कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

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—– भाग-02 —–

  • राज्य सरकार के अधीन किसी भी विभाग में कार्यरत किसी कार्मिक की मृत्यु यदि कोविड संक्रमण से हुई हो तो विभाग द्वारा संबंधित परिवार के प्रति पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूतिपूर्वक यथोचित सहयोग किया जाए। अनुग्रह राशि का भुगतान हो या मृतक आश्रित सेवायोजन अथवा अन्य कोई प्रकरण, कोई फाइल लंबित न रहे। मुख्य सचिव स्तर से इस संबंध में यथोचित आदेश जारी कर व्यवस्था प्रभावी बनाने की कार्यवाही हो।
  • प्रदेश के सभी जनपदों में ब्लैक फंगस के उपचार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिए। मेरठ व लखनऊ सहित जिन भी जिलों में इस संक्रमण के मरीज हैं, उन्हें प्रॉपर मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जाए। ब्लैक फंगस के कारण एवं उपचार की विधि के संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञों से संवाद स्थापित करते हुए सभी जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।इस सम्बन्ध में भारत सरकार को पत्र भेजकर आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया जाए। मांगपत्र भेजते समय प्रदेश की कुल आबादी और मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखा जाए।
  • कोरोना महामारी के इस चरण में हमें गांवों पर विशेष ध्यान देना होगा। गांव-गांव, घर-घर हो रही स्क्रीनिंग-टेस्टिंग के अब तक के परिणाम बताते हैं कि हमारे ग्रामीण क्षेत्र काफी हद तक सुरक्षित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकीय सुविधा और बेहतर करने की जरूरत है। ऐसे में, प्रत्येक जनपद में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और हेल्थ सेंटर की व्यवस्था को टीम लगाकर चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए। इसके अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों पर मेडिकल उपकरणों को कार्यशील स्थिति में रखा जाए तथा साफ-सफाई की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों की पेंटिंग भी करायी जाए।साथ ही, आवश्यक मैनपॉवर, पेयजल, शौचालय, बिजली आदि की व्यवस्था को भी दुरुस्त रखा जाए। यह कार्य आगामी एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाए। मेडिकल कार्य में यथासंभव आयुष चिकित्सकों का भी सहयोग लिया जाए।
  • सभी जनपदों में उपलब्ध सभी वेंटिलेटर्स व आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर क्रियाशील अवस्था में रहने चाहिए। पीलीभीत जिले से इस संबंध में लापरवाही की शिकायत मिली है। प्रकरण में जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाए। सभी जिलों में वेंटिलेटर व अन्य चिकित्सकीय उपकरण तत्काल क्रियाशील कराए जाएं।वेंटिलेटर्स के संचालन के लिए एनेस्थेटिक्स व टेक्नीशियन भी उपलब्ध रहने चाहिए।
  • निगरानी समिति द्वारा लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिकल किट उपलब्ध कराने के साथ ही, ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जाए। यह सूची इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को उपलब्ध कराई जाए। आईसीसीसी इन व्यक्तियों के एंटीजन टेस्ट के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम को भेजे। साथ ही, सम्बन्धित को मेडिकल किट उपलब्ध कराये जाने का सत्यापन भी करे। निगरानी समिति द्वारा तैयार की गयी सूची जिलाधिकारी द्वारा सम्बन्धित जनप्रतिनिधि को भी उपलब्ध करायी जाए, जिससे वे भी संक्रमित व्यक्ति से संवाद स्थापित करते हुए फीडबैक प्राप्त कर सकें।
  • कोविड महामारी में चिकित्सा संसाधनों को बेहतर करने का कार्य प्रतिबद्धता पूर्वक किया जा रहा है। अकेले चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बीते कुछ दिनों में 2438 चिकित्सकीय मानव संसाधन बढ़ाये गए हैं। स्वास्थ्य विभाग में भी तेजी से कार्यवाही हो रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी डॉक्टर की ड्यूटी कार्यालयीन कार्य में कतई ना लगाई जाए। उनसे केवल चिकित्सकीय कार्य ही कराया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी व पीएचसी में मैन पावर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और सम्बन्धित जिलाधिकारी स्तर से कार्यवाही होनी है, जबकि मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्य इसकी कार्यवाही करते हैं। शासन से सहयोग की जरूरत हो तो बताएं, अन्यथा चयन प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
  • विशेषज्ञों के आकलन के दृष्टिगत प्रदेश को सभी तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। सभी मेडिकल काॅलेजों में 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) वाॅर्ड तैयार करने की कार्यवाही तेज हो। इंसेफेलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने का अनुभव इस कार्य में हमारे लिए उपयोगी होगा। बीआरडी मेडिकल काॅलेज, बीएचयू एवं केजीएमयू तथा स्वास्थ्य विभाग को इन्सेफ्लाइटिस से प्रभावित जनपदों में पीकू की स्थापना का अच्छा अनुभव है। इस अनुभव का लाभ लेते हुए सभी जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल काॅलेजों के पीडियाट्रिशियन, टेक्नीशियन्स, पैरामेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण कराया जाए। आशा वर्कर व आंगनवाड़ी कार्यकत्र्रियों की भी चरणबद्ध ट्रेनिंग कराई जाए।
  • पूरे प्रदेश में स्वच्छता, सैनिटाजेशन एवं फाॅगिंग की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। इन कार्यों की सूची जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करायी जाए, जिससे इन कार्यवाहियों के सम्बन्ध में वे आमजन से फीडबैक प्राप्त कर सकें। कम्युनिटी किचन को प्रभावी ढंग से संचालित करते हुए जरूरतमंद व्यक्तियों के साथ ही, मरीजों के परिजनों को भी आवश्यकतानुसार फूड पैकेट उपलब्ध कराए जाएं।
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न वितरण आज से प्रारंभ हो रहा है। राशन की दुकानों पर एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि पात्र व्यक्तियों को अनुमन्य मात्रा में खाद्यान्न प्राप्त हो। खाद्यान्न वितरण के दौरान राशन की दुकानों पर सैनीटाइजर की उपलब्धता रहे। राज्य सरकार द्वारा आगामी माह जून से पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क तीन माह तक खाद्यान्न वितरण का निर्णय लिया गया है। इस सम्बन्ध में समय से सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।