1 जून से 31 अगस्त तक मत्स्य आखेट को प्रतिबंधित-जिलाधिकारी

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अयोध्या। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि वर्षा ऋतु में भारतीय मेजर कार्य मछलियां यथा कतला, रोहू, नैन तथा विदेशी कार्य मछलियां यथा ग्रास कार्प, सिल्वर कार्प व कामन कार्प प्रजनन करती है। इन मछलियों के संवर्धन व संरक्षण हेतु यूपी फिशरीज एक्ट 1948 के प्राविधानों व शासनादेश के तहत 15 जून से 30 जुलाई तक तालाबों, झीलों, नालों, नदियों से मछलियों को पकड़ना, बेचना, आयात-निर्यात आदि पर तथा 15 जून से 30 सितम्बर तक मत्स्य जीरा, फ्राई, फिंगर लिंग व 10 इंच तक मछलियों का पकड़ना प्रतिबंधित है।

इसी प्रकार जलाशयों में मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध है। नदियों में मत्स्य आखेट हेतु पट्टा/ठेका का अधिकार दिये जाने सम्बंधित राजस्व विभाग 1 जून से 31 अगस्त तक मत्स्य आखेट को प्रतिबंधित तथा नदियों में रिवर रैचिंग का प्राविधान है। उन्होंने उक्त प्राविधानों के आलोक में प्रतिबंधित अवधि में जनपद अयोध्या की सीमा में प्रवाहित होने वाली नदियों में मछली पकड़ने, नष्ट करने एवं मत्स्य शिकारमाही को प्रतिबंधित किया जाता है।

उक्त अवधि में मछली पकड़ने, बिक्री करने व आयात-निर्यात की चैकिंग हेतु मत्स्य विभाग/पुलिस विभाग/राजस्व विभाग की टीम को अधिकृत किया जाता है। निर्दिष्ट अवधि में जो भी व्यक्ति नदियों में मत्स्य बीज निकासी एवं अवैधानिक शिकार/बिक्री करते पकड़ा जाता है तो उसके विरूद्व यूपी फिशरीज एक्ट 1948 के अन्तर्गत नियमानुसार दण्डनात्मक कार्यवाही की जायेगी। मत्स्य विभाग के अधिकारियों की देखरेख में 70 एमएम आकार की 2000 मत्स्य अंगुलिकायें प्रति किमी0 की दर से नदियों में पुर्नस्थापित करने के लिए रिवर रैचिंग करायी जायेगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। प्रतिबंधों और शासनादेशों के बारे में और अधिक जानकारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण से प्राप्त की जा सकती है।