सभी का बजट सभी के लिए बजट

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हिमांशु दुबे

लखनऊ – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2021-22 नए दशक में विश्व पटल पर उभरते आत्मनिर्भर भारत के संकल्पों का योजनाबद्ध दस्तावेज है। इस बजट में गांव, गरीब, किसान, महिला, युवा, बुजुर्ग, कारोबारी सभी का हित शामिल है। मोदी सरकार के इस बजट में बुनियादी संरचनाओं का विकास, सड़क, परिवहन, रक्षा से सुरक्षा सहित भारत के अर्थशक्ति बनने का सुद्दढ़ आधार तक निहित है। यह सभी का बजट है सभी के लिए बजट है। 

गरीब कल्याण व महिला शक्तिकरण –

  •     उज्जवला योजना से अबतक 8 करोड़ महिलाएं लाभाविंत हुई है। बजट में इसका विस्तार करते हुए इस योजना से 1 करोड़ नए लाभार्थी महिलाओं को जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है। 
  •     प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू किए गए एक देश एक राशन कार्ड योजना के क्रम में एक पोर्टल के माध्यम से प्रवासी कामगारों से जुड़ा डाटा जोड़ा जाएगा। 
  •     महिलाओं को सभी शिफ्ट में काम करने तथा नाइट शिफ्ट के लिए पर्याप्त सुरक्षा का प्रावधान रखा गया है।
  •     असम और बंगाल की महिला टी-वर्कर्स तथा उनके बच्चों के लिए 1000 करोड़ रूपये का बजटीय प्रावधान रखा गया है।

स्वास्थ्य संरचना को सुद्दढ़ता –

  1.     स्वास्थ्य बजट को पिछले वर्ष की तुलना में 137 फीसदी की बढ़ोत्तरी करते हुए 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ करने का प्रावधान बजट में रखा गया है।
  2.     कोविड 19 के लिए बनी वैक्सीन पर बजट 2021-22 में 35,000 करोड़ खर्च करने का प्रावधान सरकार ने रखा है, जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जाएगा।
  3.     स्वास्थ्य बजट के तहत 64,180 करोड़ रूपये से प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शुरू करने का प्रावधान सरकार ने बजट में प्रस्तावित किया है।
  4.     प्रत्येक जिले में 12 केन्द्रीय संस्थानों, 15 स्वास्थ्य आपातकालीन केन्द्रों, 602 जिलो में क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लाॅकों, 17000 ग्रामीण और 11,000 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्रों में एकीकृत सार्वजनिक हेल्थ लैब की स्थापना का प्रावधान रखा गया है।
  5.     मिशन पोषण 2.0 का शुभारंभ करते हुए 112 आकांक्षी जिलों में पोषण को लेकर बेहतर परिणाम की रणनीति बनाई जाएगी। 

कृषि सुधार व किसान कल्याण को प्राथमिकता –

  •  किसान की आय को दोगुना करने के लक्ष्य पर बढ़ते हुए किसानों उपज की लागत से डेढ़ गुना डैच् देने का प्रावधान बजट में सरकार ने रखा है। 
  • कृषि ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाने के लिए पिछले बजट की तुलना में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए सरकार ने इसे 16.5 लाख करोड़ किया है। 
  •  माइक्रो इरिगेशन के बजट में दोगुने की बढ़ोत्तरी करते हुए इसे 10 हजार करोड़ किया गया है।
  •  राष्ट्रीय ई-बाजार से जोड़ने के लिए 1000 कृषि उत्पादन मंडियों को जोड़ने का प्रावधान रखा गया है। 
  •  ग्रामीण विकास की निधि को 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ किया गया है।
  •  2013-14 की यूपीए सरकार की तुलना में केन्द्र की मोदी सरकार ने 2020-21 में कई गुणा अधिक गेहूॅ, धान और दाल की खरीद की है।
शिक्षा और शोध को बढ़ावा –

