मुख्य सचिव ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज

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लखनऊ। 76वें स्वतंत्रता दिवस के सुअवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने आजादी के 75 वर्ष पूरे होने तथा 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी को बधाई देते हुये कहा कि आज का दिन सबसे महत्वपूर्ण है। यह हम सभी सौभाग्यशाली है कि हम सभी 75 वर्ष पूर्ण होने वाली आजादी के स्वतंत्रता दिवस के साक्षी हैं। आज पूरा देश पूरे उत्साह और उमंग के साथ हर घर, हर गली, हर मोहल्ले, हर संस्थान, हर कार्यालय, हर बाजार, देश के कोने-कोने में करोड़ो की संख्या में तिरंगा लहरा रहा है। यह तिरंगा हमारे देश की आन, बान और शान है, यह तिरंगा हमारे देश के उन तमाम लोगों के बलिदान का प्रतीक है, जिन्होंने देश की आजादी के लिये हंसते-हंसते अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी, अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। 

उन्होंने कहा कि आज से ठीक 75 वर्ष पूर्व लखनऊ के हजरतगंज सहित तमाम सारी ऐसी जगहें थीं, जो भारतीयों के लिये प्रतिबंधित थीं। आज हर भारतीय देश के कोने-कोने में जा सकता है। आज हम सभी लोग स्वाधीनता की सांस ले रहे हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं। हमारा देश लोकतंत्रिक व्यवस्था के माध्यम से चल रहा है। पूरे विश्व की तुलना में लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ें भारत में सबसे अधिक गहरी हैं।  इस अवसर पर उन्होंने स्वाधीनता के उपरान्त देश की रक्षा के लिए सेना व पुलिस के जवानों के द्वारा दिये गये बलिदानों को याद करते हुये उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उनकी कुर्बानियों की वजह से ही आज हमारा देश स्वतंत्र है और आगे भी स्वतंत्र रहेगा। उन्होंने कहा कि देश केवल जमीन का कोई टुकड़ा नहीं होता है। देश वहां के लोग हैं, वहां की संस्कृति है, वहां के लोगों के मनोविचार हैं, देश उनके साथ जुड़ता है। हमें पूरे मनोयोग से देश की उन्नति के लिये कार्य करना चाहिये। 

उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में हमारे देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था। आज देश में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश दुनिया का सिरमौर होगा। हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। हम उस देश के नागरिक है, जो समानता और समतामूलक व्यवस्था में विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि कई हजार वर्ष पुरानी सनातन संस्कृति पर गर्व है। हम उस देश के नागरिक है, जहां उत्तर से दक्षिण तक पूर्व से पश्चिम तक इतनी सारी विविधताओं के बावजूद यह एक भारत और श्रेष्ठ भारत है, जो पूरी दुनिया में विश्व गुरु कहलाता था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 75 सप्ताह पहले 12 मार्च, 2021 में साबरमती आश्रम, अहमदाबाद से ‘दांडी यात्रा’ के साथ आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत की थी, आज 75 सप्ताह पूरे हो गये हैं।

प्रधानमंत्री ने संकल्प लिया था कि अगले 25 साल जब हम अपनी आजादी का 100वां वर्ष 2047 में मनायेंगे, यह अवधि हमारे देश का अमृतकाल होगी, इस अवधि में हमारा देश नई-नई ऊँचाइयों को नई-नई उपलब्धियों को दुनिया के शिखर पर अपने आप को स्थापित करने के लिए काम करेगा।उन्होंने कहा कि आज से अमृतकाल की यात्रा आरम्भ हो गई है, एक भारतीय के रूप में हमें भारत को पुनः उसी रूप में स्थापित करना है। हम संकल्प लें और देश की उन्नति के लिए निरंतर कार्य करें। इस अवसर पर स्टॉफ आफीसर राजेश कुमार, विशेष सचिव एवं स्टॉफ आफिसर कृष्ण गोपाल, निजी सचिव अम्बरीश सक्सेना सहित मुख्य सचिव कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारीगण आदि उपस्थित थे।