क्या गहलोत का गांधी परिवार से गुप्त समझौता..?

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गहलोत के कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने में पायलट फैक्टर ही अहम है।तो अशोक गहलोत, सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे। क्या गहलोत का गांधी परिवार से गुप्त समझौता हो रखा है…?

अशोक गहलोत यदि जनवरी 2024 यानी 15 माह बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो कोई खास बात नहीं होती। तब अशोक गहलोत भी शशि थरूर की तरह एक उम्मीदवार होते, लेकिन गहलोत के अक्टूबर 22 में ही कांग्रेस का अध्यक्ष बनने की चर्चा तेज है, इसलिए कांग्रेस की राजनीति में कुछ ज्यादा ही उबाल है। गहलोत मौजूदा समय में राजस्थान के मुख्यमंत्री भी हैं। राजस्थान में दिसंबर 2023 में विधानसभा के चुनाव सम्पन्न हो जाएंगे। सब जानते हैं कि दिसंबर 2018 में गांधी परिवार ने सचिन पायलट का हक मार कर गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया था। अब चूंकि गांधी परिवार की विरासत को बचाने के लिए ही गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष बन रहे हैं, इसलिए माना जा रहा था कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना कर उन्हें उनका हक दे दिया जाएगा, लेकिन ऐसा लगता नहीं है। 20 सितंबर की रात को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में गहलोत ने स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस का अध्यक्ष बनने पर भी वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। यही वजह है कि फरवरी 2023 में पेश होने वाले बजट के लिए गहलोत ने विधायकों से विकास कार्यों के प्रस्ताव मांग लिए हैं।

गहलोत ने विधायक दल की बैठक में जिस अंदाज में भाषण दिया, उससे जाहिर था कि गहलोत, पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे। कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले गांधी परिवार पर गहलोत का कितना असर है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्थान पर गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा रहा है। यानी अब गांधी परिवार और गहलोत में कोई अंतर नहीं है। हो सकता है कि अध्यक्ष पद को लेकर गांधी परिवार और गहलोत के बीच गुप्त समझौता भी हुआ है, जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर गहलोत के बने रहने का निर्णय हुआ हो। यदि अध्यक्ष बनने के बाद भी गहलोत ही मुख्यमंत्री बने रहते हैं तो सवाल उठता है कि सचिन पायलट क्या करेंगे? क्या गहलोत के नेतृत्व में ही पायलट कांग्रेस सरकार को रिपीट करवाने के लिए मेहनत करेंगे?

असल में गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने में पायलट फैक्टर ही अहम है। पायलट के समर्थक विधायक पहले ही कह चुके हैं कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने पर ही कांग्रेस सरकार रिपीट होगी। यानी पायलट मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो राजस्थान में अगले वर्ष कांग्रेस की सरकार नहीं रहेगी। तय कार्यक्रम के अनुसार गहलोत 21 सितंबर को दिल्ली में कांग्रेस की मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से मिल रहे हैं। इसके बाद ही केरल जाकर राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे। गहलोत ने 20 सितंबर की विधायक दल की बैठक में स्पष्ट कर दिया था कि राहुल गांधी अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं होते हैं तो उन्हें ही कांग्रेस का अध्यक्ष बनना पड़ेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के पहले ही कार्यक्रम घोषित हो रखा है। 22 सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 17 अक्टूबर को मतदान होना है। कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा है कि गांधी परिवार का कोई सदस्य यदि चुनाव नहीं लड़ता है तो वे स्वयं अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। थरूर की इस घोषणा से जाहिर है कि अशोक गहलोत निर्विरोध अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे। चूंकि अशोक गहलोत को गांधी परिवार का आशीर्वाद है, इसलिए चुनाव होने पर उनके अध्यक्ष बनना तय है। देखना होगा कि शशि थरूर की तरह गहलोत को कांग्रेस के कितने नेता चुनौती देते हैं।