  • हायर एजुकेशन काउंसिल का गठन करने का प्रस्ताव बजट में किया गया है। 100 नए सैनिक स्कूल बनाने का प्रस्ताव भी बजट में सरकार द्वारा रखा गया है।
  • शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन हेतु 50 हजार करोड़ का बजट प्रस्तावित है।
  • पहले से चल रहे 15 हजार नए स्कूलों को आदर्श स्कूल की तर्ज पर कायाकल्प करने का प्रावधान रखा गया है। 
  • लेह में विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।

आधारभूत संरचना का विकास –

  • सरकार ने सड़क परिवहन और राजमार्ग के लिए 1 लाख 18 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। इससे सड़क ढांचे के विस्तार की गति और तेज होगी।
  • भविष्योपयोगी रेलवे प्रणाली विकसित करने की मजबूत इच्छाशक्ति के साथ बजट 2021-22 के लिए 1,10 लाख करोड़ का प्रावधान किया है।
  • 2023 तक 100 प्रतिशत ब्राडगेज इलेक्ट्रिफिकेशन का लक्ष्य पूरा करने की दिशा में सरकार निर्बाध गति से काम कर रही है। 
  • बजट में सार्वजनिक परिवहन और जनसुलभ बनाने, विभिन्न शहरों में मेट्रों के विस्तार कार्य को आगे बढ़ाने तथा 20 हजार नयी बसें शुरू करने का प्रावधान किया है।
  • भारत में मर्चेंट शिप्स को बढ़ावा देने के लिए शुरूआत में 1624 करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है।
  • आत्मनिर्भर भारत के तहत 13 सेक्टरों को इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का वैश्विक चैंपियन बनाने के लिए अगले 5 साल में 1.97 लाख करोड़ रूपये खर्च किये जाएंगे। 
  • जल जीवन मिशन शहरी के लिए अगले पांच वर्ष में 2.87 लाख करोड़ रूपये का प्रस्ताव रखा गया है। साथ ही शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए 5 वर्ष की अवधि में 1,41,678 करोड़ रूपये का आवंटन प्रस्तावित है। 

सुरक्षा पर सजग सरकार –

  1. बजट 2021-22 में रक्षा क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष की तुलना में सरकार द्वारा बजट में बढ़ोत्तरी की गयी है।
  2. सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा हवाई जहाजों या उसके पार्ट्स के घरेलू विनिर्माण के लिए कस्टम ड्यूटी दर में 2.5 प्रतिशत से 0 प्रतिशत तक की कमी का प्रावधान रखा गया है।

मजबूत अर्थव्यवस्था का आधार –

  1. बजट 2021-22 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20 हजार करोड़ के निवेश, बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को 74 प्रतिशत तक बढ़ाने तथा स्टार्टअप के लिए प्रक्रिया को और सरल बनाने के प्रस्ताव रखे है। 
  2. 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स रिटर्न भरने में छूट दिए जाने का निर्णय किया गया है।
  3. एक एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड और एसेट मैनेजमेंट कंपनी की स्थापना की जाएगी ताकि मौजूदा स्ट्रेस्ड कर्ज को सम्मिलित किया जा सके।

बजट में उत्तर प्रदेश को सौगात

 केंद्र सरकार के बजट में उत्तर प्रदेश को मिल सकती हैं कई सौगातें, जानें क्या … यही नहीं दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना व हल्दिया गंगा जलमार्ग के लिए भी केंद्र सरकार नजरे इनायत कर सकती है। इन दोनों महत्वाकांक्षी योजनाओं का ऐलान पहले ही हो चुका है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ज्यादा पैसा मिल सकता है।

  • निश्चित रूप से यह बजट एक समावेशी और सर्वस्पर्शी है। 
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2014 से लेकर अबतक जो भी बजट पेश किया, उन सभी ने देश को एक दिशा देने में सकारात्मक भूमिका निभाई। 
  • आत्मनिर्भर भारत निर्माण के सपने को पूरा करने में यह बजट अगला कदम है। 
  • उत्तर प्रदेश के सर्वप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में यह राज्य नित्य नए आयाम गढ़ रहा है। 

पहली बारा उत्तर प्रदेश में ही जलशक्ति मंत्रालय –

  • यूपी देश का पहला राज्य है, जहां जलशक्ति मंत्रालय गठित किया गया है। उत्तर प्रदेश को स्वतंत्रता के बाद से कुल घरेलू कनेक्शनों की तुलना में 4 गुना अधिक घरेलू नल कनेक्शन मिले। केन्द्रीय बजट में जल जीवन मिशन (शहरी) के तहत नल कनेक्शन वाले 2.9 करोड़ परिवारों को प्रदान करने के लिए 2.9 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश इसका एक प्रमुख लाभार्थी है। 
  • जल जीवन मिशन के पहले यूपी में 2.63 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से सिर्फ 5.16 लाख  (1.96 फीसदी) ग्रामीण घरों में ही पानी का कनेक्शन था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के बाद और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल दिशा निर्देशन में अभी तक 23 लाख 77 हजार घरों में नल से जल मिल रहा है। ये करीब 9 फीसदी बनता है। 
  • वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में हर घर जल के लिए जो 50 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। करीब 5500 करोड़ रूपए यूपी को दिए गए है। इस राशि से 50 लाख 45 हजार परिवारों को जल का कनेक्शन देने की योजना है।
  • उत्तर प्रदेश में कुल 707 निकाय है। इनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद, 490 नगर पंचायतें है। जल जीवन मिशन ग्रामीण के बाद अब शहरी को लांच करने की घोषणा की गई और इसका भी सबसे ज्यादा फायदा यूपी को मिलेगा। 
  • प्रदेश में पहले से ही 5 हजार से अधिक बस्तियां, 1 हजार गांव और लगभग 470 ग्राम पंचायतें “हर घर जल”  पंचायतें  बन गई है। यानी इन गांवों के प्रत्येक ग्रामीण परिवार के घर में नल के पानी की आपूर्ति हो गई है। 66 प्रतिशत से अधिक गावों में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्लयूएससी) का गठन किया जा चुका है। 
  • रेल योजना के लिए बजट  यूपी में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए इस बार बजट में 12,696 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 

 एकलब्य विद्यालय खुलेंगे –

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में एकलव्य विद्यालय खोले जाने की जो घोषणा की है, उसका फायदा यूपी को मिलेगा। अब चार नए एकलव्य विद्यालय लखनऊ, बिजनौर, सोनभद्र और श्रावस्ती में खोले जाएंगे, इनका पहाड़ी इलाकों में बजट 48 करोड़ का होगा, जबकि मैदानी इलाकों में यह बजट 38 करोड़ होगा। हालांकि उ0प्र0 में अभी फिलहाल बहराइच, लखीमपुर खीरी में दो विद्यालय पहले से संचालित हैं।

    उत्तर प्रदेश पुलिस का होगा आधुनिकीकरण –
कोरोना की जंग से लेकर कानून-व्यवस्था तक के मोर्चे पर डटी पुलिस जल्द और अत्याधिक उपकरणों व सुविधाओं से लैस होगी। राज्य स्तरीय प्राधिकार समिति ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत इसका खाका तैयार किया है। साथ ही वर्ष 2021-22 के जिए 105.31 करोड़ रूपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसका प्रस्ताव जल्द केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा। 

    उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों को लाभ –

वित्तमंत्री ने संसद में बताया कि सरकार चीनी मिलों को सहायता देने के लिए योजना लेकर आ रही है जिसके लिए 1 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके आलावा 40 लाख मीट्रिक टन चीनी स्टाॅक के लिए 600 करोड़ और चीनी निर्यात के लिए शगर मिलों के लिए 2 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। 

