ज़िलाधिकारी ने राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा की

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ज़िलाधिकारी ने राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा की
ज़िलाधिकारी ने राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा की

लखनऊ। ज़िलाधिकारी ने की राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक। आज कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निम्नवत दिशा निर्देश दिए गए :-

1- बैठक की शुरुआत ज़िलाधिकारी द्वारा IGRS व मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत ऑनलाइन प्राप्त होने वाले प्रकरणों की समीक्षा से की गई। ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि IGRS प्रकरणों के सभी निस्तारण गुणवत्तापूर्ण हो। निस्तारण करते समय यदि आवश्यकता हो तो अपर ज़िलाधिकारियों से निस्तारण के सम्बन्ध में मार्गदर्शन प्राप्त करना सुनिश्चित किया जाए। ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए कि जो रिपिटेड प्रकरण है उनका निस्तारण आन स्पॉट किया जाए ताकि दुबारा वही प्रकरण वापस न आने पाए। उक्त के साथ ही तहसील दिवसों में 1 साल में जितने प्रकरण प्राप्त हुए है उनके निस्तारणो का प्रिंट निकल कर उन में से रिपीट होने वाले प्रकरणों को चिन्हित करके उनके निस्तारणो की गुणवत्त्ता का परीक्षण किया जाए। यदि निस्तारण गुणवत्तापरक नही प्रतीत हो तो ऐसे प्रकरण को तत्काल दुबारा निस्तारित किया जाए। यदि प्रकरण निस्तारण योग्य नही है तो शिकायकर्ता को बुला कर संवाद करे उसको समझाए। IGRS के प्रकरणों के सम्बंध में किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नही किया जाएगा। IGRS के प्रकरणों में यदि कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो कार्यवाही निश्चित है।

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2- उक्त के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा देयो से सम्बंधित बिंदु की समीक्षा की गई। समीक्षा में संज्ञान में आया कि मुख्य देयो में तहसील सदर व विभिन्न देय मद में तहसील सदर व मलिहाबाद की प्रगति सब से कम है। जिसके सम्बन्ध में ज़िलाधिकारी द्वारा वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए। ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि हर सप्ताह प्रातः कलेक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा समस्त तहसीलदारों के साथ वसूली की गहन समीक्षा करना सुनिश्चित करे और इसी प्रकार समस्त तहसीलदारों द्वारा अपनी अपनी तहसीलों में सप्ताह में एक बार समस्त अमीनो के साथ गहन समीक्षा करते हुए वसूली की कार्यवाही को तेज किया जाएगा और जिन अमीनो प्रगति खराब होगी उनको स्पष्टीकरण जारी किया जाए। आर0सी0 की वसूली के सम्बंध में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि समस्त उप जिलाधिकारी व समस्त तहसीलदार स्वयं कमांड ले। सभी आ0सी0 को कंसलिडेट करे और वसूली करना सुनिश्चित करे। उक्त के साथ ही रेरा की वसूली के सम्बंध में निर्देश दिए गए कि जितने भी बाक़ीदार है जिनके खाते सीज किये गए है वह सेलर (विक्रेता) के रूप में किसी भी सब रजिस्ट्रार के यहां अपना बैंक खाता चेंज करके यदि रजिस्ट्री कराते है तो यह सब रजिस्ट्रार का दायित्व होगा कि इसकी सूचना वह सम्बंधित उप जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। ताकि उस खाते को भी सील किया जा सके।

3- शिकायती प्रार्थना पत्र के निस्तारण सम्बंधित बिंदु की समीक्षा के दौरान संज्ञान में आया कि 2 माह से अधिक के कुछ प्रार्थना पत्र अभी भी लंबित है जिसके सम्बन्ध में ज़िलाधिकारी द्वारा नाराज़गी व्यक्त की गई। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा बताया गया कि प्राथमिकता पर ऐसे प्रकरण जो कि 1 माह और 2 माह से अधिक अवधि के लंबित है उनका निस्तारण कराया जा रहा है। जिसके सम्बन्ध में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि अगले 15 दिनों के भीतर 1 माह से अधिक के जितने भी प्रकरण लंबित है उनका शत प्रतिशत निस्तारण कराना सुनिश्चित कराया जाए।

4- अंश निर्धारण की समीक्षा के दौरान ज़िलाधिकारी द्वारा समस्त उप ज़िलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सभी तहसीलों में इस माह टारगेट शत प्रतिशत ऐसे खाते चिन्हित करने का है जिसमे सिंगल वल्दियत हो। चिन्हांकन के बाद लेखपालो के द्वारा ऐसे खाता धारकों को फार्म भरवाते हुए उनके बटवारे कराए जाना सुनिश्चित किया जाए ताकि भविष्य में भूमि विवाद की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। उक्त के साथ ही जो सरकारी गाटे प्राइवेट लोगो के साथ मिनजुमला है उनका विभाजन 30(2) में करते हुए सरकारी भूमि की फेंसिंग कराना सुनिश्चित किया जाए।

5- बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि सबसे अधिक भूमि विवाद वाले गांवो को चिन्हित किया जाए और उनकी पैमाईश कराना सुनिश्चित किया जाए। सभी उप जिलाधिकारी पूरी सूचना एकत्रित करते हुए विवादों को मूल से समाप्त करने की कोशिश करे।

6- बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए कार्य करना सुनिश्चित करे। भ्रष्टाचार करने वाले और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वालो को कदापी बख्शा नही जाएगा। सभी अधिकारी भ्रष्टाचार पर पूर्णतः अंकुश लगाना सुनिश्चित करे।

7- उक्त के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा बैठक में आर्थिक सहायता के प्रकरणों की गहन समीक्षा की गई। ज़िलाधिकारी बताया गया कि आर्थिक सहायता का कोई भी प्रकरण लंबित नही होना चाहिए। आर्थिक सहायता के प्रकरणों का निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जाए। ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि आर्थिक सहायता से सम्बंधित समस्त प्रकरणों पर 24 घंटे के भीतर कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए।अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ. बिपिन कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी पूर्वी अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती राकेश सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व हिमांशु गुप्ता, समस्त उप ज़िलाधिकारी, समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, समस्त तहसीलदार व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। ज़िलाधिकारी ने राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा की