मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें-मुख्यमंत्री

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मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर कठोर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए।मुख्यमंत्री की मंडल, जोन, रेंज, पुलिस कमिश्नरेट और जनपद के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों तथा विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों के साथ वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग,राज्य सरकार ने प्रदेश में मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के खिलाफ बड़ा अभियान प्रारंभ किया, मुख्यमंत्री का इस दिशा में निर्णायक प्रयास करने पर बल।सभी जिलाधिकारियों द्वारा स्वयं पहल कर अपने जनपद में एक हेल्थ एटीएम किसी सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा किसी अन्य उपयुक्त स्थल पर स्थापित कराया जाए।

राज्य सरकार ने प्रदेश में मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के खिलाफ बड़ा अभियान प्रारंभ किया है। इस दिशा में निर्णायक प्रयास करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेशों में अवैध शराब के सेवन से मृत्यु की घटनाएं हुई हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश में विशेष सतर्कता बरती जाए। मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर कठोर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए।

इसके लिए प्रत्येक जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, थानाध्यक्ष को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। हुक्का बार प्रतिबंधित है, इनका संचालन किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए। बेहतर टीम वर्क के साथ ड्रग माफियाओं के खिलाफ यह प्रदेशव्यापी अतिमहत्वपूर्ण अभियान आज रात्रि से बड़े आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को नशे के अंधेरे में ढकेलने वाले समाजविरोधी तत्वों की सूक्ष्मता से पड़ताल करके थाना स्तर पर ऐसे हर छोटे-बड़े अराजक तत्वों की सूची तैयार की जाए। मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के विरुद्ध सघन छापेमारी की जाए। रेलवे स्टेशन आदि सार्वजनिक स्थलों के आसपास पेट्रोलिंग बढ़ायी जाए। यह कार्यवाही जीरो टॉलरेंस के साथ पूरी कठोरता से की जाए। इस अभियान में लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। इसमें शिथिलता बरतने वाले पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

मादक द्रव्यों के अवैध कारोबार के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के साथ ही युवाओं को मादक द्रव्यों से दूर रखने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं। मादक द्रव्यों के दुष्प्रभावों के प्रति व्यापक जागरूकता के लिए शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कार्यक्रम संचालित किए जाएं। उन्होंने मादक द्रव्यों की लत से पीड़ित युवाओं के चिकित्सकीय उपचार, काउंसिलिंग के माध्यम से पुनर्वास पर बल देते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर इसके लिए कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लेकर नशा मुक्ति के लिए प्रयास किया जाए।