    उत्तर प्रदेश को दो ट्रेनों का तोहफा –
केेन्द्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश किए गए बजट में उत्तर प्रदेश को दो ट्रेनों का तोहफा दिया गया है। इसमें से एक गोमतीनगर (लखनऊ) से जयपुर के बीच सप्ताह में तीन दिन चलेगी। जिसका संचालन 5 फरवरी से शुरू होगा। वहीं दूसरी टेªन कामाख्या से लखनऊ होते हुए उदयपुर रवाना होगी। इसका संचालन 8 फरवरी से शुरू होगा।
   यूपी में रेलवे के विकास के लिए पिछले वर्ष से 40 फीसदी अधिक धन  रेलवे 8590 करोड़ रूपये खर्च करेगा यूपी में 

रेलवे उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 8590 करोड़ रूपये खर्च करके स्टेशन और लाइन का कायाकल्प करेगा। केन्द्रीय बजट की ये धनराशि रेलवे के प्रोजेक्ट पर खर्च होगी। इस खर्च में पूर्वोत्तर रेलवे के लिए 4467 करोड़ और उत्तर रेलवे के लिए 4123 करोड़ रूपये शामिल हैं। इस रकम से यूपी के नौ रेल मंडलों में सुधार कार्य तेजी से चल रहे है, जिसमें उनको और गति मिलेगी। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार केन्द्र ने पिछले साल के मुकाबले इस साल बजट में 40 फीसदी अधिक रकम आवंटित की है। 

अयोध्या में 100 करोड़ से अधिक की रकम से बनेगा नया स्टेशन केन्द्र सरकार ने प्रदेश के अयोध्या रेलवे स्टेशन को चमकाने के लिए 100 करोड़ से अधिक की रकम आवंटित की है। श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने के लिए अयोध्या में नया रेलवे स्टेशन बनेगा। अयोध्या स्टेशन के लिए रेलवे को इस वर्ष 50 करोड़ रूपये मिल गए है। 

    उत्तर प्रदेश जिसमें 4442 ग्रामीण और 193 शहरी अस्पताल है। इस बढे हुए बजट के कारण ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य केन्द्रो की संख्या में भारी वृद्धि होगी। 
   हेल्थ सेक्टर –
हेल्थ सेक्टर के बजट में इस बार सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है, पिछली बार के मुकाबले इस बार के बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर 135 फीसदी ज्यादा बजट अलाॅट किया गया है, और इसका भी सबसे ज्यादा फायदा यूपी को ही मिलेगा। यहां 75 जिले है तो यहां 75 इंटीग्रेटड लैब की स्थापना होगी, जिसकी घोषणा बजट में की गई है। वहीं, 24 करोड़ की आबादी वाले यूपी को चिकित्सा स्वास्थ्य बजट में जो वृद्धि हुई है उसका फायदा सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश को मिलेगा। इतना ही नहीं कोरोना वैक्सीनेशन के लिए बजट में 35,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है और जाहिर सी बात है उत्तर प्रदेश की आबादी सबसे ज्यादा है तो वैक्सीनेशन भी सबसे ज्यादा होगा और इस बजट का एक अंश यूपी को भी मिलेगा।

    एमएसएमई पर विशेष ध्यान –
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 में लगभग 14 मिलियन डैडम् होंगें, जो 2017-18 से लगभग दोगुना होगा।  बजट 2021 मेें एमएसएमई को 15 हजार 700 करोड़ रूपए आंवटित किये गए है, यह पिछले साल के 7 हजार 500 करोड़ रूपये के आंवटन से दोगुना है। 12 हजार 500 करोड़ रूपए को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए रखा गया है। यह वृद्धि  राज्य के एमएसएमई  में उत्तर प्रदेश के युवाओं के रोजगार और वृद्धि को बढ़ावा देगी।

