बाल विकास कर्मियों को एसीपी व प्रमोशन का इंतजार

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बाल विकास कर्मियों को एसीपी व प्रमोशन का इंतजार, क्रासर: विभाग में वर्ष-2016 के बाद से नहीं हुई एसीपी की बैठक।

कुमार राकेश

लखनऊ। इसे शासन की उदासीनता कहें या फिर विभाग के अफसरों की लापरवाही। नौनिहालों का जीवन संवारने की जिम्मेदारी उठाने वाली समाजसेविका ही बदहाल है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार में तैनात समाजसेविकाओं को बीते करीब छह साल से न तो एसीपी दी गई और न ही प्रमोशन। शासन और विभाग की इस हठधर्मिता का आलम यह है कि विभागीय कर्मियों के प्रदर्शन के बाद वादा पूरा करने का आश्वासन तो जरूर दिया गया लेकिन किया कुछ नहीं गया। दिलचस्प बात तो यह है कि विभाग में करीब साढ़े चार सौ पद रिक्त होने के बाद पात्र कर्मियों को प्रोन्नति प्रदान नहीं की जा रही है।


2009 के बाद आज तक नहीं हुई डीपीसी- बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में सुपरवाइजर एसोसिएशन की महामंत्री शशिकांता का कहना है कि विभाग में एसीपी को लेकर वर्ष-2016 के बाद से आज तक कोई बैठक ही नहीं की गई है। एसीपी और प्रमोशन को लेकर जब भी प्रदर्शन किया जाता है तब आश्वासन तो जरूर दिया जाता है किंतु कर्मियों की समस्याओं का निस्तारण नहीं किया जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग में 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से और 50 प्रतिशत पद सीधे भरे जाने की व्यवस्था है। 450 पद रिक्त होने के बाद भी विभागीय प्रोन्नति कमेटी (डीपीसी ) की बैठक नहीं हुई है। वर्ष-2009 में प्रमोशन की अंतिम बैठक हुई थी। इसके बाद से आज तक कर्मी प्रोन्नति की आस लगाए बैठे हुए हैं।


मिली जानकारी के मुताबिक बीत दिसंबर माह में बाल विकास सेवा एवं पुष्टïाहार के कर्मियों ने पदोन्नति और एसीपी को लेकर निदेशालय पर प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन पर आंदोलनरत कर्मियों का मनाने के लिए तत्कालीन निदेशक महोदया ने पदाधिकारियों से लिखित समझौता किया था। समझौते के तहत एक कार्यवृत्त जारी किया गया कि माह जनवरी तथा फरवरी में विभाग के सभी कर्मियों की एसीपी की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी। एक साल से बीत जाने के बाद भी अभी तक विभाग के आला अफसरों ने कर्मियों को न तो पदोन्नति दी गई और न ही किसी कर्मचारी की एसीपी की कार्यवाही की गई है। ऐसा तब किया जा रहा है जब मुख्य सचिव लगातार पत्र जारी कर रहे हैं कि प्रतिमाह कर्मियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं के साथ कार्यवृत्त जारी कर 30 सितंबर 2022 तक समस्त संवर्ग के कर्मियों की पदोन्नति की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए।


विभागीय जानकारों का कहना है कि विभाग के प्रदेश में कार्यरत मुख्य सेविका, लिपिक, चतुर्थ श्रणी एवं वाहन चालक के पदोन्नति के रिक्त पदों पर वर्ष- 2018 से आज तक पदोन्नति संबंधी किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही की ही नहीं गई है। ऐसा तब है जब शासनदेश में व्यवस्था है कि एक साल में दो बार एसीपी की बैठक किया जाना आवश्यक है। विभाग में एसीपी की अंतिम बैठक वर्ष-2016 में हुई थी। पिछले छह साल से विभाग में एसीपी के लिए कोई बैठक की ही नहीं गई है। बताया गया है कि बैठक के लिए तारीखें जरूर तय की लेकिन बैठक नहीं हुईं। यही नहीं विभाग की प्रदेश में कार्यरत मुख्य सेविकाओं को चार-चार माह तक वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। कर्मियों का समय पर वेतन नहीं मिलने की वजह से परिवार का पालन पोषण करना तक दूभर हो गया है। यह तो बानगी भर है कि विभाग के कर्मचारी इसके अलावा तमाम समस्याओं से जूझने के बाद भी नौनिहालों का भविष्य सुधारने में जुटे हुए हैं। उधर इस संबंध में बाल विकास सेवा एवं पुष्टïाहार में उपनिदेशक पद पर कार्यरत कमलेश गुप्ता से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।