कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

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भाग-02

  • कोविड-19 उपचार में दिशा में नित नए अनुसंधान हो रहे हैं। हमें इन पर नजर बनाए रखनी चाहिए। आज डीआरडीओ द्वारा विकसित एक नई दवा, जिसके आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिली है को लांच किया जा रहा है। प्रारंभिक तौर पर भारत सरकार के स्तर से इसका वितरण भी होगा। इस संबंध में आवश्यक मांग पत्र तत्काल भेज कर इसकी आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए।
  • कोरोना से जुड़ी हर तरह की चुनौती के लिए हमें तैयार रहना होगा। यद्यपि कि केस कम हो रहे हैं, फिर भी कोविड का खतरा बना हुआ है। विशेषज्ञ तीसरी लहर का भी अनुमान लगा रहे हैं।ऐसे में स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के सभी जनपदों की सीएचसी और पीएचसी में उपकरणों की मरम्मत, क्रियाशीलता, परिसर की रंगाई-पुताई, स्वच्छता और मैन पावर की पर्याप्त उपलब्धता के संबंध में इस संबंध विशेष कार्यवाही करे। अगले एक सप्ताह में यह व्यवस्था सुदृढ़ कर ली जाए।
  • आजमगढ़ सहित कई जनपदों में जहरीली शराब के जुड़े केस देखने में आए हैं। एडीजी स्तर के एक अधिकारी को आजमगढ़ के प्रकरण की गहन जांच के लिए तत्काल नामित किया जाए।दोषियों के खिलाफ एनएसए जैसी धाराएं लगाकर कठोरतम दंड दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
  • कोरोनावायरस महामारी के बीच हमारे स्वास्थ्य कर्मियोंफ्रंटलाइन वॉरियर्स पुलिसकर्मियों की भूमिका सराहनीय रही है। कुछ पुलिसकर्मी भी इस संक्रमण से प्रभावित हुए हैं। उनके उपचार के लिए पुलिस लाइन में ही कोविड-19 सेंटर बनाए गए हैं।वर्तमान में 122 कोविड केयर सेंटर जहां साढ़े तीन हजार से अधिक बेड हैं, क्रियाशील किये गए हैं। प्रत्येक दशा में पुलिस कर्मियों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। किसी भी कोविड केयर सेंटर अथवा हेल्प डेस्क पर उम्रदराज डॉक्टरों की ड्यूटी ना लगाएं।
  • ऑक्सिजन प्लांट की स्थापना की कार्यवाही तेजी से की जाए। भारत सरकार द्वारा स्थापित कराए जा रहे प्लांट के संबंध में मुख्य सचिव सतत अनुश्रवण करते रहें। पीएम केयर्स के अतर्गत लग रहे ऑक्सीजन प्लांट लखनऊ, जौनपुर, फिरोजाबाद, सिद्धार्थ नगर आदि में जल्द ही क्रियाशील हो जाएंगे। सहारनपुर में प्लांट चालू हो चुका है। सीएसआर की मदद और राज्य सरकार द्वारा स्थापित कराए जा रहे प्लांट्स की कार्यवाही तेज की जाए। कोविड के उपचार हेतु एयर सेपरेटर यूनिट, ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना आदि के संबंध में सांसद/विधायक निधि से सहयोग लिया जा सकता है।
  • निगरानी समितियां जिन्हें मेडिकल किट दे रही हैं, उनका नाम और फोन नम्बर आइसीसीसी को उपलब्ध कराएं। आइसीसीसी इसका पुनरसत्यापन करे। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी के माध्यम से इसकी एक प्रति स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराया जाए, ताकि सांसद/विधायकगण मेडिकल किट प्राप्त कर स्वास्थ्य लाभ कर रहे लोगों से संवाद कर सकें। इससे व्यवस्था का क्रॉस वेरिफिकेशन भी हो सकेगा। हर संदिग्ध लक्षणयुक्त व्यक्ति की एंटीजन टेस्ट जरूर हो।
  • सभी जिलों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। एसीएस स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा प्रत्येक दशा में इन उपकरणों को क्रियाशील होना सुनिश्चित कराएं। संबंधित जिलों से संपर्क कर इस संबंध में उनकी समस्याओं का निराकरण कराएं। इसके उपरांत भी यदि वेंटिलेटर/ऑक्सीजन कंसंट्रेटर क्रियाशील न होने की सूचना प्राप्त हुई तो संबंधित डीएम/सीएमओ की जवाबदेही तय की जाएगी।
  • आंशिक कोरोना कर्फ्यू को दृष्टिगत रखते हुए रेहड़ी, पटरी, ठेला व्यवसायी, निर्माण श्रमिक, पल्लेदार आदि के भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था की जाए। वर्तमान में साढ़े चार सौ कम्युनिटी किचेन क्रियाशील हैं। इसे और बढ़ाया जाए। सभी जिलों में कम्युनिटी किचेन संचालित किए जाएं। निजी स्वयंसेवी संस्थाओं से भी सहयोग प्राप्त करना उचित होगा। आंशिक कोरोना कर्फ्यू को देखते हुए मरीजों के परिजनों को भी भोजन उपलब्ध कराया जाए।
  • ‘सफाई, दवाई, कड़ाई, के मंत्र के अनुरूप प्रदेशव्यापी स्वच्छता, सैनीताइजेशन का अभियान चल रहा है। लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन से जुड़े कार्यों का दैनिक विवरण स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराया जाए। ताकि आवश्यकतानुसार वह भौतिक परीक्षण कर सकें।