   कृषि को मजबूत करने का लक्ष्य –
वर्ष 2020-21 में कृषि ऋण 15 लाख करोड़ था, जबकि 2021-22 में इसे 16.5 लाख करोड़ रूपये निर्धारित किया गया है। ग्रामीण इंफ्रा फंड को 40 हजार करोड़ रूपये आंवटित किये गए हैं। सूक्ष्म सिंचाई निधि को दोगुना करके 10 हजार करोड़ रूपये कर दिया गया है। 1000 अधिक मंडियों को ईएनएएमएस के साथ एकीकृत किया जाना है। कृषि और संबद्ध उत्पादों में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के लिए आपरेशन ग्रीन स्कीम के तहत 22 उत्पादों को शामिल किया गया है। 

    मनरेगा के लिए भारी भरकम बजट –
वर्ष 2021 में मनरेगा के लिए 73 हजार करोड़ आंवटित किये गए है जो आजीविका का समर्थन करने के लिए पिछले साल की तुलना में 9500 करोड़ अधिक है। वर्ष 2020 में ही, मनरेगा के तहत 10 करोड़ लाभार्थी है। उत्तर प्रदेश में 77 लाख लोग हैं जो मनरेगा के तहत पंजीकृत है, उनके लिएइस बढे हुए आवंटन का मतलब है कि पूरे साल काम की गारंटी। 

    बुंदेलखड की प्यास बुझाने की कोशिश –
प्रधानमंत्री जी के द्वारा देश के 7 राज्यों में अटल भूजल योजना का पूर्व में शुभारंभ किया गया है जिसके तहत भूजल का स्तर सुधारने का लक्ष्य है, लोगों को इसके प्रति जागरूक करना और जनभागीदारी से भूजल का बेहतर प्रबंधन करना है। इस योजना में उत्तर प्रदेश के बुदेलखण्ड इलाके के 10 जिलों के 27 ब्लाक शामिल है। 

    यूपी को एमएसपी का लाभ –
एमएसपी पर खरीद का सर्वाधिक लाभ भी यूपी को मिलेगा, क्योंकि गेंहूं और धान की खरीद पूरे देश में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में ही होती है। 

उत्तर प्रदेश में चल रहे प्रोजेक्ट –


यूपी में चल रहे प्रोजेक्ट के लिए 1 लाख 91 हजार 687 करोड़ रूपये के प्रावधान 2021-22 के बजट में किए गए हैं।
84 हजार 441 करोड़  रूपये का प्रावधान 94 सडक प्रोजेक्ट के लिए किया गया है। इसमें 4529 किमी सड़क तैयार होगी। 
मैट्रों नेटवर्क में आगरा के लिए 1172 करोड़ रूपए और कानपुर के लिए 1562 करोड़ रूपए रखे गए हैं।
अलीगढ-हरदुआगंज फ्लाईओवर 22 किमी का बन रहा है जिसके लिए 1273 करोड़ रूपए रखे गए हैं। 
दिल्ली से गाजियाबाद-मेरठ को जोड़ने वाले रिजनल रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए 4472 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए। 
यूपी में 16 नई लाइन 1743 किमी की बिछाने का काम जारी है जिस पर 29 हजार 51 करोड़ रूपए खर्च होंगे। 
पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर, जिसकी उत्तर प्रदेश में 1058 किलोमीटर की लम्बाई 1856 किमी है, अकेले 18 बिन्दुओं से गुजरेगा, मुख्य रूप से सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, खुर्जा, दादरा, अलीगढ आदि रिकार्ड 1.10 लाख करोड़ दिये गए। 
वर्ष 2020 में 5000 करोड़ से माइक्रो इरीगेशन फंड के तहत आवंटन में वृद्धि, 2021 में 10 हजार करोड़ है, इस योजना का उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा लाभार्थी है। 
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है इस योजना के तहत 22 लाख ग्रामीणों परिवारों को शामिल करने का लक्ष्य है। इस योजना में 21.5 लाख मकान आंवटित किये गए है। जिसमें से 14.5 लाख लोगों को आवास मिल गया है। 
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे वर्ष 2021 में शुरू किया जाएगा।