। एक में प्रदेश की जनता के लिए किए गए काम और सुशासन की बागडोर की सुदृढ व्यवस्था से जुड़े काम की पूरी प्लानिंग। दूसरे आइकॉन पर पिछली सरकारों के कारनामों की कुंडली है। इसलिए हमारे मुख्यमंत्री जी काम के साथ विपक्षियों के काले कारनामों पर लगाम लगाने में सफल रहे हैं।उन्होंने कहा कि अखिलेश जी के सपने में भगवान कृष्ण तो आते हैं, लेकिन जब वह नींद से जगते है तो कृष्ण जन्मोत्सव पर प्रतिबंध लगा देते हैं, कांवड़ पर रोक लगा देते हैं, उनके पिता की सरकार कृष्ण-राम भक्तों पर गोलियां चलवाती हैं, ये जवाहरबाग में कृष्ण के साधकों की जमीन कब्जवाते हैं। रामद्रोही के सपने में न कृष्ण आ सकते हैं और न हकीकत में राम-कृष्ण भक्त उनके साथ खड़े हो सकते हैं।