भाजपा ने नौजवानों को बेरोजगारी के दलदल में धकेला-पी0एल0 पुनिया

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 पीसीएस परीक्षा में गड़बड़ी योगी सरकार की लापरवाही का नतीजा।भाजपा ने नौजवानों को बेरोजगारी के दलदल में धकेला।

लखनऊ। भाजपा सरकार ने न सिर्फ नौजवानों को बेरोजगारी बांटी है बल्कि इस सरकार की नाकामियों से सरकारी भर्तियों के पेपर लीक हो रहे या फिर किन्हीं कारणों से भर्तियां रद्द होती रहीं। उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा में सवालों में गड़बड़ी संबंधित विवाद को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस इलेक्शन कैंपेन कमेटी के चेयरमैन पीएल पुनिया ने कहा कि यह सरकार कानून, रोजगार, शासन के पैमाने पर फेल रही। इस सरकार से प्रतियोगी परीक्षाएं भी सकुशल आयोजित नहीं की जा सकीं।

उन्होंने कहा कि पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 की प्रारंभिक परीक्षाओं में 38 सवाल गलत पूछे गए थे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से उत्तर कुंजी जारी किए जाने के बाद इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। यह अक्षम्य अपराध है और प्रतियोगी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का मामला है। प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में इतनी बड़ी संख्या में सवालों का गलत होना सरकारी व्यवस्था में घोर लापरवाही का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पांच साल से 12 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं, ऐसे में इस तरह की लापरवाही, रोजगार देने में योगी सरकार की असंवेदनशीलता की ओर इशारा है।

श्री पुनिया ने कहा कि पांच साल तक इस सरकार ने सरकारी नौकरी मांगने वाले छात्रों पर लाठियां चलवाई हैं। यह सरकार युवाओं को नौकरी देने में नाकाम रही है। भर्तियां रद्द हो रही है, परीक्षाओं में पेपर लीक हो रहे हैं। किसी तरह से सरकारी तंत्र की विफलता से निकलकर सरकारी भर्तियां नियुक्ति तक पहुँचती हैं, तो अदालतों के चक्कर काटती रहती हैं। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले  पीसीएस परीक्षा-2016 में भी सवालों के विवाद से जुड़ा मामला पहले हाईकोर्ट और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट तक गया था। इसी लापरवाही के चलते मुख्य परीक्षा देर से हुई और परिणाम घोषित नहीं हो सके। इसके अलावा पीसीएस-2017 में भी सवालों के विवाद से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था और इस बार भी विवाद के कारण मुख्य परीक्षा के आयोजन में देरी हुई। अब तक दोनों मुख्य परीक्षाओं के परिणाम नहीं आए हैं। इतना कुछ होने के बावजूद गड़बड़ियां लगतार सामने आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का युवा बेरोजगारी से कराह रहा है। पढ़े-लिखे नौजवानों को नौकरी नहीं मिल रही है। सालों-साल प्रतियोगी छात्र सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करते हैं, बच्चों के मां बाप कड़ी मेहनत कर उनकी पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद देते हैं, और योगी सरकार सरकारी पदों की परीक्षाओं में इस तरह लापरवाही बरत रही है। पीसीएस परीक्षा में इस तरह की घटनाएं सरकार के दामन पर धब्बे की तरह हैं और एक बात सच साबित हो रही है कि सरकार नौकरी के नाम पर युवाओं के साथ धोखा कर रही है।