वन एवं पर्यावरण विभाग की समीक्षा के उपरांत मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश

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■ उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण की समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। विगत पांच वर्षों के वायु प्रदुषण अध्ययन के अनुसार करीब 17 नगरों का औसत PM10 और PM2.5 राष्ट्रीय औसत से अधिक है। लखनऊ, कानपुर, आगरा वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, मेरठ, फिरोजाबाद, गोरखपुर जैसे शहरों में बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिक गतिविधियों से वायु प्रदूषण की समस्या है। इस दिशा में नियोजित प्रयास करते हुए स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना तैयार की जाए।

■ शहरों में परिवेशीय वायु गुणता निगरानी तंत्र का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण किये जाने की कार्यवाही हो। वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपलब्ध मल्टी सेक्टर बजट व्यवस्था का कन्वर्जेंस भी किया जाना चाहिए।

■ ट्रांसपोर्ट सेक्टर में वायु गुणता सुधार के लिए ई-मोबिलिटी, फ्लीट उच्चीकरण और ट्रैफिक प्रबंधन की कार्यवाही आवश्यक है। वृक्षारोपण और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाना चाहिए। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिये प्रभावी प्रयास की जरूरत है।

■ उद्योगों में क्लीन एनर्जी और बायोमास की आपूर्ति के लिए विशेष ध्यान दिए जाएं। हमें अमोनिया और मीथेन के उत्सर्जन में कमी के लिए प्राकृतिक खेती और कम्प्रेस्ड बायोगैस को बढ़ावा देना होगा।

■ प्रदेश में फॉरेस्ट्री के क्षेत्र की अपार संभावनाओं और चुनौतियों के समाधान के लिए एक उत्कृष्ट शोध एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना की आवश्यकता है। इस सम्बंध में विधिवत अध्ययन के उपरांत प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया जाए।

■ प्रदेश के कृषि भू-दृश्य क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 190 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि के सापेक्ष 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि वानिकी के विस्तार की संभावना है। कृषि फसलों के साथ पौधारोपण से भूमि की उत्पादकता में बढ़ोतरी तो होती ही है किसानों के आजीविका रोजगार और आय में बढोतरी का माध्यम भी बनती है।

■ विगत 05 वर्षों में 100 करोड़ से अधिक पौधरोपण किया जा चुका है। इस कार्य में व्यापक जनसहयोग भी प्राप्त हुआ है। पौधे लगाने के साथ-साथ हमें इनके संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखना होगा। वन विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में हुए कुल पौधरोपण के प्रयास और उससे बढ़े ग्रीन कवर की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

■ कृषि वानिकी आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने की नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं। कृषि वानिकी के अंतर्गत पॉपलर की खेती को बढ़ावा देना प्लाईवुड उद्योग के प्रोत्साहन के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। हमें योजनाबद्ध रीति से पॉपलर के पौधे लगाने के लिए किसानों को जागरूक करना चाहिए। यह किसानों की आय को बढ़ाने में सहायक तो होगा ही नवीन रोजगार सृजन में भी सहायक होगा।