बसपा सुप्रीमो का जन्मदिन पसरा रहा सन्नाटा

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एक समय था बसपा सुप्रीमो का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता था जिसे हम कह सकते हैं कि उगते सूरज को हर आदमी को सलाम करता है आज उनके जन्मदिन पर कार्यालय पर चंद लोग भी नजर नहीं आए जिसे हम आचार संहिता की बात को कह कर अपने आप को मायावती संतुष्टि देते हैं बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर ज्योतिबा फुले,छत्रपति शाहू जी महाराज,नारायणा गुरु,बाबा साहब भीमराम रावजी अम्बेडकर और कांशीराम को स्मरण किया।लोक कल्याणकारी दिवस के रुप में मनाया जा रहा मेरा जन्मदिवस। विपक्षी दलों ने साम दाम दण्ड, भेद की साजिश कर बसपा को सत्ता मे आने से रोकने में लगे हैं।लेकिन जनता को अब विश्वास हो गया है कि उनका भला बसपा की सरकार से ही हो सकता है।यूपी ही नहीं पूरे देश को विश्वास हो चला है कि बसपा ही इस तबके का हित कर सकती है।जन्मदिवस के अवसर पर उन्होने ” मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा, भाग -17 का विमोचन। चार बार लोकसभा,तीन बार राज्य सभा की सदस्य।दो बार विधानसभा और दो बार विधान परिषद की सदस्य रह चुकी हूं।लेकिन विरोधी दल और बसपा विरोधी मीडिया मेरे चुनाव न लड़ने को मुद्दा बनाता है।कांशीराम के निधन के बाद मैने सीधे चुनाव लड़ने की बजाए संगठन को मजबूत रखने का जिम्मा उठाया।।।


आकाश आनन्द को संगठन में जिम्मेदारी संभाल रहा है।सतीश मिश्र जी का बेटा कपिल भी संगठन में सक्रिय है।मेरा कोई परिवार नहीं लेकिन यदि मीडिया और विरोधी दल इसे मुद्दा बनाएंगे तो कांशीराम जी के मार्ग का अनुसरण कर उसे महत्वपूर्ण भूमिका दूंगी। पहले चरण की 58 सीटों में 53 की सूची जारी कर रही हूं।दल-बदल कानून सख्त बनाया जाए। सपा के साथ जाने वाले दल बदलू नेताओं के चीख-चीख कर बोलने वाले नेताओं को जनता नकार देगी।एस सी, एस टी को प्रमोशन मे आरक्षण का सपा ने विरोध किया था यह वर्ग कैसे भूल सकता है। भदोही का नामकरण संत रविदास का नाम सपा सरकार बनते ही बदल दिया गया यह सपा का दलित विरोधी रवैया नहीं तो क्या है।सपा सरकार में दलितों का उत्पीड़न हुआ होता रहा है।दलित इसे भूल नहीं सकती।स्वामी प्रसाद हवा-हवाई बात करता है मुझे वह क्या मुख्यमंत्री बनाएगा।वह तो कभी चुनाव जीता नहीं। बसपा में आने के बाद उसकी तकदीर बदली।भाजपा ने दलितों के हित में कुछ नहीं किया।
बसपा का किसी से गठबंधन नहीं।