कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

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—– भाग-01 —–

  • कोविड-19 की रोकथाम के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के साथ प्रदेशवासियों के जीवन और जीविका की सुरक्षा हेतु किये जा रहे प्रयासों के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं। एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति के बाद भी नए केस लगातार कम हो रहे हैं, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है।बीते माह 30 अप्रैल को प्रदेश में लगभग 03 लाख 10 हजार 783 कोरोना मरीज थे, जबकि लगातार प्रयासों से आज 1,16,434 एक्टिव केस ही हैं। 20 दिनों में प्रदेश के एक्टिव केस में 62.5 फीसदी की कमी आई है, जबकि वर्तमान में रिकवरी दर 91.8 फीसदी हो गई है।
  • अब तक 15,16,508 प्रदेशवासी कोविड की लड़ाई जीत कर आरोग्यता प्राप्त कर चुके हैं। 24 अप्रैल को एक दिन में 38055 नए संक्रमण के मामले मिले थे, लेकिन लगातार प्रयासों से संक्रमण की तीव्रता मंद हुई है। इनमें बीते 24 घंटों में 6725 नए केस आये हैं जो कि 24 अप्रैल के सापेक्ष 31330 कम हैं। 24 घंटे में 13590 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं।
  • एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति के अनुरूप विगत 24 घंटों में प्रदेश में 02 लाख 91 हजार 156 टेस्ट किए गए। गांवों को कोरोना से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से संचालित वृहद टेस्टिंग अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। आरआरटी की संख्या और बढ़ाये जाने की दिशा में काम किया जाए। प्रयोगशालाओं की टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाये जाने की कार्यवाही तेज की जाए। सर्वाधिक टेस्ट करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश ही है।
  • हर एक मृत्यु दुःखद है और राज्य सरकार की संवेदनाएं प्रत्येक कर्मचारी व उसके परिजनों के प्रति हैं। चुनाव ड्यूटी करने वाले जिन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सेवकों, पुलिस कर्मियों व प्रत्येक वह कर्मचारी, जिसकी इलेक्शन ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई अथवा जो उस दौरान कोरोना से संक्रमित हुआ और बाद में मृत्यु हो गई, राज्य सरकार, राज्य इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस के नियमानुसार उनके परिवार को कम्पनसेशन और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के सम्बन्ध राज्य चुनाव आयोग की संस्तुतियों पर कार्रवाई करती है। चूंकि इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस पुरानी है। तब कोरोना नहीं था। अतः इस संबंध में नए सिरे से सहानुभुतिपूर्वक विचार की आवश्यकता है।
  • वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में चुनाव आयोग से आख्या प्राप्त की जाए। मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव पंचायती राज आज राज्य निर्वाचन आयोग से समन्वय स्थापित करके चुनाव आयोग को अपनी गाइडलाइन संशोधन करने का अनुरोध करें जिसका आधार चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा के अन्दर संक्रमण होने पर निधन होने इत्यादि की स्थिति को भी सम्मलित करने पर विचार किया जाए। प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को सभी आवश्यक सुविधाएँ देने के लिए तत्पर है, विशेषकर, ऐसे समय पर जब उन्होंने चुनाव या अन्य कोई ड्यूटी की है। उन्हें और उनके परिवार को समुचित सहायता उपलब्ध कराने के लिए चुनाव आयोग से विचार विमर्श कर आवश्यक संस्तुतियां देने के लिए अनुरोध किया जाए।
  • कोविड संक्रमण के कारण कई दंपतियों की असमय मृत्यु हुई है।इनके बच्चे राज्य की संपत्ति हैं। ऐसे अनाथ एवं निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण और समुचित देखभाल के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।
  • वर्तमान में 82,801 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। इनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। चिकित्सकों की संख्या, फोन लाइन की संख्या में बढ़ोतरी की जरूरत है। निगरानी समितियों के माध्यम से होम आइसोलेशन के मरीजों और जरूरत के अनुसार उनके परिजनों को मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। मेडिकल किट वितरण व्यवस्था की सतत मॉनीटरिंग की जाए। जनपदीय आइसीसीसी और सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से मरीजों से संवाद कर उन्हें मिल रही सुविधाओं की जांच कराई जाए। वरिष्ठ अनुभवी तथा बुजुर्ग चिकित्सकों को आग्रह के साथ टेलीकन्सल्टेशन कार्य से जोड़ा जाए।
  • कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारु रूप से चल रही है। 45 वर्ष से अधिक और 18-44 आयु वर्ग के लोगों को कोविड सुरक्षा कवर प्रदान करने में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। अब तक 01 करोड़ 56 लाख 46 हजार 459 कोविड वैक्सीन एडमिनिस्टर हुए हैं। प्रदेश के 23 जनपदों में 18-44 आयु वर्ग के 1,07,234 लोगों के कल हुए टीकाकरण के साथ अब तक इस आयु वर्ग के 7,46,875 लोगों ने टीका-कवर प्राप्त कर लिया है।
  • सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन निःशुल्क है। कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित हो, इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था लागू की गई है।निरक्षर, दिव्यांग, निराश्रित, श्रमिक अथवा अन्य जरूरतमंद लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर टीकाकरण पंजीयन की सुविधा प्रदान कराई गई है। यह कार्य प्रारंभ हो गया है। कॉमन सर्विस सेंटर पर वैक्सीन पंजीयन निःशुल्क है। इसकी दैनिक मॉनीटरिंग की जाए।
  • ऑक्सीजन की मांग, आपूर्ति और खर्च में संतुलन बनाने के लिए कराए जा रहे ऑक्सीजन ऑडिट के अच्छे परिणाम मिले हैं। उत्तर प्रदेश में अपनाई गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली को ‘नीति आयोग’ द्वारा सराहा गया है। यह हमारे लिए उत्साहवर्धक है। सतत नियोजित प्रयासों का ही परिणाम है कि आज अधिकांश मेडिकल कॉलेजों और रिफिलर्स के पास में 48 घंटे से अधिक का ऑक्सीजन बैकअप हो गया है। यही नहीं, कल, होम आइसोलेशन के मरीजों को 3600 से अधिक ऑक्सीजन युक्त सिलिंडर उपलब्ध कराए गए। बीते 24 घंटों में 886 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया है। 299 मीट्रिक टन मेडिकल कॉलेजों में आपूर्ति की गई तो रीफिलर को 492 एमटी ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई। ऑक्सीजन की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी आदि क्षेत्रों में ऑक्सीजन ट्रेन लगातार भेजी जा रही है।
  • गांवों और शहरी वार्डों में गठित निगरानी समितियों की प्रदर्शन सराहनीय है। घर-घर स्क्रीनिंग से लेकर मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराने, उनकी टेस्टिंग सुनिश्चित कराने सहित सभी जरूरी कार्य यह कुशलता पूर्वक कर रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गांव-गांव टेस्टिंग की हमारी नीति को सराहा है। कतिपय जिलों में मेडिकल किट वितरण में देरी की जानकारी मिली है, स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर से ऐसे जिलाधिकारियों से संवाद कर आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए।