काले कृषि कानून की वापसी के लिए अध्यादेश लायें प्रधानमंत्री-प्रियंका गांधी वाड्रा-प्रियंका वाड्रा

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  प्रधानमंत्री द्वारा काले कृषि कानून की वापसी की घोषणा का कारण पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं।काले कृषि कानून की वापसी के लिए अध्यादेश लायें प्रधानमंत्री।मृतक किसानों खासतौर से लखीमपुर की घटना के पीड़ित किसान परिवार को न्याय दे सरकारऔर केन्द्रीय मंत्री का तत्काल प्रभाव से इस्तीफा लें प्रधानमंत्री।देश में व्याप्त किसान समस्या जैसे कर्ज, मंहगा डीजल, मंहगी बिजली,छुट्टा जानवर, मंहगी खाद और खाद की कमी का तुरन्त हल निकाले सरकार, सरकार अगर गलत कार्य करती है या गलत कानून लाती है तो उसका विरोध होना चाहिए।

आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव एवं प्रभारी उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा जी ने लखनऊ स्थित अपने आवास पर एक प्रेस-कांफ्रेस को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा विगत वर्ष से लागू काले कृषि कानून की वापसी की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भाषण दे रहे थे तो मेरे मन बहराइच के रहने वाले संजीत सिंह जिन्हें लखीमपुर में केन्द्र सरकार के मंत्री के बेटे ने अपनी गाडी के नीचे कुचल दिया था के पीड़ित परिवार की ओर ध्यान गया। जब मैं उनसें मिलने गयी तो दलजीत सिंह की पत्नी ने कहा कि मुझे बड़ा डर लग रहा है। मैं पति के बिना अपने दोंनो बच्चों को कैसे संभालूगी? प्रियंका गांधी वाड्रा जी ने उनकी मनःस्थित के बारे में बताया कि पीड़ित परिवार क्या सोच रहा होगा? जिस दिन लखीमपुर में घटना हुई, उस दिन प्रधानमंत्री जी लखनऊ में थे। हेलीकाप्टर के माध्यम से मात्र 15 मिनट में लखनऊ से लखीमपुर जनपद पहंुचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनका दर्द साझा कर सकते थे। मगर प्रधानमंत्री जी ने ऐसा करने के बजाय हत्यारों को संरक्षण दिया। केन्द्रीय मंत्री का आज तक इस्तीफा नहीं लिया। आज प्रधानमंत्री माफी मांग रहें हैं, जबकि 600 से 700 किसान शहीद हो चुके हैं। देश समझ रहा है कि चुनाव आ गयें हैं और परिस्थितियां भाजपा के पक्ष मंे नहीं हैं तो माफी मांगने आ गये हैं।प्रियंका गांधी जी ने आगे कहा कि हमें समझना होगा। सरकार के नेताओं ने किसान को क्या-क्या नहीं कहा? आन्दोलनजीवी, गुण्डे, आतंकवादी, देशद्रोही, और जब ये कहा जा रहा था तो प्रधानमंत्री जी चुप क्यों थे? आन्दोलनजीवी तो प्रधानमंत्री जी ने ही कहा था। किसानों की हत्या की जा रही थी, मारा जा रहा था, लाठियां बरसाई जा रही थी, गिरफ्तार किया जा रहा था, और यह तो सरकार ही कर रही थी।


आज कृषि कानून वापसी की बात कर रहें हैं पर हम आपकी नियत पर कैसे भरोसा करे?ं खुशी इस बात की है कि सरकार समझ गई है कि किसान से बड़ा इस देश में कोई नहीं है। इस देश मेें सरकार अगर किसान को कुचलने की कोशिश करती है और किसान खड़ा हो जाता है तो सरकार का अंत मंे झुकना ही पड़ता है।प्रियंका गांधी जी ने आगे कहा कि जो किसान शहीद हुए इस पूरे आन्दोलन में, कई किसानों के परिवारों से मैं मिल रहीं हूँ। मैं उनके दुख को समझती हूँ। हम सबको सबसे पहले उन्हें श्रद्धाजंलि देनी चाहिए। सरकार अगर सचमुच सीरियस है तो उन्हें उचित कार्यवाही करनी चाहिए। खासतौर से जनपद लखीमपुर में जो हुआ, उसमें आरोपी के पिता जो कि केन्द्रीय मंत्री हैं, उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।किसान की समस्या पर प्रकाश डालते हुए प्रियंका गांधी जी ने कहा कि आज किसान कर्ज मंे डूबा हुआ है। मैं ललितपुर गई, जहां किसान की खाद् के लिए लाइन में खड़े रहने की वजह से मृत्यु हो गई। कुछ किसानों ने आत्महत्या कर ली। किसानों की समस्या को सुलझाने का कर्तव्य हम सबका है। मुझे खुशी है कि किसान डटे रहे और विपक्ष के दलों ने भी उनका समर्थन किया। हम सबको धन्यवाद देना चाहते हैं। प्रधानमंत्री तमाम छोटी-छोटी चीजों के लिए अध्यादेश लातें हैं तो काले कृषि कानून वापसी के लिए अध्योश क्यों नहीं लाते? चुनाव का इन्तजार क्यों कर रहंे हैं?


प्रियंका गांधी ने कहा कि यह आन्दोलन किसान का था और किसी को भी श्रेय लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। काले कृषि कानून की वापसी पूरी तरह से किसानों की जीत और अंहकार की हार है। जब देशवासी खड़े हो जाते हैं तो सरकार को झुकना ही पड़ता है। सरकार अगर गलत कार्य करती है, गलत कानून लाती है तो उसका विरोध होना चाहिए। मेरे भाई (राहुल गांधी) ने (जनवरी 2021) कहा था कि सरकार को झुकना ही पडे़गा, और वो बात आज सच हो गई। किसान की शक्ति देश में सबसे बड़ी शक्ति है। वो (प्रधानमंत्री) अपनी गलती समझ गयें हैं, इसलिए आज भाषण दिया। प्रधानमंत्री आन्दोलनकारी किसानों और देश के अन्य किसानों में फर्क कर रहें हैं, यह बात गलत है। देश का किसान प्रताड़ित है, कर्ज में डूबा हुआ है। पेट्रोल-डीजल की  मंहगाई खासतौर से डीजल की मंहगाई का असर किसान पर ही पड़ता है। खाद मिल नहीं रही है, इस पर ध्यान देना चाहिए। किसान से एक बार भी बात नहीं की, जहां हत्यायें हो रहीं हैं वहां आज तक नहीं गये, आज फिर अचानक क्या हुआ? इसका मतलब चुनाव आ गया है।प्रियंका गांधी ने केन्द्रीय मंत्री के इस्तीफे की मांग की। जनपद लखीमपुर के पीड़ितों और देश के अन्य किसानों के लिए प्रधानमंत्री से न्याय की उम्मीद की और काले कृषि कानून की वापसी के लिए जल्द से जल्द अध्यादेश लाने की उम्मीद की।