जल्द होगा बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान-चौधरी लक्ष्मी नारायण

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जल्द कराया जाएगा बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान,समय पर भुगतान नहीं करने वाली मिलों को नहीं होगा गन्ने का आवंटन चौधरी लक्ष्मी नारायण।चीनी मिल संघ में खाली पड़े पदों पर जल्दी होगी नियुक्तियां,प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण से खास बातचीतचौधरी लक्ष्मी नारायण।

राकेश यादव

गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि गन्ना बकाया मूल्य का भुगतान जल्दी कराया जाए। इसके लिए प्राईवेट चीनी मिल मालिकों का हिदायत दी गई है कि आठ हजार करोड़ रुपए का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान जल्दी कराया जाए। इस काम में लापरवाही बरतने वाले चीनी मिल मालिकों अगले पेराई सत्र में गन्ना आवंटित नहीं किया जाएगा। यह बात प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने खास बातचीत में कही।

चौधरी लक्ष्मी नारायण


एक सवाल के जवाब में गन्ना मंत्री ने कहा कि गन्ना विभाग की कार्ययोजना में पहली प्राथमिकता किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करना है। यह हमारे संकल्प पत्र में भी है। इसके लिए हमने बुधवार को प्राइवेट चीनी मालिकों की बैठक बुलाई। इसमें चीनी मिल मालिकों का स्पष्टï निर्देश दिया गया है कि १०० दिन में गन्ना मूल्य की बकाया ८००० करोड़ की धनराशि का भुगतान सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि समय पर गन्ना बकाया मूल्य का भुगतान नहीं करने वाली चीनी मिलों के गन्ना आवंटन पर रोक लगा दी जाएगी। इसके साथ ही मिलों को गन्ना मूल्य भुगतान के हिसाब से ही गन्ने का आवंटन किया जाएगा। भुगतान में हीलाहवाली करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


गन्ना बकाया मूल्य भुगतान के मामले में बजाज, मोदी व सिंभावली चीनी मिलों का प्रतिशत काफी कम रहा है, इसको कैसे बढ़ाया जाएगा के सवाल पर गन्ना मंत्री ने कहा कि मैं आपकी बात से सहमत हूं। कुछ चीनी मिलें पिछले काफी समय से गन्ना बकाया मूल्य भुगतान के मामले में फिसड्डïी रही है। इसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने नई चीनी नीति बनाई है। इस नई चीनी नीति के आने क बाद से प्राइवेट चीनी मिलों में उछाल आया है। एथनॉल व शीरा की नई नीति आने से मिलों को राहत मिलेगी। इससे इन्हे बकाया मूल्य का भुगतान करने में भी मदद मिलेगी।


चीनी बिक्री के मामलें में सहकारी चीनी मिल और प्राइवेट चीनी मिलों में अधिक चीनी की बिक्री की जाती है के सवाल पर भेदभाव उन्होंने बताया कि सहकारी व प्राइवेट चीनी मिल में अंतर है। सहकारी चीनी मिलें चीनी उधार नहीं बेच सकती हैं जबकि प्राइवेट चीनी मिल मालिक उधार चीनी बेच लेते हैं। जहां तक रही सहकारी चीनी मिलों की चीनी गोदामों में डंप होने की बात तो यह मामला बहुत ही गंभीर है। इसके लिए उन्होंने १० मई को अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में डंप चीनी के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीनी बिक्री के मामले में यदि कोई लापरवाही हुई है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।


उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ में बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त अधिकारियों को अस्थाई नियुक्ति दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि चीनी मिल संघ में अधिकारियों की संख्या काफी कम है। अधिकारियो की कमी को देखते हुए संघ को कुशलता से संचालित करने के लिए कुछ सेवानिवृत अधिकारियों को जरूर अस्थाई नियुक्ति दी गई है। विभाग में बड़ी संख्या में रिक्त पद पड़े हुए है। इन खाली पड़े पदों पर जल्दी नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग को कार्यभार संभाले हुए अभी उन्हें एक माह ही हुआ है। वर्तमान समय में गन्ना पेराई सत्र चल रहा है। ऐसे में अंतिम गन्ना रहने तक चीनी मिलें चलाई जाएंगी। जो खामियां हैं उन्हें भी दूर किया जाएगा।