मुख्य सचिव ने बहुआयामी गरीबी सूचकांक पर आधारित कार्यशाला को किया सम्बोधित

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मुख्य सचिव ने सतत् विकास लक्ष्य भारत सूचकांक 2020-21 एवं बहुआयामी गरीबी सूचकांक पर आधारित कार्यशाला को सम्बोधित किया

लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी द्वारा योजना भवन में सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूचकांक 2020-21 एवं बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) पर आधारित कार्यशाला में प्रतिभाग किया गया। अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों के कल्याण एवं विकास के लिए अभूतपूर्व एवं उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा रोजगार, गरीबी उन्मूलन, किसान, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये गये हैं। स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम, स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास, आवास के लिये जो कार्य किये गये हैं, उनकी प्रशंसा भारत सरकार के साथ-साथ थर्ड पार्टी एजेन्सी द्वारा भी की गई है।

  उन्होंने कहा कि जब पूरा विश्व कोविड-19 महामारी से जूझ रहा था, तब प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में हमारी टीम ने जो कार्य किया है, वह उल्लेखनीय है। मजबूत स्वास्थ्य ढांचा खड़ा करके कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण करने में सफलता हासिल की गई है। इसी प्रकार गरीबी उन्मूलन तथा मानव संसाधनों के विकास के लिए मिलकर टीम भावना से कार्य किया जाये तो लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

मुख्य सचिव ने अपील की कि सतत् विकास लक्ष्य को एक सरकारी कार्यक्रम और सरकारी लक्ष्य बनाने के स्थान पर देश के जिम्मेदार नागरिक बनकर अपने देश और समाज के सुधार के लिये कार्य करें।  उन्होंने कहा कि आॅक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (Oxford Poverty & Human Development Initiative-OPHI) द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के आधार पर 10 इंडीकेटर्स तैयार किये गये हैं।

इंडीकेटर्स में बाल मृत्यु दर, पोषण, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पेयजल आवास, बिजली, घरेलू संपत्ति जैसे मानक शामिल किये गये हैं। यह बहुत अच्छा और वैज्ञानिक कदम है। इस इंडेक्स द्वारा गरीबी को केवल एक आयाम, आय या उपभोग के आधार पर न माप कर विभिन्न आयामों पर आंकलन किया जाएगा, जिससे गरीबी उन्मूलन में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि नीति आयोग, भारत सरकार की नेशनल मल्टी डाईमेंसनल पावर्टी इंडेक्स के सृजन हेतु नोडल एजेंसी नामित किया गया है तथा एमपीआई एसडीजी लक्ष्य 1.2 का एक सीधा मापक है, जो अपने सभी रूपों में गरीबी उन्मूलन पर केन्द्रित है।

गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए एसडीजी लोकलाईजेशन में गति प्रदान करना आवश्यक है। उक्त के क्रम में नीति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों के प्रभावी अनुश्रवण एवं गरीबी उन्मूलन हेतु Inter-ministerial M.P.I. coordination committee (MPICC) की स्थापना की है, जो गरीबी उन्मूलन के विभिन्न पैरामीटर एवं इंडीकेटर्स के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर एमपीआई तैयार करेगी।नीति आयोग, भारत सरकार की अपेक्षानुसार राष्ट्रीय स्तर के समानान्तर प्रदेश में M.P.I. coordination committee  की स्थापना की जा रही है, जिससे प्रदेश स्तर पर गरीबी उन्मूलन के विभिन्न पैरामीटर एवं इंडीकेटर्स के आधार पर एमपीआई का विकास किया जा सके।

यह कमेटी मल्टी डाइमेन्शियल पावर्टी इंडेक्स, प्रोग्राम, योजनाओं तथा बहुआयामी गरीबी उन्मूलन हेतु नीतियों एवं क्षेत्र की स्थिति पर ध्यान केन्द्रित करेगी साथ ही साथ त्वरित बहुआयामी गरीबी उन्मूलन हेतु लक्षित लक्ष्यों के साथ एक सुधारात्मक कार्य-योजना एवं इंडेक्स की प्रगति का प्रभावी अनुश्रवण करेगी। सतत विकास लक्ष्य के गोल नं0 1-No Poverty के प्रभावी अनुश्रवण हेतु ग्राम्य विकास विभाग नोडल विभाग है।  बैठक अपर मुख्य सचिव नियोजन कुमार कमलेश एवं सलाहकार (एसडीजी) नीति आयोग संयुक्ता समददार सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।