भाजपा की नीतियां श्रम विरोधी हैं-अखिलेश

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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में ओबीसी, एससी संगठित मोर्चा उत्तर प्रदेश, रसोइया जनकल्याण समिति उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों तथा बेरोजगार अभ्यर्थियों के प्रतिनिधियों ने भेंटकर अपने ज्ञापन सौंपे। अखिलेश यादव ने आश्वस्त किया कि समाजवादी सरकार बनने पर इनकी समस्याओं का समुचित समाधान किया जाएगा। उन्हें न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा भाजपा की नीतियां श्रम विरोधी हैं। इस सरकार को बदलने पर ही प्रदेश में लोग खुशहाल हो सकेंगे।शिक्षक भर्ती में पिछड़ों, दलितों का आरक्षण मारने वाले मुख्यमंत्री जी अब लाठियां बरसा रहे हैं। लखनऊ में शांतिपूर्वक कैंडल मार्च निकाल रहे शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर पुलिस लाठीचार्ज शर्मनाक है। युवा बेरोजगार चुप नहीं बैठेंगे। नौजवान बदलाव के लिए तैयार है।


    ओबीसी, एससी, संगठित मोर्चा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष विजय प्रताप तथा प्रवक्ता अमरेन्द्र सिंह पटेल के साथ महासचिव लोहा सिंह पटेल ने श्री अखिलेश यादव को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में गतिमान 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई है। भर्ती की चयन प्रक्रिया दोषपूर्ण है। ज्ञापन में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट लागू करने की भी मांग की है।रसोइया जनकल्याण समिति उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष कैलाश कुमार, संयुक्त सचिव अनीता देवी तथा महामंत्री राम कुमार ने अखिलेश यादव से मिलकर अपना ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि हर वर्ष रसोईयों की नियुक्ति/नवीनीकरण में रसोइयों के बच्चों को कार्यरत विद्यालयों में ही पढ़ने-पढ़ाने की शर्त से रसोईये बेरोजगार हो रह हैं। मिड-डे-मील में लगे कर्मचारियों को 11 माह सकी जगह 10 माह का वेतन दिया जाता है उन्होंने रसोइयों की मांगों को समाजवादी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किए जाने का आग्रह किया है।


      बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 1.37 लाख पद भरने के मामले में भी भाजपा सरकार संवेदनशून्य बनी हुई है। यहां 90197 पास बेरोजगार अभ्यर्थियों के प्रतिनिधियों विवेक द्विवेदी, अरविन्द सिकरवार, आलोक सिंह, शिखा पाल दीदी, नन्दिनी यादव और अभय श्रीवास्तव तथा मलकीत सिंह ने अखिलेश यादव से भेंट कर अपना ज्ञापन सौंपा। इनकी मांग है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन के क्रम में 137000 पदों को दो क्रमागत भर्तियों में ही पूरा किया जाना चाहिए।