केन्द्र व प्रदेश सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध

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  • ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के माध्यम से बेटियों के प्रति समाज की सोच में सकारात्मक परिवर्तन आया ।
  • प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मिशन शक्ति कार्यक्रम मातृ शक्ति की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन से जुड़ा हुआ अभियान ।
  • नवरात्रि का पर्व भारत की सनातन परम्परा में मातृ शक्ति के प्रति आदर के भाव को प्रदर्शित करने का सबसे सशक्त माध्यम ।
  • देवी के स्वरूप की, जिसकी हम सामान्य रूप में पूजा-अर्चना करते हैं, व्यावहारिक रूप में लेंगे तो मातृ शक्ति के साथ बहन, बेटियों की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन में वृद्धि होगी ।
  • मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के माध्यम से अब तक 10 लाख बालिकाएं लाभान्वित हुईं ।
  • मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के माध्यम से अब तक 1.75 लाख से अधिक गरीब कन्याओं के विवाह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित ।
  • हमारी सभ्यता, संस्कृति एवं संस्कारों के उन्नयन में मातृ शक्ति का अमूल्य योगदान ।
  • मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को विजयादशमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी, यह पर्व अधर्म पर धर्म एवं सत्य की जीत का प्रतीक ।
  • केन्द्र व प्रदेश सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध ।

गोरखपुर । मुख्यमंत्री जनपद गोरखपुर में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज की चैतन्यता बेटियों को आगे बढ़ाने में उनकी मदद करेगी। मातृ वंदना सहित बेटियों की सुरक्षा के लिए चलाये जा रहे अनेक कार्यक्रम हमें एक नई दिशा प्रदान कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मिशन शक्ति कार्यक्रम मातृ शक्ति की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन से जुड़ा हुआ अभियान है। केन्द्र व प्रदेश सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से बेटियों के प्रति समाज की सोच में सकारात्मक परिवर्तन आया है। समाज का प्रत्येक वर्ग अपनी बेटियों को सशक्त एवं सामर्थ्यवान बना रहा है। अब प्रत्येक बेटी बचेगी और सभी बेटियां पढ़ंेगी, जिससे वह समाज में सम्मान व स्वावलम्बन के मार्ग का अनुश्रवण स्वयं करती हुई दिखाई देंगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि गुरुवार को गोरखनाथ मंदिर स्थित भवन में विधि-विधान के साथ परंपरागत कन्या पूजन किया। उन्होंने मां भगवती के नौ स्वरूपों की प्रतीक नौ कन्याओं, एक बटुक भैरव के पांव पखारकर पहले पूजा-अर्चना की, उसके बाद अपने हाथों से भोजन कराकर दक्षिणा के साथ उनकी विदाई की।

नवरात्रि का पर्व भारत की सनातन परम्परा में मातृ शक्ति के प्रति आदर के भाव को प्रदर्शित करने का सबसे सशक्त माध्यम है। यह पवित्र भाव प्रत्येक व्यक्ति के मन में आना चाहिए। हमें अपने संस्कारों में इस परम्परा को जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि देवी के स्वरूप की, जिसकी हम सामान्य रूप में पूजा-अर्चना करते हैं, व्यावहारिक रूप में लेंगे तो मातृ शक्ति के साथ बहन, बेटियों की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन में वृद्धि होगी। बालिकाओं व महिलाओं के प्रति प्रत्येक नागरिक को अपना दृष्टिकोण बदलना होगा। वे सबला हैं और हर एक क्षेत्र में नेतृत्व दे सकती हैं। समाज को योग्य मार्गदर्शन प्रदान कर सकती हैं। इसमें बालिकाओं की सुरक्षा के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य व उनके स्वावलम्बन व सम्मान के लिए अभियान को आगे बढ़ाना होगा। प्रदेश सरकार ने नारी सशक्तीकरण की दिशा में अनेक कदम उठाये हैं। प्रदेश में बालिकाओं की स्नातक तक की शिक्षा निःशुल्क है। ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के माध्यम से प्रदेश सरकार बच्ची के जन्म से लेकर उसकी स्नातक स्तर की शिक्षा तक छः किस्तों में 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है। इस योजना से अब तक 10 लाख बालिकाएं लाभान्वित हुई हैं। इसी प्रकार, प्रदेश सरकार ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के माध्यम से अब तक 1.75 लाख से अधिक गरीब कन्याओं के विवाह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित करा चुकी है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति की अधिष्ठात्री देवी की पूजा का महत्व इस बात को प्रदर्शित करता है कि आदि शक्ति इस चराचर जगत की शक्ति का आधार हैं। आदिकाल से भारत की सनातन परम्परा वर्ष में 02 बार बासन्तिक नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के आयोजन को शक्ति की अधिष्ठात्री देवी के पूजन और अनुष्ठान के रूप में आयोजित करती आ रही है। हजारों वर्षाें की विरासत पर हर भारतवासी को गौरव की अनुभूति होती है। हमारी सभ्यता, संस्कृति एवं संस्कारों के उन्नयन में मातृ शक्ति का अमूल्य योगदान है। हम सभी का सौभाग्य है कि शारदीय नवरात्रि की महानवमी में देवी स्वरूपा कुमारी कन्याओं के पूजन का पावन अवसर हमें प्राप्त होता है।मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को विजयादशमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व अधर्म पर धर्म एवं सत्य की जीत का प्रतीक है। यह पर्व हम सबको सत्य व धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करता है। धर्म का पथ हमें अपने कर्तव्यों के प्रति आगे बढ़ने को प्रेरित एवं उत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि सत्य और न्याय जहां होगा वहां विजय अवश्य होगी।