गो आश्रय स्थलों पर समुचित व्यवस्थायें शीघ्र पूर्ण करायें-मुख्य विकास अधिकारी

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वर्षा ऋतु को देखते हुये गो आश्रय स्थलों पर समुचित व्यवस्थायें शीघ्र पूर्ण करायें।गो आश्रय स्थलों पर किचड़ युक्त, जल भराव आदि कारणों से किसी भी गोवंश की मृत्यु होती है तो सम्पूर्ण उत्तरदायित्व खण्ड विकास अधिकारी का होगा।

प्रतापगढ़। मुख्य विकास अधिकारी प्रभास कुमार ने जनपद के समस्त विकास खण्डों के ग्राम पंचायता स्तर पर संचालित स्थायी/अस्थायी गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों को वर्षा ऋतु को देखते हुये समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को तत्काल उचित प्रबन्धन हेतु निर्देशित किया है। उन्होने निर्देशित किया है कि समस्त अस्थायी गो-आश्रय स्थलों, वृहद गो-संरक्षण केन्द्रों में कहीं पर भी जल भराव/गड्ढों की स्थिति वर्तमान में है तो तत्काल जल निकासी कराकर भूमि समतलीकरण के साथ कीचड़ मुक्त करायें जायें। संरक्षित गोवंशों को मौसम को देखते हुये प्रचुर मात्रा में भूसा/दाना/हरा चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करें तथा गोवंशों को साफ पीने का पानी/चूनायुक्त पानी उपलब्ध करायें।

भूसा गोदाम में पर्याप्त मात्रा में भूसा संरक्षित करायें जायें एवं संरक्षित भूसा किसी भी दशा में भीगने न पाये, जिन गो-आश्रय स्थलों पर भूसा गोदाम नही बने है, वर्षा ऋतु में भूसा खुले स्थान पर न रखे जाये, अस्थायी भूसा गोदाम का निर्माण कराकर भूसे को संरक्षित करायें। गो-आश्रय स्थलों के निकट उपलब्ध चारागाह की भूमि पर हरे चारे की बुआई की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। गोवंश की संख्या के आधार पर शेड आदि की कमी प्रतीत होती है तो तत्काल अस्थायी शेड आदि का निर्माण कार्य करा लिये जाये।

गो-आश्रय स्थलों में बाहरी कुत्तो, जंगली जानवर आदि से संरक्षित गोवंश के बचाव हेतु जालीदार फेन्सिंग, बैरिकेटिंग आदि कार्य पूर्ण कराये जाये। गोवंश लाग-बुक, ईयर टैग पंजिका, भूसा, चूनी/चोकर पंजिका की उपलब्धता सुनिश्चित करायें एवं प्रतिदिन कितनी मात्रा उपलब्ध है का अंकन किया जाये। उन्होने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसी भी दशा में किचड़ युक्त, जल भराव आदि कारणों से कियी भी गोवंश की मृत्यु होती है तो सम्पूर्ण उत्तरदायित्व खण्ड विकास अधिकारियों का होगा, इसलिये दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाये।