कब्जों पर स्थिति स्पष्ट करें अजमेर प्रशासन-धर्मेश जैन

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पाथ-वे के निर्माण का मतलब आनासागर के भराव क्षेत्र के कब्जों को वैध ठहराया नहीं है।

अजमेर। राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीट के न्यायाधीश अषोक कुमार गौड़ ने अजमेर के वैषाली नगर स्थित जी-माल के निकट पाथ-वे निर्माण को लेकर यथास्थिति कायम रखने के आदेष दिए हैं। इस आदेष के बाद अब जी-माल के निकट आनासागर में कोई चार बीघा भूमि पर पाथ-वे का निर्माण करना मुष्किल होगा। यह आदेष 25 मार्च को खातेदार रामेष्वर लाल की याचिका पर दिया गया है। खातेदार के वकील एस0के0 सक्सैना और आषीष सक्सैना का कहना रहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहण की जो प्रक्रिया अपनाई है, वह दोषपूर्ण है। अधिग्रहण की अधिसूचना के दो वर्ष के अंदर अवार्ड जारी नहीं किया गया और ना ही अभी तक खातेदार को भूमि का मुआवजा दिया गया है। दोषपूर्ण अधिग्रहण के अंतर्गत ही खातेदार की भूमि पर स्मार्ट सिटी योजना में पाथ-वे बनाया जा रहा है। इस संबंध में प्राधिकरण के वकील का कहना रहा कि प्राधिकरण संबंधित खातेदार की भूमि पर कोई निर्माण कार्य नहीं कर रहा है।

कब्जों को वैध ठहराना उद्देष्य नहीं –
स्मार्ट सिटी परियोजना के एडिशनल चीफ इंजीनियर अविनाश शर्मा का हना रहा कि आनासागर के चारों तरफ पाथ-वे के निर्माण का यह मतलब नहीं है कि भराव क्षेत्र के अवैध कब्जों को वैद्य माना जा रहा है। कब्जाधारियों पर लगातार कार्यवाही हो रही है। जो मामले अदालतों में लम्बित है उनमें भी प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। शर्मा ने माना कि पाथ-वे के निर्माण के बाद आनासागर में कुछ स्थानों पर मिट्टी डालकर कब्जा करने की कोषिष हो रही है, ऐसे तत्वों के खिलाफ प्रषासन को रिपोर्ट दे दी गई है। प्रशासन नियमों के अंतगत सख्त कार्यवाही करेगा। मौजूदा समय में बगैर किसी विवाद के पाथ-वे का निर्माण किया जा रहा है, ताकि शहरवासियों को आनासागर के किनारे घूमने का अवसर मिल सके। जिन भी व्यक्तियों ने आनासागर के भराव क्षेत्र में निर्माण किए है, उनके विरूद्व कार्यवाही हो रही है। आनासागर का भराव क्षेत्र नो कंस्ट्रेक्षन जोन घोषित है, इसलिए कोई पक्का निर्माण नहीं हो सकता है। शर्मा ने कहा कि अनेक खातेदारों ने पाथ-वे के निर्माण के लिए अपनी भूमि सरेंडर की है। यहां यह उल्लेखनीय है कि आनासागर की भूमि खातेदार की है, लेकिन खातेदार भूमि पर तभी काबिज होगा, जब पानी भरा न हो। खाली जमीन पर भी सिर्फ खेती की जा सकती है। आनासागर में पक्के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन अनेक खातेदारों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर भराव क्षेत्र में पक्के निर्माण कर लिए है। भराव क्षेत्र में ही कई आवासीय कॉलोनियां भी बन गई हैं।

प्रषासन स्थिति स्पष्ट करें –
नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष रहे और वरिष्ठ भाजपा नेता धर्मेष जैन ने कहा है कि आनासागर में हुए अवैध कब्जों पर प्रशासन को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। आनासागर के अंदर पाथ-वे के निर्माण से असमंजस की स्थिति हो गई है। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत आनासागर के किनारे जो पाथ-वे का निर्माण हो रहा है, वह कई स्थानों पर आनासागर के एक किलोमीटर अंदर हो रहा है, ऐसे में सवाल उठता है कि पाथ-वे से पहले जो अवैध निर्माण हुए है, क्या वे वैध हो गए हैं। कई भू-माफियाओं ने पाथ-वे के निर्माण के बाद आनासागर के भराव क्षेत्र में मिट्टी डालकर भूमि पर कब्जा कर लिया है। जैन ने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी के इंजीनियर और प्रषासन के अधिकारियों की मिलीभगत से आनासागर पर कब्जा किया जा रहा है। पाथ-वे का निर्माण भविष्य में आनासागर के लिए घातक होगा। प्रषासन को पाथ-वे से पहले वो सभी निर्माणों और कब्जों को तत्काल हटाना चाहिए।