बी0एम0 यादव ने जीता इसौली का दिल

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इसौली के लाल बी0एम0 यादव की मेहनत रंग लाई।बी0एम0 ने दिलाया पूर्णमासी निषाद के परिवार को न्याय।बी0एम0 यादव ने जीता इसौली का दिल।बी0एम0 यादव के प्रयास से न्याय हित के लिए सुल्तानपुर में कब्र से निकाला गया मुर्दा।

सुल्तानपुर के इसौली बिधानसभा के मिठनेपुर ग्राम सभा में हाल ही में हुई घटना में पूर्णमासी निषाद की मृत्यु हो गई थी। देखा गया कि पूर्णमासी निषाद के पिता का आरोप है कि हमारे पुत्र की हत्या की गई है। मै गरीब हूँ इस लिए मेरी कोई नहीं सुन रहा है। प्रसासन की मिलीभगत से पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी फर्जी तरीके से तैयार कि गई।देखा गया कि क्षेत्र का कोई नेता व समाज सेवी पीड़ित परिवार के पास देखने तक नहीं पहुंचा । लेकिन जब यह बात इसौली के लाल बी0एम0 यादव ने सुना तो तुरंत पीड़ित परिवार के पास पहुंचे और उन्होंने देखा कि इस परिवार के पास रहने के लिए आवास तक नहीं है। उन्होंने मृतक के पिता से जैसे ही मिले तुरंत उनके आंसू पोछा और बगैर किसी पद पर रहते हुए तुरंत एक लाख रुपये का चेक पीड़ित परिवार को दिया। बताया कि आप गरीब हो तो आपकी आवाज दब नहीं पायेगी आपको पूर्ण रूप से न्याय मिलेगा।

हम हर सम्भव आपकी मदद करेंगे बी0एम0 यादव आपके साथ खड़ा है। उसके बाद बी0एम0 यादव यही नहीं रूके उन्होंने यह सारी घटना सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने रखा। जिसके बाद वहा से सपा का प्रतिनिधि मंडल तैयार किया गया और वह लखनऊ से बी0एम0 यादव के साथ चलकर मिठनेपुर पहुँचा ।यहाँ कि सारी घटना का जायजा लेकर प्रतिनिधि मंडल ने तुरंत प्रसासन को पुनः पोस्टमार्टम कराने के लिए पत्र लिखा। जिससे सुल्तानपुर प्रसासन हरकत में आया और आज दिनांक 7/11/2021 दिन रविवार को प्रसासन के द्वारा पुनः उस कब्र को खोदकर पूर्णमासी निषाद के शव को निकाल कर पुनः पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।

जब देश भर में मोदी लहर चल रही थी, तब भी इसौली विधानसभा सीट सपा के खाते में गई थी।हालांकि इसौली का सिंहासन पिछले लंबे वक्त से सपा के पास रहा है। यहां सबसे ज्यादा चार बार सपा का कब्जा रहा है।इसकी एक बड़ी वजह यहां के मुस्लिम वोटर माने जाते हैं। 2017 के चुनाव में सपा के अबरार अहमद ने भाजपा के ओम प्रकाश पांडे को कड़ी टक्कर के बाद 4241 वोट से चुनाव हरा दिया।2012 में भी अबरार अहमद ने सपा के सिंबल पर पीईसीपी के यशभद्र सिंह को 13941 वोट से शिकस्त दी थी। इस चुनाव में भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। विधानसभा इसौली के इतिहास में आजादी के बाद से अब तक भाजपा का कोई नेता प्रतिनिधित्व नहीं कर सका है।

चुनावी वर्ष 2007, 2012 एवं 2017 के विधानसभा चुनाव में इसौली विधानसभा से टिकट की दावेदारी की रेस में इनका भी नाम था। लेकिन पार्टी के कद्दावर नेता की प्रतिष्ठा जुड़ जाने से सभी का नाम कटा और चुनावी वर्ष 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रबल दावेदारी रही है।प्रबल दावेदारी साथ ही श्री यादव पार्टी से जुड़े रहे। उत्तर प्रदेश में चुनाव की गहमागहमी शुरू हो चुकी है इसके मद्देनजर श्री यादव ने अन्य सपाइयों से अलग हटकर सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने के फिर से बीड़ा उठाया। बगैर लाव लश्कर बी0एम0 यादव ने पोस्टर के माध्यमों से काम शुरू कर दिया है। जबकि जनहित में कराए गए विकास कार्यों को जनता के बीच पहुंचाने के लिए विधायकों, सांसदों व अन्य पार्टी के पदाधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है। लेकिन यहां सपा नेता बी0एम0 यादव का कहना है की यह सब करके वह पार्टी पर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं बल्कि वे अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हैं जिसका निर्वाहन वह कर रहे हैं।