क्या भाजपा सरकार में किसानों को मिली नौकरी..?

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भाजपा सरकार ने किसानों को डंडा और टॉर्च लेकर साँड़ों से खेत की रखवाली करने की दी है नौकरी।

भाजपा के पिछड़े,दलित नेताओं का चरित्र ‘अपना भला भला जगमाही’ वाला है”।

लौटनराम निषाद


राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह नफरत व झूठ की राजनीति कर रही है।उहोंने कहा कि बीजेपी सरकार में महंगाई,भ्रष्टाचार,बेरोजगारी,पुलिसिया जोर जुल्म,अत्याचार,बलात्कार से आम जनता व नौजवान परेशान है।आजादी के 74 वर्षो में ऐसी सरकार आई है जिसे सभी हटाना चाहते हैं।प्रदेश की जनता भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना ली है।

भाजपा सरकार ने किसानों को सिर्फ डंडा और टॉर्च लेकर खेतों साँड़ों से खेती की रखवाली करने की नौकरी दी है। बीजेपी सरकार ने कुछ युवाओं को ठेके पर नौकरी देने का काम किया है,सरकारी नौकरियों को धीरे धीरे खत्म करती जा रही है। जबकि पूरे प्रदेश में भारी संख्या में नौजवान बेरोजगार हैं। संविधान में पिछड़े,दलित,शोषित,वंचितों को शिक्षा और स्वास्थ्य मुफ़्त देने का प्रावधान है।भाजपा सरकार में दर्जनों लोगों की जेल के अंदर हत्याये हुई हैं। पूरे प्रदेश में लचर कानून -व्यवस्था व्याप्त है।कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है।

निषाद ने कहा कि भाजपा पर धर्म आधारित राजनीति करती है।पिछडों, दलितों को सिर्फ वोटबैंक समझती है।कहा कि हम डॉ. भीमराव आंबेडकर, ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहू जी महाराज,पेरियार, बीपी मण्डल,कर्पूरी ठाकुर,बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा आदि को मानने वाले हैं और मेरी आस्था इन्हीं में है।निषाद ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर संविधान सम्मत सामाजिक न्याय के आधार को मजबूत किया जाएगा।उन्होंने कहा कि भाजपा वाले गाय को माता कहते हैं,तो भला साँड़ से उनका क्या रिश्ता है?

निषाद ने कहा कि भाजपा कांग्रेस द्वारा स्थापित सभी धरोहरों,संस्थानों,उपक्रमों को नीलाम करने में जुटी हुई है।संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने में में जुटी हुई है।सरकारी संस्थानों,उपक्रमों के निजीकरण से मुसलमानों का बहुत कम तथाकथित हिंदुओं का ही सबसे अधिक नुकसान होने वाला है।निजीकरण से ओबीसी,एससी, एसटी का प्रतिनिधित्व खत्म हो जाएगा।भाजपा के पिछड़े,दलित नेताओं का चरित्र”अपना भला भला जगमाहीं” वाला है।मंदिर से पिछडों,दलितों का कुछ बनने बिगड़ने वाला नहीं है।मंदिर मुद्दा सिर्फ धर्म के नाम पर नफरत फैलाने का षडयंत्र है।उन्होंने कहा कि जब सरकारी संस्थान,उपक्रम ही नहीं रहेंगे,संविदा व आउटसोर्सिंग से नौकरियां दी जाएंगी तो आरक्षण का मतलब ही खत्म हो जाएगा।