मंत्रिमंडल में होगा फेरबदल अरविंद शर्मा हो सकते हैं उपमुख्यमंत्री….?

93

उत्तर प्रदेश में जबसे पंचायत चुनाव के परिणाम सामने आए हैं उससे भाजपा काफी आशंकित दिखाई दे रही है। जिसके मद्देनजर लगातार बैठकों का दौर भाजपा में चल रहा है। उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रदेश के लिए तो महत्वपूर्ण है ही है केंद्रीय राजनीति में भी उसका महत्वपूर्ण स्थान है। क्योकि देश में सत्ता परिवर्तन की लहर उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरती है।इसी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट से कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। चुनावी समीकरण बिठाने के लिए कुछ नए को जगह भी दी जा सकती है। लेकिन इस बात से यह तो स्पष्ट हो गया है कि 2022 के चुनाव में भाजपा अपने आप को पिछड़ता हुआ देख रही है। पंचायत चुनाव में ज्यादातर जगह उसे शिकस्त ही खानी पड़ी है, लेकिन इसके विपरीत देखा जाए तो विपक्षी दल भी इस आशा में है कि सत्ता से परेशान लोग हमारे पास ही आएंगे और वह संघर्ष करते क्षेत्र में नजर नहीं आ रहे हैं जिसका फायदा सत्ता दल को पुनः 2022 के चुनाव में प्राप्त हो सकता है।

उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के प्रमुख तो संघर्ष करते नजर आते हैं लेकिन उनकी सेना कहीं ना कहीं युद्ध का सारा दामोदर अपने सेनापति अखिलेश यादव पर ही छोड़ रहा है। और वह पंचायत चुनाव परिणाम को देखते हुए ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर क्षेत्र में संघर्ष करती नजर कम आ रही है।

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने कई जनपदों में बहुमत का आंकड़ा प्राप्त किया है और कई जनपदों में कुछ मतों से पीछे हैं। यहां तक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का हश्र भी कुछ ऐसा ही है। जहां विपक्षी दल आज भी सत्ता मद में चूर पार्टी की ओर लालायित आशा भरी नजरों से देख रहे। जिला पंचायत सदस्यों का जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दावेदारी करने वाले सदस्यों को भी अपने सेनापति से मिलने नहीं दे रहे हैं।अगर प्रदेश की राजधानी ऐसा ही है तो बाकी जनपदों की क्या स्थिति होगी यह परिणाम के बाद देखने वाली होगी।

प्रदेश के मुखिया का पसंदीदा जनपद अयोध्या का भी यही हश्र जहां सत्ता दल संघर्ष करती नजर कम आ रही है और आशावादी ज्यादा। जनपद अयोध्या के कुछ इलाकों में विपक्षी दल को दावेदार तक भी नहीं मिल रहा है। वहां के प्रमुख नेताओं और पूर्व विधायकों का कहना है कि सत्ता दल जिसे नहीं लगाएगा उसे हम समर्थन देकर विजई बना देंगे, इसका मतलब यह है कि बिल्ली के भाग्य से घड़ा फुटेगा तभी उसे दूध नसीब होगा वह संघर्ष कर उसे प्राप्त करना नहीं चाह रही है।

जबकि आज का हश्र यह है कि प्रदेश की जनता अपनी हिमायती दल को अपने साथ देखना चाह रही है। और वह चाहती है सत्ता से विमुख होकर किसी विकास पुरुष के साथ जोड़कर खुद प्रदेश को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करें, लेकिन उसे जनता से कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने वाला कोई साथ नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश में इस समय प्रमुख विपक्षी दल को करो या मरो की स्थिति में रहकर प्रदेश की जनता की हिमायती बन उसके साथ संघर्ष करने की आदत डालनी होगी। जिससे उस जनता को लगे कि हमारा हिमायती और कोई ना होकर यही दल है जिसके साथ हम रहकर आगे अपना और प्रदेश का विकास कर सकते हैं।

जातिवादी समीकरण बिठाने के लिए भाजपा ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का ऑफर किया परंतु सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि श्री मौर्या ने अध्यक्ष पद को ठुकराते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में महज आठ महीने का समय बाकी है। योगी सरकार में फिलहाल 6 मंत्री पद खाली पड़े हैं,ऐसे में योगी सरकार अगर अपने कैबिनेट से किसी भी मंत्री की नहीं हटाती है तो भी 6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं।ऐसे में चुनावी साल होने के चलते योगी सरकार अपने कैबिनेट में कुछ नए लोगों को शामिल कर प्रदेश के सियासी समीकरण को साधने का दांव चल सकती है।

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल और बीजेपी संगठन में फेरबदल की अटकलों के केंद्र में गत दिनों नौकरशाह से विधान परिषद के सदस्य बनाए गए अरविंद शर्मा हैं। प्रधानमंत्री के करीबी अधिकारी रहे अरविंद शर्मा के राजनीति में कदम रखने के साथ ही उनके मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा उनके कामकाज की सराहना व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद अब एक बार फिर उन्हें अहम जिम्मा सौंपे जाने की चर्चाएं तेज हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं।कैबिनेट विस्तार के बाद पांच नये चेहरे नजर आ सकते हैं।अरविंद शर्मा को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाये जाने की चर्चा जोरों पर है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं…..? जी हां… दिल्ली में भाजपा और संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले, केंद्रीय नेतृत्व और उत्तर प्रदेश के संगठन महामंत्री की अहम बैठक के बाद प्रदेश कैबिनेट में फेरबदल के कयास लगाये जा रहे हैं।

इधर पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले अरविंद शर्मा को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाये जाने की चर्चा जोरों पर है। यहां चर्चा कर दें कि पूर्वांचल और बनारस में शर्मा के कोरोना संक्रमण से निबटने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद तारीफकर चुके हैं, यही वजह है कि उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाये जाने के कयास लोग लगा रहे हैं।

अब प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री रहते हैं या इनमे से एक को हटाया जाता है ये देखने वाली बात है। कुछ लोग ये बता रहे हैं कि सूबे में तीन उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं। वहीं इस कैबिनेट विस्तार में पांच नये चेहरे नजर आ सकते हैं और सात हटाये जा सकते हैं।

http://demo.nishpakshdastak.com/ पर देश-प्रदेश की ताजा और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ते हुए अपने आप को अप-टू-डेट रखिए। हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फॉलो करें।