इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज का निर्माण लखनऊ में-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री के समक्ष उ0प्र0 इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज एवं डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उ0प्र0 के मध्य एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर।अपराध अनुसंधान के मामले में फाॅरेंसिक साइंसेज की महत्वपूर्ण भूमिका को पुलिस तथा न्यायालयों ने स्वीकार किया।अपराध अनुसंधान तथा अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए जांच के स्तर को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाना होगा।मुख्यमंत्री ने इंस्टीट्यूट के लिए अच्छी फैकल्टी की आवश्यकता पर बल दिया।संस्थान की स्थापना के उपरान्त, इसके फंक्शनल होने पर इसकीकार्यप्रणाली का असर फील्ड में भी परिलक्षित होना चाहिए,ताकि अपराधों को तीव्र गति से सुलझाया जा सके।इंस्टीट्यूट को शीघ्रातिशीघ्र बनाकर संचालित करने के निर्देश।इंस्टीट्यूट का एफीलिएशन गुजरात में स्थापितनेशनल फाॅरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी से करने के निर्देश।अपराध अनुसंधान की आवश्यकताओं के अनुरूप कोर्सों को डिजाइनकिया जाए, ताकि सक्षम मैनपावर तैयार की जा सके, जोआपराधिक केसों को साॅल्व करने में मददगार साबित हो।इंस्टीट्यूट में एक साल के अन्दर कोर्सेज शुरू किए जाएं।इस एम0ओ0यू0 से समाज के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों मेंलाभप्रद अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान प्रदान किया जा सकेगा।संस्थान एवं विश्वविद्यालय के छात्रों एवं संकाय के लाभ के लिएउत्कृष्टता केन्द्र, नवाचार केन्द्र तथा अन्य सुविधाएं विकसित कीजाएंगी, इससे विभिन्न प्रौद्योगिकी का पारस्परिक लाभ भी मिलेगा।उ0प्र0 इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज का निर्माण लखनऊ में 50 एकड़ भूमि में कराया जा रहा है एन0एफ0एस0यू0 द्वारा वैज्ञानिक अपराध जांच के क्षेत्र में आधुनिकसुविधाएं और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केन्द्रस्थापित किया जा रहा है, यह संस्थान के परिसर में 05 एकड़ भूमि पर पृथक इकाई के रूप में होगा।यह सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस, डी0एन0ए0 परीक्षण के क्षेत्र में, गृह मंत्रालय,भारत सरकार के सहयोग से अलग से स्थापित किया जा रहा है।


लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज एवं डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उ0प्र0, लखनऊ के मध्य एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपराध अनुसंधान के मामले में फाॅरेंसिक साइंसेज की महत्वपूर्ण भूमिका को पुलिस तथा न्यायालयों ने स्वीकार किया है। वर्तमान में अपराध की प्रकृति काफी बदल गई है। अपराधी तकनीकी का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में अपराध अनुसंधान तथा अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए जांच के स्तर को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाना होगा। 

आपराधिक मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए प्रदेश में एक फाॅरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की आवश्यकता महसूस की गई। विचार-विमर्श के उपरान्त जनपद लखनऊ में इस इंस्टीट्यूट को स्थापित करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने इंस्टीट्यूट के लिए अच्छी फैकल्टी की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर भी फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना के उपरान्त, इसके फंक्शनल होने पर इसकी कार्यप्रणाली का असर फील्ड में भी परिलक्षित होना चाहिए, ताकि अपराधों को तीव्र गति से सुलझाया जा सके।

मुख्यमंत्री इस इंस्टीट्यूट को शीघ्रातिशीघ्र बनाकर संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसका एफीलिएशन गुजरात में स्थापित नेशनल फाॅरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एन0एफ0एस0यू0) से करने के भी निर्देश दिए। अपराध अनुसंधान की आवश्यकताओं के अनुरूप कोर्सों को डिजाइन किया जाए, ताकि सक्षम मैनपावर तैयार की जा सके, जो आपराधिक केसों को साॅल्व करने में मददगार साबित हो। इस इंस्टीट्यूट में एक साल के अन्दर कोर्सेज शुरू किए जाएं। 

इससे पूर्व, डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति ने उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज के नेचर एण्ड स्कोप पर विस्तार से प्रकाश डाला। ज्ञातव्य है कि इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य पुलिस प्रशासन, फाॅरेंसिक साइंस, व्यावहारिक विज्ञान, प्रौद्योगिकीय एवं प्रबन्धन के क्षेत्र में नवीन शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करना है। इस एम0ओ0यू0 से समाज के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में लाभप्रद अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान प्रदान किया जा सकेगा। संस्थान एवं विश्वविद्यालय के छात्रों एवं संकाय के लाभ के लिए उत्कृष्टता केन्द्र, नवाचार केन्द्र तथा अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इससे विभिन्न प्रौद्योगिकी का पारस्परिक लाभ भी मिलेगा।

यह दोनों संस्थान संयुक्त रूप से पुलिस और फाॅरेंसिक विज्ञान में नवीनतम प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के तरीकों को विकसित करने और मानक संचालन प्रक्रियाओं को तैयार करने का कार्य करेंगे। प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस प्रशासन एवं फाॅरेंसिक साइंस के क्षेत्र में अध्ययन हेतु लखनऊ की तहसील सरोजनीनगर में 50 एकड़ भूमि में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज का निर्माण कराया जा रहा है। 

एन0एफ0एस0यू0 द्वारा वैज्ञानिक अपराध जांच के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जा रहा है, जो इस संस्थान के परिसर में 05 एकड़ भूमि पर पृथक इकाई के रूप में होगा। यह सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस, डी0एन0ए0 परीक्षण के क्षेत्र में, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अलग से स्थापित किया जा रहा है।  
कार्यक्रम को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी तथा पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त एस0 राधा चैहान, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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