सहकारिता विभाग किसानों को कर रहा है हर स्तर पर सशक्त

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प्रतापगढ़। मूलतः ग्रामीण कृषकों को फसल उत्पादन हेतु उचित ब्याज दरध्शर्तां पर ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें महाजनों के चंगुल से मुक्त कराना सहकारिता आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था। आज सहकारी समितियों के कार्य का विस्तार उर्वरकए बीज वितरणए शीतगृह संचालनए दीर्घकालीन ऋण वितरणए दुग्धए गन्नाए आवास आदि अनेक क्षेत्रों में हो गया है। वर्तमान उ0प्र0 सरकार के प्रयासों से आज सहकारी समितियों के प्रबन्धन द्वारा जन सहभागिता के माध्यम से उनके आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है।

वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार के विगत चार वर्षों के दौरान उ0प्र0 सहकारी बैंक व जिला सहकारी बैंक द्वारा 2017.18 से अब तक लाखों कृषकों को रू0 21957ण्29 करोड़ का फसली ऋण प्रदान कर कृषकों की कृषि सम्बन्धी लागतों का समाधान किया गया है। विगत चार वर्षों में ही चीनी उद्योग के विकास के लिए 2017.18 से अब तक 15226 ण् 10 करोड़ रूपए का ऋण उपलब्ध कराकर गन्ना किसानों के भुगतान की समयबद्ध प्राप्ति सुनिश्चित करायी गयी है। इसमें चीनी मिलों की मांग पर 888 ण् 10 करोड़ का वित्त पोषण भी शामिल है। किसानों की वित्तीय साख क्षमता को मजबूत करने हेतु अब तक 16 ण् 91 लाख काश्तकारों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए गए है।

जिला सहकारी बैंकों में मोबाइल एण्टीण्एमण् सेवा प्रारम्भकरए विगत वर्ष में लगभग 544 करोड़ रूपए का लेन देन हुआ है। फसल ऋण मोचन योजना द्वारा 484273 किसानों के लगभग 634 करोड़ रूपए के ऋण माफ किए गए है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 16 कमजोर जिला सहकारी बैंको को रू0 2063 करोड़ की वित्तीय सहायता से इन्हें मजबूत बनाया गया है।

उ0प्र0 कोऑपरेटिव बैंक द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक से प्राप्त लाइसेंस के अन्तर्गत स्वयं अपने तथा 50 जिला सहकारी बैंकों में आरण्टीण्जीण्एसण् एवं एनण्ईण्एफण्टी सेवाएं सफलता पूर्वक लागू की गयी है। इनमें इण्टरनेट बैंकिंग की सुविधा भी शीघ्र लागू की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर सहकारी बैंको की कार्यप्रणाली को कार्यकुशल व पारदर्शी बनाया गया है। सभी पैक्स ;प्राथमिक कृषि साख समितिद्ध को माइक्रों एण्टीण्एम प्रदान कर जिला सहकारी बैंकों के कार्यकलापों की पहुँच ग्रामीण स्तर तक की गयी है।

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से समस्या ग्रस्त सहकारी ग्राम विकास बैंकों द्वारा ऋण वितरण प्रक्रिया को पुनः चालू कराया गया है। विगत 4 वर्षों में ऋण वसूली का अभियान चलाकर इन बैंकों को इस स्थिति में पहुँचा दिया गया है कि वे अपने देय ऋण के किश्त की धनराशि अपनी वसूली से प्राप्त आय से ही अदा करने लगे है। विगत 03 वर्षों में इन बैंकों द्वारा लगभग 2670 करोड़ रूपए की वसूली कर लगभग 2200 करोड़ रूपए की देनदारियाँ समाप्त कर आत्मनिर्भर बने है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिला सहकारी बैंको का आधुनिकीकरण एवं कम्प्यूटराइजेशन कर इनकी कार्य प्रणाली बेहतर की गयी है। सभी सहकारी समितियों को जवाबदेह बनाने हेतु इनका ऑडिट व एण्जीण्एम कराया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के अन्तर्गत 3ण्85 लाख कृषकों को रू0 196 ण् 49 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित की गयी है।

मूल्य समर्थन योजनान्तर्गत सहकारिता विभाग द्वारा विगत 04 वर्षों ;2017.18 से 2020.21 द्ध 168 ण् 51 लाख मीण्टन धान व गेहूँ की खरीद कर लगभग 11ए27ए826 काश्तकारों को लाभान्वित किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020.21 में धान एवं गेहूँ की अब तक की सर्वाधिक खरीद की गयी है। योजना के अन्तर्गत काश्तकारों का भुगतान आनॅलाइन उनके खातों में भेजा गया है ।

जिससे उन्हें पूरा भुगतान मिलना सुनिश्चित हुआ है। पीण्सीण्एफण् उ0प्र0 कोऑपरेटिव फेडरेशनद्ध द्वारा 2017.18 से अब तक लगभग 144.96 लाख मी0 टन फास्फेटिक एवं यूरिया वितरण कर उन्नत खेती हेतु कृषको को लाभान्वित किया गया है। वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषकों की आय को दुगुना कर उनकी समृद्धि सुनिश्चित करने हेतु सहकारिता विभाग द्वारा किसानों को निरंतर प्रोत्साहन व समर्थन प्रदान किया जा रहा हैं जिससे प्रदेश के कृषकों की समस्याएं दूर हुई है एवं प्रदेश कृषि के क्षेत्र में निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर हुआ है।