गौरैया संरक्षण पर चर्चा

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गौरैया संरक्षण पर चर्चा
गौरैया संरक्षण पर चर्चा

नन्ही गौरैया का कृत्रिम घोंसला भेंट कर गौरैया संरक्षण पर चर्चा।

पंचदेव यादव

लखनऊ। मेरी प्यारी गौरैया मुहिम संचालक पंक्षी प्रेमी महेश साहू ने डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविधालय के कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह से शिष्टाचार मुलाकात कर मेरी प्यारी गौरैया का कृत्रिम घोंसला भेंट कर नन्ही गौरैया संरक्षण पर चर्चा की।राजधानी निवासी मेरी प्यारी गौरैया मुहिम संचालक पंक्षी प्रेमी महेश साहू ने बताया कि विश्वविधालय के कुलपति से मुलाकात कर नन्ही गौरैया व पार्यावरण संरक्षण पर चर्चा की शीघ्र ही विश्वविधालय परिसर में गौरैया व पार्यावरण संरक्षण पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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गौरैया आसानी से घर के अंदर घोंसला बना लेती थी। घरों की बाहरी दीवार में बने मोखला भी गौरैया का घर होते थे. समय के साथ मकान बनाने में परिवर्तन आते गए। अब मकान छोटे और पूरी तरह बंद हो गए हैं। घरों के आसपास पेड़ भी नहीं रहे इस वजह से गौरैया के घोंसले विलुप्त हो गए हैं। गौरैया की संख्या कम होने का बड़ा कारण यह भी है कि देश भर में वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव और पर्यावरण में पिछले कुछ वर्षों से हो रहे परिवर्तन की गौरैया तेजी से विलुप्त होती जा रही है। विश्व गौरैया दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य इस चिरैया की रक्षा और संरक्षण करना है। आपको बता दें कि पंक्षी प्रेमी महेश साहू द्वारा वर्ष 2017 से मेरी प्यारी गौरैया मुहिम चलाकर नन्ही गौरैया व पार्यावरण संरक्षण के लिए आम जनमानस व छात्र छात्राओं को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं ‌। इस मौके पर सेवा भारती पश्रिम भाग सह सचिव मनीष गुप्ता उपस्थित रहे।

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